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Rajasthan : 3 बहनों के अलावा तीन सगे भाइयों ने भी एक साथ पास की RAS परीक्षा, जानिए इनकी स्ट्रेटेजी

राजस्थान में साक्षरता में सबसे पिछड़े जिले जालोर में बिश्नोई परिवार के बेटों ने कर दिखाया कमाल

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जालोर, 16 जुलाई। राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2018 का हाल ही रिजल्ट जारी होने के साथ ही कई परिवारों को दोहरी खुशी मिली है। इन परिवारों में दो या से अधिक सदस्यों का आरएएस परीक्षा 2018 में एक साथ चयन हुआ है।

 Three brothers crack Rajasthan Administrative Services exam 2018 together

आरएएस परीक्षा 2018 में झुंझुनूं जिले के चिड़ावा की मुक्ता राव ने टॉप किया है। वहीं दूसरे स्थान पर टोंक के मनमोहन शर्मा व तीसरे स्थान पर जयपुर की शिवाक्षी खांडली रही हैं।

हनुमानगढ़ की तीन सगी बहनों ने एक साथ पास की आरएएस परीक्षा

हनुमानगढ़ की तीन सगी बहनों ने एक साथ पास की आरएएस परीक्षा

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रावतसर तहसील के गांव भैरूंसरी के सहदेव सहारण की तो तीन बेटियां रितु, अंशु और सुमन ने एक साथ आरएएस परीक्षा में बाजी मारी है दो बेटियां मंजू व रोमा पहले से आरएएस हैं। अब सहदेव की सभी पांचों बेटियों का आरएएस में चयन हो चुका है।

जालोर के गांव करावड़ी के हैं ये आरएएस भाई

जालोर के गांव करावड़ी के हैं ये आरएएस भाई

कुछ ऐसा ही कमाल राजस्थान के जालोर जिला मुख्यालय से 150 किलोमीटर दूर गांव करावड़ी के बिश्नोई परिवार के तीन सगे भाइयों ने कर दिखाया है। तीनों ने आरएएस परीक्षा 2018 एक साथ पास की है। ऐसा करने वाले ये तीनों भाई जालोर जिले में पहले शख्स हैं।

साक्षरता में सबसे पिछड़ा है जालोर

साक्षरता में सबसे पिछड़ा है जालोर

जालोर के सांचोर इलाके के गांव करावड़ी के तीनों सगे भाइयों का राजस्थान प्रशासनिक सेवा में एक साथ चयन होना इसलिए भी खास है कि जालोर साक्षरता के मामले में पूरे प्रदेश में सबसे पिछड़ा है। इसके बावजूद तीन-तीन भाइयों का एक साथ आरएएस परीक्षा पास करना पूरे जालोर के लिए गौरव की बात है।

 शिक्षक के तीन बेटे एक साथ बने अफसर

शिक्षक के तीन बेटे एक साथ बने अफसर

अनिल सारण ने वन इंडिया हिंदी से बातचीत में तीनों भाइयों के बचपन से लेकर एक साथ आरएएस परीक्षा 2018 में चयन होने तक की पूरी कहानी बयां की। एक साथ आएएस परीक्षा क्रैक करने वाले ये होनहार बेटे जालोर के गांव करावड़ी के आसुराम सारण व केली देवी की संतान हैं। आसुराम राउमावि हरियाली जालोर में शिक्षक हैं।

अनिल बताते हैं कि आरएएस की तैयारी के दौरान हमने किसी सब्जेक्ट को कल पर नहीं टाला। टाइम टेबल का पूरी तरह से पालन किया। साथ ही हर विषय का डिटेल में समझा ताकि उसमें कहीं से भी घूमा फिराकर सवाल आए तो दिक्कत ना हो।

 दो-दो बार पास की आरएएस परीक्षा

दो-दो बार पास की आरएएस परीक्षा

अनिल सारण ने बताया कि बड़े भाई दिनेश ने इस साल उनके साथ पहली बार आरएएस परीक्षा की है जबकि अनिल व छोटे भाई विकास का राजस्थान प्रशासन सेवा परीक्षा 2016 में भी चयन हो चुका था। अब दोनों ने लगातार दूसरी बार बाजी मारी है।

अनिल सारण, रैंक 338, आरएएस परीक्षा 2018

अनिल सारण, रैंक 338, आरएएस परीक्षा 2018

अनिल सारण ने आरएएस परीक्षा 2018 में 338वीं रैंक हासिल की है जबकि साल 2016 में 74वीं रैंक प्राप्त कर आरपीएस बने थे। वर्तमान में अनिल बतौर आरपीएस राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस बार रैंक अधिक होने पर आरपीएस के रूप में ही सेवाएं देंगे। इससे पहले अनिल तृतीय श्रेणी शिक्षक भी रह चुके हैं।

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दिनेश सारण, रैंक 322, आरएएस परीक्षा 2018

दिनेश सारण, रैंक 322, आरएएस परीक्षा 2018

तीन भाइयों में दिनेश सारण सबसे बड़े हैं। इनकी बतौर आरएएस दूसरी सरकारी नौकरी है। इससे पहले पटवारी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। अब आरएएस परीक्षा 2018 में दिनेश सारण ने 322वीं रैंक प्राप्त की है।

 विकास सारण, रैंक 250, आरएएस परीक्षा 2018

विकास सारण, रैंक 250, आरएएस परीक्षा 2018

विकास सारण भी बड़े भाइयों के नक्शे कदम पर चलकर दो बार सरकारी नौकरी लग चुके हैं। दोनों बार में आरएएस परीक्षा ही पास की है। साल 2016 में तहसीलदार बने। वर्तमान में आबूरोड़ में नायब तहसीलदार पद पर सेवारत हैं। आरएएस 2018 में विकास को 250वीं रैंक मिली है।

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 पांचों दोस्तों का आरएएस में चयन

पांचों दोस्तों का आरएएस में चयन

अनिल बताते हैं कि वे अपने दोनों भाई विकास व दिनेश और दो दोस्त सुनील बिश्नोई व जोखाराम के साथ भाटिया आश्रम सूरतगढ़ श्रीगंगानगर से आरएएस की कोचिंग किया करते थे। पांचों किराए का मकान लेकर रहते हैं। खास बात है कि आरएएस परीक्षा 2018 में पांचों का एक साथ चयन हो गया। सुनील को 199 व जोखाराम को 339वीं रैंक मिली है।

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English summary
Three brothers crack Rajasthan Administrative Services exam 2018 together
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