फिर आ रही है वो तारीख 11 जून, जब पायलट ने तैयार किया था बगावत रोडमैप, जानिए इस बार क्या होगा?
जयपुर, 10 जून। तारीख 11 जून 2020। सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि का मौका था। राजस्थान के दौसा के भंडाना में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में पायलट गुट के कई विधायक व नेता जुटे थे।
राजस्थान सियास संकट 2020 की वजह
माना जाता है कि राजस्थान सियास संकट 2020 का रोडमैप पायलट के पिता की पुण्यतिथि वाले इसी कार्यक्रम में बना था। इसके ठीक दो दिन बाद तत्कालीन उप मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट और उनके सभी समर्थक विधायक हरियाणा के मानेसर स्थित एक होटल में एकत्रित हुए और राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत का एलान किया।
विधायक हेमाराम चौधरी का इस्तीफा
एक बार फिर वहीं 11 जून की तारीख लौट रही है। स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर इस बार भी कार्यक्रम का आयोजन होना है, जिसमें सचिन पायलट समेत कांग्रेस के कई और नेता भी जुट सकते हैं। हाल ही में सचिन पायलट गुट के असंतुष्ट विधायक हेमाराम चौधरी ने विधायक पद से इस्तीफा दिया है और अगले ही दिन पायलट गुट के एक और विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने इस्तीफा देने की धमकी दे डाली।
हेमाराम चौधरी के इस्तीफे का समर्थन करते हुए सोलंकी ने कहा कि केवल चौधरी ही पीड़ित नहीं हैं बहुत से विधायकों की ऐसी हालत है। कई विधायक गहलोत सरकार में अंदर ही अंदर घुट रहे हैं, लेकिन चुप है।
भंवर जितेंद्र सिंह का बयान
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या ये चुप्पी अब लावा बनकर भड़कने वाली है। पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह का ताजा बयान भी इसी और इशारा कर रहा है कि राजस्थान की सियासत में बगावत की चिंगारी अभी शांत नहीं हुई है। जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सचिन पायलट से किए गए वादे पूरे होने चाहिए। पायलट ने अपनी बात रख कर कुछ भी गलत नहीं किया।
कांग्रेस करेगी महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन
राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर होने वाले पुष्पांजलि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता और जनप्रतिनिधि शामिल होने पहुंचते हैं, लेकिन इस बार राजस्थान कांग्रेस ने इसी दिन महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कार्यक्रम निर्धारित किया है।
बगावत की संभावनाओं को किया खारिज
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस ने ऐसा जानबूझकर किया है ताकि 11 जून को पायलट की पुण्यतिथि में कम से कम कांग्रेसी नेता शामिल हो और ज्यादातर नेता कांग्रेस के इस प्रदर्शन में मौजूद रहे ताकि बगावत की संभावनाओं को खारिज किया जा सके। मीडिया से बातचीत में खुद पायलट कह चुके हैं कि वे कांग्रेसी हैं और कांग्रेस में ही रहेंगे।
भीड़ जुटने की संभावना नहीं
हालांकि कोरोना गाइडलाइन के चलते स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि कार्यक्रम में ज्यादा भीड़ जुटने की संभावना नहीं है, लेकिन सियासी बगावत के लिए जितने विधायक और नेता पायलट गुट को चाहिए। अगर उतने आ गए तो सियासत का खेल किस ओर जाएगा अभी कहा नहीं जा सकता।