CP Joshi : कभी 1 वोट से हारकर CM बनने से चूके, अब पायलट की काट के लिए जोशी को सीएम बनाएंगे गहलोत
जयपुर, 22 सितम्बर। राजनीति में वक्त कब किसकी कुर्सी छीन ले और कब किसके सिर पर ताज सजा दे? कोई नहीं जानता। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव 2022 तो राजस्थान की राजनीति को लेकर कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के दिग्गज कांग्रेस नेता सीपी जोशी की।
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एक वोट से चुनाव हार जाने के कारण इनसे सीएम की कुर्सी खिसक गई थी
सीपी जोशी वर्तमान राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष हैं। जोशी राजस्थान विधानसभा चुनाव 2008 में मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे थे, मगर महज एक वोट से चुनाव हार जाने के कारण इनसे सीएम की कुर्सी खिसक गई थी। सीएम अशोक गहलोत बने। अब खुद अशोक गहलोत ही अपनी कुर्सी खाली होती देख सीपी जोशी को सीएम बनाना चाह रहे हैं।
24 सितम्बर से नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे
दरअसल, भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। 24 सितम्बर से नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला राजस्थान सीएम अशोक गहलोत व केरल के तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर में होने की उम्मीद है। अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें राजस्थान मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि राजस्थान का नया सीएम कौन बनेगा?
राजस्थान की राजनीति की नई तस्वीर बनेगी
अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव जीतने की स्थिति में राजस्थान की राजनीति की नई तस्वीर बनेगी। सीपी जोशी अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस की जीत के बाद से ही मुख्यमंत्री बनने को लेकर अशोक गहलोत व सचिन पायलट गुट के खींचतान शुरू हो गई थी। तब अशोक गहलोत को सीएम और सचिन पायलट को डिप्टी सीएम पद मिला। सचिन पायलट पीसीसी चीफ भी थे। दोनों कांग्रेस नेताओं के बीच की खींचतान राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के दो साल बाद उस वक्त खुलकर सामने आ गई थी जब 2020 में सचिन पायलट ने अपने गुट के विधायकों को साथ लेकर हरियाणा के होटल में आकर डेरा डाला।
डिप्टी सीएम और प्रदेशाध्यक्ष पद गंवाना पड़ा
राजस्थान सियासी संकट 2020 कई दिन तक छाया रहा था। उस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने भी फ्रंट फुट आकर सियासी दांव खेले। सचिन पायलट की बगावत का नतीजा यह निकला था कि उन्हें डिप्टी सीएम और प्रदेशाध्यक्ष पद गंवाना पड़ा। अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को किनारे लगाकर अपने करीबी नेता गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष बनाया। सचिन पायलट सिर्फ टोंक से विधायक रह गए।
अशोक गहलोत व सचिन पायलट के सियासी रिश्ते नहीं सुधरे
दो साल बाद 2022 तक भी अशोक गहलोत व सचिन पायलट के सियासी रिश्ते नहीं सुधरे। इस बीच कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव आ गए और अशोक गहलोत मैदान में उतरने वाले हैं। ऐसे में अशोक गहलोत के जीतने पर उन्हें राजस्थान मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा। वहीं, सचिन पायलट गुट भी माहौल बनने में लग गया कि अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष और सचिन पायलट को राजस्थान सीएम बनाया जाए। मीडिया की खबरों के अनुसारा अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा है।
29 जुलाई 1970 को जन्मे सीपी जोशी
अब बात अगर सीपी जोशी की करें तो ये राजस्थान में ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। अशोक गहलोत की तरह ये भी गांधी परिवार के करीबी नेताओं में से एक हैं। इनके पास भी राजनीति की लंबा अनुभव है। राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं। 29 जुलाई 1970 को जन्मे सीपी जोशी राजस्थान के राजसमंद जिले की नाथद्वारा सीट से 1980, 1985, 1998 और 2003 में विधायक रह चुके हैं।
2008 में सीपी जोशी सीएम बनने की रेस में सबसे आगे थे
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2008 में सीपी जोशी सीएम बनने की रेस में सबसे आगे थे। दूसरे नंबर पर अशोक गहलोत थे। सीपी जोशी ने फिर नाथद्वारा सीट से भाग्य आजमाया। इनके सामने भाजपा के कल्याण सिंह चौहान थे। सीपी जोशी को 62 हजार 215 और कल्याण सिंह चौहान को 62 हजार 216 वोट मिले। सीपी जोशी एक वोट से चुनाव हार गए और सीएम भी नहीं बन सके थे।
क्या सीपी जोशी को राजस्थान CM बनाएंगे अशोक गहलोत या अबकी बार सचिन पायलट सरकार?