पीएफआई पर बैन करने के फैसले का अजमेर दरगाह दीवान ने किया स्वागत, देश के युवाओं को दी यह सलाह
जयपुर, 28 सितंबर। अजमेर दरगाह के दीवान जैनुअल आबेदीन ने केंद्र सरकार के पीएफआई को बैन करने के फैसले का स्वागत किया है। दरगाह दीवान ने कहा कि पीएफआई पर बहुत पहले बैन लग जाना चाहिए था। केंद्र सरकार का पीएफआई को बैन करने का फैसला काबिले तारीफ है। ये 5 साल पहले से षड्यंत्र रच रहे थे। लेकिन जांच पड़ताल के बाद यह कदम उठाया गया है। अब कोई गुंजाइश नहीं है। केंद्र सरकार के पीएफआई को बैन करने के फैसले के बाद दरगाह दीवान ने बयान जारी कर कहा कि इस किस्म की जितनी जमायते काम कर रही है। उनके खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। ताकि देश की एकता और अखंडता बनी रहे। दरगाह दीवान ने नौजवानों से आग्रह किया कि वे ऐसे संगठनों के बहकावे में नहीं आए। देश हित में काम करें। देश अगर सुरक्षित है तो हम सुरक्षित है। किसी भी संस्था या विचार से बढ़कर देश होता है। यदि कोई इस देश को तोड़ने की बात करें या इस देश की एकता और संप्रभुता तोड़कर देश के अमन को खराब करने की बात करता है तो उसे इस देश में रहने का हक नहीं है।
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन कॉउंसिल ने भी किया स्वागत
पीएफआई और इसके सहयोगी संगठनों और उससे संबंधित संस्थाओं पर लगे प्रतिबंध का ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन नसरुद्दीन किसी ने भी केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। चिश्ती ने कहा कि काउंसिल का यह मानना है कि कानून के अनुपालन और आतंकवाद की रोकथाम के लिए अगर यह कार्रवाई की गई है तो इस पर सभी को धीरज से काम लेना चाहिए। सरकार और जांच एजेंसियों के इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिए। काउंसिल भारत की एकता और संप्रभुता और देश के अमन के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। भविष्य में भी देश विरोधी ताकतों के खिलाफ हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे।
देश की स्थिरता और शांति के प्रयास में मदद करें मुसलमान
काउंसिल के चेयरमैन नसरुद्दीन सिस्टर ने कहा कि पीएफआई की देश विरोधी गतिविधियों की लगातार खबरें आ रही है। देश के मुसलमानों के लिए यह विचारणीय बिंदु है कि मूल रूप से वह भी विचारधारा के साथ युवाओं का ब्रेनवाश करने के पीएफआई के आरोपों पर गौर करते हुए मुसलमानों को देश की स्थिरता और शांति के लिए प्रयास में मदद करनी चाहिए। ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल ने 30 जुलाई को दिल्ली में आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सामने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सबसे पहले मांग की थी।