राजस्थान क्राइम रिकॉर्ड : वर्ष 2019 में 31 फीसदी बढ़े अपराध, सरकार की उपलब्धि या नाकामी?
जयपुर। राजस्थान में अपराध के ये वो आंकड़े हैं, जो कानून व्यवस्था की भयावह तस्वीर पेश कर रहे हैं। राजस्थान में अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हैं। ये आंकडे उसकी गवाही दे रहे हैं। हत्या, डकैती, लूट, दुष्कर्म, छेड़छाड़ जैसे जघन्य अपराधों में वर्ष 2019 में वर्ष 2018 की तुलना में बढ़ोतरी हुई है।
साल 2019 में प्रदेश में 2 लाख 25 हजार 306 केस दर्ज हुए हैं जो 2018 की तुलना में 31 फीसदी ज्यादा हैं। खासकर महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। अपराध के इन आकंड़ों में भी सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। सीएम अशोक गहलोत जो खुद राजस्थान के गृह मंत्री भी हैं।
एफआईआर अनिवार्य करवाई, इसलिए बढ़ा आंकड़ा-गहलोत
गहलोत
इस
साल
में
राजस्थान
में
अपराध
बढ़ने
की
वजह
बताते
हैं
कि
अपराध
के
मामले
में
राजस्थान
अन्य
राज्यों
से
बेहतर
है।
अपराध
के
आंकड़े
बढ़ने
ही
थे,
क्योंकि
हमने
हर
पुलिस
थाने
के
लिए
अनिवार्य
कर
दिया
था
कि
जो
भी
फरियादी
आए
उसकी
शिकायत
पर
मामला
हर
हाल
में
दर्ज
हो।
यह
ऐसा
फैसला
है
जो
देश
में
किसी
राज्य
ने
लिया।
देश
में
राजस्थान
इकलौता
स्टेट
बना,
जिसने
एसपी
कार्यालय
में
भी
मामला
दर्ज
करने
का
प्रावधान
लागू
किया।
11 माह में संगीन अपराध बढ़े-पूनिया
राजस्थान में अपराधों के बढ़ते आंकड़ों पर भाजपा प्रदेशाध्यख सतीश पूनिया बताते हैं कि यह देश और प्रदेश के लिए चिंता की स्थिति है। यह मानसिक विकृति होने के साथ साथ कानून व्यवस्था को चुनौती जरूर है। प्रधानमंत्री जी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का आह्वान किया था, मगर आज बेटी का सम्मान दांव पर है। राजस्थान में बीते 11 माह में एक लाख 42 हजार अपराध हुए हैं। इनमें रेप, हत्या व डकैती की जैसी संगीन वारदातें ज्यादा हैं। अलवर थानागाजी गैंगरेप की घटना पूरे राजस्थान को देशभर में शर्मसार किया।
तेजी से किया निपटारा-राजस्थान डीजीपी
राजस्थान डीजीपी भूपेंद्र सिंह कहते हैं कि साल 2019 में राजस्थान में जिस तेजी से अपराध बढ़े हैं। राजस्थान पुलिस ने करीब-करीब उसी तेजी से पुराने अपराधों का निपटारा भी किया है। साल 2019 में 2 लाख 7 हजार केसों का निपटारा किया है, जो कि 2018 के मुकाबले 28 फीसदी ज्यादा है। राजस्थान के डीजीपी केसों के निपटारे का श्रेय तकनीक और युवा पुलिस कर्मियों को देते हैं।