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विशाखा मामले में जस्टिस वर्मा का फैसला मील का पत्थर, उपराष्ट्रपति बोले उनके विचार नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा

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जबलपुर, 18 सितंबर: जस्टिस जेएस वर्मा न्यायिक ज्ञान और संवैधानिक मर्यादाओं के प्रतीक थे। न्याय के क्षेत्र में जिस पारदर्शिता से उन्होंने विधि जगत का सम्मान बढ़ाया उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। यह बात देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जबलपुर में कहीं। यहां जस्टिस वर्मा की स्मृति में आयोजित व्याख्यान माला में वें पहुंचे थे। धनखड़ बोले कि उनके पथ प्रदर्शक निर्णय और विचार आने वाली पीढ़ियों के प्रेरणा हैं। आयोजन में पहुंचे सीएम शिवराज बोले के विशाखा मामले में जस्टिस वर्मा का फैसला मील का पत्थर साबित हो रहा हैं।

लोकतंत्र, कानून के शासन का अमृत है

लोकतंत्र, कानून के शासन का अमृत है

मप्र के जबलपुर में जस्टिस जेएस वर्मा की स्मृति में व्याख्यान माला का आयोजन किया गया था। जिसमें देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत विधि न्याय जगत से जुड़े न्यायधीश और कई हस्तियाँ शामिल हुई। उपराष्ट्रपति ने इस अवसर जस्टिस वर्मा के कार्यकाल को याद किया। राजस्थान हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रहते हुए वर्मा की निष्पक्ष भाव की उस कार्यशैली का जिक्र किया, जिसमें कामकाजी महिलाओं के शोषण की समस्या को बेहद गम्भीरता से लिया था। उन्हीं की पारदर्शी सोच का नतीजा था कि विशाखा गाइडलाइन की अभूतपूर्व सौगात मिली । उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे शास्त्र कहते हैं 'धर्मो रक्षति रक्षितः' यानी कानून हमारी रक्षा करता है,' अगर हम इसकी पवित्रता को बनाए रखते हैं'। उन्होंने लोकतंत्र को कानून के शासन का अमृत बताया।

सीएम शिवराज बोले, विशाखा मामले का फैसला मील का पत्थर

सीएम शिवराज बोले, विशाखा मामले का फैसला मील का पत्थर

आयोजन में शामिल मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बोले कि जस्टिस वर्मा ने मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे न्याय जगत का सीना गर्व से चौड़ा किया है। 1997 में महिलाओं के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखने वाला विशाखा केस का फैसला कभी नहीं भुलाया जा सकता। उसके आधार पर संसद को क्रिमनल लॉ में कई संसोधन करने पड़े। पिछले कुछ दिनों पहले राजधानी भोपाल में एक बच्ची के साथ हुई घटना का जिक्र भी किया। सीएम बोले कि मप्र में अब ऐसा कानून बनाया गया है कि ताकि मासूम बच्चियों के साथ दुराचार करने वालों फांसी की कठोर सजा मिल सकें। मुख्यमंत्री ने न्याय की भाषा को मातृ भाषा करने पर जोर दिया और वर्तमान परिस्थितियों की जरुरत बताई।

अनुशासन इतना सख्त कि परछाई से भी डर जाए कोई

अनुशासन इतना सख्त कि परछाई से भी डर जाए कोई

राज्य सभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने कहा कि जस्टिस जेएस वर्मा सख्त मिजाज के थे। अपने कर्तव्य के प्रति अनुशासन इतना कि लोग उनकी परछाई से भी डर जाए। तन्खा ने जस्टिस वर्मा के वकालत के दिनों के भी याद दिलाई। बोले कि किसी भी मामले की पैरवी के दौरान उनकी तर्क शैली से न्यायधीश भी आश्चर्यचकित रह जाते थे। बाद में जब वह खुद न्यायधीश बने तो उनके फैसले आइकॉन बन गए। किसी भी केस फ़ाइल या दस्तावेज को पढ़े बगैर साइन ना करने की सीख भी उन्हीं से मिली।

मेयर ने भेंट की शहर के अतीत जुड़ी बुक

मेयर ने भेंट की शहर के अतीत जुड़ी बुक

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय किशन कौल, जे के माहेश्वरी और विधि जगत से जुड़ी महत्पवपूर्ण कई हस्तियों ने भी अपने संस्मरण बताए। इसके साथ ही जबलपुर के मेयर जगतबहादुर सिंह अन्नू ने इस शहर के अतीत से जुड़ी टेबल बुक भी सभी अतिथियों को भेंट की। शहर के जिस हॉल में यह आयोजन हो रहा था, उसमें शामिल होने विधि क्षेत्र के छात्र छात्राएं, इतने उत्सुक थे कि वह मुख्य समारोह के नजदीक एक होटल में लाइव स्ट्रीमिंग से जुड़े।

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English summary
Justice J.S. Verma Memorial Lecture vice president jagdeep dhankhar said landmark judgment of Vishaka
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