आर्थिक मंदी की तरफ दुनिया, चीन-US का बुरा हाल.. वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट में रॉकेट की रफ्तार से भारत का विकास
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है, कि विश्व की ए़डवांस अर्थव्यवस्थाओं के विकास दर में भी भारी कमी देखी जाएगी 2022 में ग्रोथ रेट 2.5 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 0.5 प्रतिशत होने का अनुमान है।
World Bank Report On India: वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट में साल 2023 के लिए चिंताजनक रिपोर्ट जारी की गई है और आशंका जताई गई है, कि दुनिया के ज्यादातर देशों के विकास की रफ्तार धीमी रहेगी। इसके साथ ही वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में संभावना जताई गई है, कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में आया एक नया झटका, पूरी दुनिया को आर्थिक मंदी की चपेट में धकेल देगा। लेकिन, वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में भारत को लेकर बड़ी संभावनाएं जताई गई हैं और कहा गया है, कि भले ही वैश्विक विकास दर की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी, लेकिन भारत का ग्रोथ रेट लगातार बढ़ता रहेगा।
भारत को लेकर अच्छे अनुमान
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। विश्व बैंक ने 10 जनवरी को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि भले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था के ग्रोथ के लिए एक निराशाजनक दृष्टिकोण का अनुमान लगाया गया है, लेकिन इस दौरान भारत का विकास दर काफी अच्छा रहेगा। वहीं, विश्व बैंक ने चेतावनी दी है, कि दुनिया की सभी शीर्ष अर्थव्यवस्थाएं, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और चीन भी शामिल हैं, उनमें कमजोर वृद्धि के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल आर्थिक मंदी के "खतरनाक रूप से करीब" आ जाएगी। विश्व बैंक ने अपनी 'ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स' रिपोर्ट में अनुमान लगाते हुए कहा है, कि "अनुमानित वैश्विक मंदी से भारत में सीमित स्पिलओवर के कारण" दक्षिण एशियाई क्षेत्र में बाकी दुनिया के मुकाबले तुलनात्मक रूप से लचीला बना हुआ है।
भारत को लेकर रिपोर्ट में क्या है?
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है, कि भारत की विकास दर वित्त वर्ष 2023-24 में धीमी होकर भी 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। वर्ल्ड बैंक ने कहा है, कि गिरने के बाद भी भारत का विकास दर 6 प्रतिशत से ऊपर बना रहेगा। आपको बता दें कि, पिछले महीने वर्ल्ड बैंक ने भारत के विकास दर को लेकर अनुमान लगाया था, उसमें वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के ग्रोथ रेट का अनुनाम 6.4 प्रतिशत लगाया था। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में नोट किया गया है, कि "भारत में, जो (दक्षिण एशिया) क्षेत्र के उत्पादन का तीन-चौथाई हिस्सा कवर करता है, उसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में वार्षिक आधार पर 9.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो मजबूत निजी खपत और फिक्स्ट इन्वेस्टमेंट ग्रोथ को दर्शाती है।"
सबसे तेज वृद्धि वाला देश बन सकता है भारत
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि दुनिया के सात सबसे बड़े ईएमडीई (उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं) में भारत के सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होने की उम्मीद है। वर्ल्ड बैंक में भारत को लेकर जो रिपोर्ट है, उसमें कहा गया है कि, "भारत का माल व्यापार घाटा 2019 के बाद से दोगुना से ज्यादा हो गया है और नवंबर में भारत का व्यापार घाटा 24 अरब अमेरिकी डॉलर था, जिसमें कच्चे पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों (7.6 अरब डॉलर) और अन्य वस्तुओं (उदाहरण के लिए, अयस्क और खनिज 4.2 अरब डॉलर) के आयात ने इस घाटे की खाई को और गहरा किया है।"
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आधा हो जाएगा वैश्विक विकास दर
विश्व बैंक, जो विकास परियोजनाओं के लिए गरीब देशों को पैसा उधार देता है, उसने कहा है, कि उसने इस साल वैश्विक विकास के अपने पूर्वानुमान को लगभग आधा घटाकर केवल 1.7 प्रतिशत कर दिया है, जो उसके पिछले पुर्वानुमान 3 प्रतिशत के अनुमान से कम है। यदि यह पूर्वानुमान सटीक साबित होता है, तो पिछले 30 सालों में लगातार दूसरा मौका होगा, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास सबसे कमजोर साबित होगा। विश्व बैंक के मुताबिक, 2008 में आए भीषण आर्थिक मंदी के बाद 2020 में कोविड की वजह से आर्थिक मंदी आया है, जिससे कारोबार सेक्टर को भारी नुकसान हुआ है। हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका इस वर्ष मंदी से बच सकता है। विश्व बैंक ने भविष्यवाणी की है, कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करेगी
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