अस्पतालों में खून खत्म, बेड फुल, दवा की किल्लत, शवों से भरे मुर्दाघर... चीन को लेकर परेशान WHO
चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई प्रांतों में डॉक्टरों ने इलाज करने के लिए फीस में भारी बढ़ोतरी कर दी है। कई बार मरीजों के गुर्दे की जांच के साथ कई तरह के और टेस्ट किए जाते हैं, ताकि उनका जेब काटा जा सके।
China Covid: चीन में कोरोना वायरस की वजह से कोहराम मचा हुआ है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है, कि चीन में कोविड-19 की स्थिति के बारे में वह "बहुत चिंतित" है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, चीन में बुखार की दवाओं की लगातार कमी रिपोर्ट की जा रही है और आशंका है, कि आने वाले दिनों में चीन में कोरोना का संक्रमण और भी भयानक रूप से फैलेगा, ऐसे में दवाओं और ब्लड की कमी से भारी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है। आशंका जताई जा रही है, कि आने वाले कुछ हफ्ते चीन के लिए काफी ज्यादा भयानक होने वाले हैं।
ब्लड और दवाओं की किल्लत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में कई स्थानीय सरकारों ने घबराहट वाली मांग को पूरा करने के लिए प्रोडक्शन प्लांट में फौरन भारी संख्या में दवाओं के निर्माण के आदेश दिए हैं। वहीं, रिपोर्ट है कि, चीन के कुछ प्रांतों में मुफ्त में दवा बांटे जा रहे हैं। हालांकि, कालाबाजारी की भी रिपोर्ट चीन से आ रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपने भंडार से फ्री में लोगों को दवाएं बांटना शुरूब कर दिया है, जो अपने आप में एक दुर्लभ मामला है। चीन की सरकारी मीडिया ने भी बताया है, कि देश भर से खून की कमी की सूचनाएं मिली हैं और स्थानीय अधिकारियों ने लोगों से अधिक रक्तदान करने का आग्रह किया है।
पूरे देश में है खून की कमी
ग्लोबल टाइम्स ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि, "पूरे चीन में उत्तर से दक्षिण तक कई क्षेत्रों" में "महामारी का प्रभाव" है, जिससे रक्त की कमी की सूचनाएं मिली हैं। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि, दक्षिणी शहर ग्वांगझू में, नैदानिक रक्त के उपयोग की मांग को पूरा करने के लिए प्रत्येक दिन लगभग 1,200 रक्तदाताओं की आवश्यकता होती है। लेकिन, चीन में खून दान करने वाले लोगों की संख्या में बेतहाशा कमी आई है, जिससे पता चलता है, कि लोग काफी डरे हुए हैं। हालांकि, रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने 21 दिसंबर को लगातार दूसरे दिन कोविड से कोई नई मौत नहीं होने की सूचना दी है। जबकि, फ्यूनरल पार्लर के कर्मचारियों का कहना है, भारी संख्या में मृतक पहुंच रहे हैं कि पिछले हफ्ते मांग बढ़ी है, जिससे फीस बढ़ गई है। चीन पर मरने वालों के आंकड़े छिपाने के पहले भी आरोप लगे हैं।
दुनिया से झूठ बोल रहा है ड्रैगन
आधिकारिक आंकड़ों में चीन दुनिया से असलियत छिपाता आ रहा है और इस बार भी चीन सही जानकारी नहीं दे रहा है, लिहाजा पुर्वानुमान मॉड्यूल का उपयोग कर चीन की स्थिति पर नजर रही है। ब्रिटिश वैज्ञानिक सूचना और एनालिटिक्स कंपनी एयरफिनिटी के अनुसार, इस मौजूदा कोविड की लहर जनवरी में देश की दैनिक मामले की दर में 3.7 मिलियन की वृद्धि देख सकती है। गुरुवार को ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, समूह ने अनुमान लगाया है, "मार्च में संक्रमण का एक और उछाल आने की संभावना है, जो दैनिक कोविड मामलों को को 4.2 मिलियन तक बढ़ा देगा।"
कमजोर निकली चीन की वैक्सीन
कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने का दावा सबसे पहले चीन ने ही किया था, लेकिन, जिस तरह चीन में लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं और गंभीर स्थिति में अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं, उससे साफ जाहिर हो रहा है, कि चीनी वैक्सीन काफी कमजोर निकली है और तीन तीन खुराक लेने वाले लोग भी कोरोना से बच नहीं पा रहे हैं। चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के आंकड़ों से पता चलता है कि, मंगलवार तक चीन की मुख्य भूमि पर 3 अरब 46 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है और 90 प्रतिशत आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण किया जा चुका है। जबकि, इसी साल अगस्त की शुरुआत तक लगभग 82 करोड़ लोगों को बूस्टर शॉट दिया गया है।
डब्ल्यूएचओ ने जताई गहरी चिंता
इस बीच, डब्ल्यूएचओ ने चीन की कोविड-19 स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने जिनेवा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी शुरुआती टिप्पणी के दौरान चीन से कोरोना वायरस के इस लहर को लेकर आंकड़े देने की अपील की है और चीन में किए जा रहे स्टडी की रिपोर्ट शेयर करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि, "जैसा कि मैंने पहले भी कई बार कहा है, कि इस महामारी की उत्पत्ति के बारे में पुर्वानुमान टेबल पर बनी हुई हैं।" उन्होंने कहा कि, कोविड -19 महामारी कैसे शुरू हुई" इसको लेकर भी चीन डेटा सौंपे, ताकि इस वायरस को लेकर पूरी दुनिया में अलर्ट जारी किया जा सके। डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, टेड्रोस ने कहा कि, चीन में कोरोना वायरस बीमारी की बढ़ती गंभीरता से डब्ल्यूएचओ बहुत चिंतित है।"
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