मर्केल की इस फ़ोटो में कौन-कौन हैं शामिल?
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पर कुर्सी पर बाज़ुएं मोड़े मुस्कुराते हुए बैठे हैं, जबकि उनके ठीक सामने टेबल पर हाथ टिकाए जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल खड़ी हैं. साथ ही खड़े हैं दुनिया भर के कुछ अन्य शीर्ष नेता भी.
यह ब्यौरा है उस तस्वीर का जिसे खुद जर्मन चांसलर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से पोस्ट किया है. दुनिया भर में लोग इस तस्वीर के माहौल के बारे में बातें कर रहे हैं, अपने-अपने अनुसार अंदाज़ा लगा रहे हैं कि आखिर इस तस्वीर में हो क्या रहा है.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पर कुर्सी पर बाज़ुएं मोड़े मुस्कुराते हुए बैठे हैं, जबकि उनके ठीक सामने टेबल पर हाथ टिकाए जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल खड़ी हैं. साथ ही खड़े हैं दुनिया भर के कुछ अन्य शीर्ष नेता भी.
यह ब्यौरा है उस तस्वीर का जिसे खुद जर्मन चांसलर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से पोस्ट किया है. दुनिया भर में लोग इस तस्वीर के माहौल के बारे में बातें कर रहे हैं, अपने-अपने अनुसार अंदाज़ा लगा रहे हैं कि आखिर इस तस्वीर में हो क्या रहा है.
दरअसल यह तस्वीर है कनाडा में आयोजित हुए जी-7 सम्मेलन की. जहां अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने साझा बयान में शामिल होने से इनकार कर दिया था.
पढ़िए, इस तस्वीर में कौन-कौन लोग मौजूद हैं और जी-7 सम्मेलन में उनका क्या रुख रहा.
1. डोनल्ड ट्रंप, अमरीकी राष्ट्रपति
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अपने सहयोगी देशों को चौंकाते हुए स्टील और एल्युमीनियम के आयात में नए टैरिफ़ की घोषणा कर दी. इन देशों में यूरोपीय संघ के अलावा मैक्सिको और कनाडा भी मौजूद हैं.
ट्रंप की इस घोषणा ने पूरे सम्मेलन का माहौल ही बदल कर रख दिया. अन्य देशों ने इस क़दम की प्रतिक्रिया देने की बात भी कही और सम्मेलन के दौरान कई मौकों पर ट्रंप को अलग-थलग कर दिया गया.
इसके बाद ट्रंप यह कहते हुए सम्मेलन से चले गए कि अमरीका बाक़ी देशों के लिए एक पिग्गी बैंक जैसा हो गया है जिसे सभी लूटना चाहते हैं.
उन्होंने मेजबान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के ख़िलाफ़ ट्वीट भी किए और उन्हें बेईमान और कमज़ोर नेता बताया.
2. जॉन बोल्टन, अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
जॉन बोल्टन को डोनल्ड ट्रंप के सर्वोच्च सुरक्षा सलाहकार का पद संभाले अभी महज़ तीन ही महीने हुए हैं, लेकिन इस दौरान वे अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे.
राष्ट्रपति ट्रंप ने नए टैरिफ़ की घोषणा के दौरान जो वजह बताई उसमें एक प्रमुख वजह राष्ट्रीय सुरक्षा भी रही. इस वजह के पीछे जॉन बोल्टन का ही दिमाग समझा जाता है.
3. काज़ुयुकी यामाज़की, जापान में विदेश मामलों के वरिष्ठ उपमंत्री
काज़ुयुकी ने जुलाई 2017 में यह ज़िम्मेदारी संभालनी शुरू की और हाल ही में उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान भी गया था.
इसके बाद दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में मुक्त व्यापार समझौते के लिए जापान, चीन और दक्षिण कोरिया की बैठक में भी उन्होंने हिस्सा लिया.
4. शिंज़ो अबे, जापान के प्रधानमंत्री
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अन्य देशों की तरफ से आई प्रतिक्रिया ने जापान को परेशानी में डाल दिया है.
शिंज़ो अबे लगातार अमरीकी राष्ट्रपति के साथ नज़दीकियां बढ़ाने की कोशिश करते दिख रहे हैं. जब से ट्रंप अमरीका के राष्ट्रपति बने हैं तब से जापान के प्रधानमंत्री उनसे कम से कम 10 बार मिल चुके हैं.
अब अन्य देशों की इस प्रतिक्रिया ने जापान के लिए मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है.
5. यासुतोशी निशिमुरा, जापान के उप प्रमुख कैबिनेट सचिव
जापान की सत्ताधारी दल के सांसद हैं और वे एक बार अंतरराष्ट्रीय व्यापार और उद्योग मंत्रालय में काम कर चुके हैं.
6. एंगेला मर्केल, जर्मनी की चांसलर
तस्वीर देखकर ही मालूम पड़ जाता है कि जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल सम्मेलन के दौरान उभरे विवाद को समाप्त करने की सबसे अधिक कोशिशें कर रहीं थीं.
उन्होंने अमरीका और उसके सहयोगी देशों के बीच व्यापार समझौते पर हुए विवाद को निपटाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए थे.
जब मर्केल से उनके ट्रंप के साथ रिश्तों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दो नेता हमेशा किसी बात पर सहमत हों यह ज़रूरी नहीं लेकिन फिर भी वे आपस में बात तो कर ही सकते हैं.
उन्होंने कहा, ''मैं यही कहना चाहती हूं कि मैंने अमरीकी राष्ट्रपति के साथ एक बेहद खुला हुआ और सीधा संवाद वाला रिश्ता बरक़रार रखा है.''
7. इमैनुएल मैक्रों, फ्रांस के राष्ट्रपति
जी-7 सम्मेलन की शुरुआत से पहले इमैनुएल मैक्रों और डोनल्ड ट्रंप ट्वीटर पर एक दूसरे के ख़िलाफ़ ट्वीट कर चुके थे. इसके बाद सवाल उठने लगे कि कहीं दोनों नेताओं के संबंध ख़राब तो नहीं हो गए.
हालांकि, राष्ट्रपति मैक्रों की टीम ने कहा कि ट्रंप के साथ उनके संबंध बेहद खुले हुए और स्पष्ट हैं.
ट्विटर पर हुए विवाद के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति ने एक बयान जारी कर कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग को गुस्से और ज़बरन बयानों के ज़रिए निर्धारित नहीं किया जा सकता.''
8.टेरीज़ा मे, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री
पिछले हफ्ते अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ टेलीफ़ोन पर हुई बातचीत में टेरीज़ा मे ने कहा था कि वे अमरीका की तरफ़ से लगाए गए टैरिफ़ से बेहद निराश हैं और ये पूरी तरह ग़लत हैं.
हालांकि सम्मेलन के दौरान टेरीज़ा मे ने सभी देशों के सहयोग करने पर ज़्यादा ज़ोर दिया. उन्होंने साथी नेताओं से संभावित ट्रेड वार की तरफ़ ना बढ़ने की अपील भी की.
9. लैरी कुडलोव, अमरीका राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक
लैरी अमरीकी राष्ट्रपति के उच्च आर्थिक सलाहकार हैं और उन्होंने नए टैरिफ़ के कदम का बचाव करते हुए कहा है कि व्यापार में पैदा हुईं चिंताओं के लिए उनके 'बॉस' पर सवाल खड़े नहीं किए जा सकते.
सम्मेलन के बाद लैरी कुडलोव ने सीएनएन को बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम सम्मेलन में एक अच्छी भावना के साथ गए थे लेकिन वहां पहुंचकर कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो ने उन्हें धोखा दिया.
कुछ अन्य तस्वीरें
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने भी इसी मौके पर एक दूसरे एंगल से तस्वीर ट्वीट की है. इस तस्वीर में उन्होंने दिखाया है कि अमरीकी राष्ट्रपति के चारों तरफ़ मौजूद जी-7 राष्ट्रों के नेता कितने चिंतित हैं.
वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो के आधिकारिक फोटोग्राफ़र एडम स्कॉटी ने जो तस्वीर खींची है उसमें कुछ हल्का माहौल दिख रहा है, इस तस्वीर में जर्मन चांसलर मर्केल मुस्कुरा रहीं हैं साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप और जस्टिन ट्रुडो के चेहरों पर भी मुस्कान है.