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गलवान में चीनी सेना ने वास्तव में झंडा कहां फहराया? क्या राहुल गांधी ड्रैगन के माइंड गेम में फंस गये?

चीन की तरफ से काफी आक्रामक अंदाज में गलवान घाटी का वीडियो जारी किया गया और देखते ही देखते इस वीडियो ने भारत की राजनीति में हंगामा मचा दिया।

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नई दिल्ली, जनवरी 04: नए साल के पहले दिन उस वक्त भारत में हड़कंप मच गया, जब चीन की तरफ से एक प्रोपेगेंडा वीडियो जारी किया गया। इस वीडियो में चीनी पक्ष की तरफ से दावा किया गया था कि, चीन की सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि एलएसी के पास चीन के राष्ट्रीय ध्वज को फहरा रहे हैं। वीडियो ने बड़े पैमाने पर भारत में राजनीतिक हंगामा मचा दिया। लेकिन, जब इस वीडियो की पड़ताल की गई, तो पता चला है कि, ये वीडियो को जिस तरह से प्रचारित किया गया है, उससे काफी ज्यादा अलग इसकी सच्चाई है और वीडियो का विश्लेषण करने के बाद यही पता चलता है कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी चीन की चाल में फंस गये और अपने ही सैनिकों की वीरता पर ऊंगली उठा बैठे।

चीनी वीडियो का विश्लेषण

चीनी वीडियो का विश्लेषण

चीन की तरफ से काफी आक्रामक अंदाज में गलवान घाटी का वीडियो जारी किया गया और देखते ही देखते इस वीडियो ने भारत की राजनीति में हंगामा मचा दिया। सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है, कि इस वीडियो को चीन की सरकार की तरफ से जारी नहीं किया गया था, लिहाजा चीन की तरफ से इस वीडियो को लेकर कोई प्रतिक्रिया भी नहीं आई। वहीं, ओपन-सोर्स सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर गुगल डेटा के जरिए जब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के झंडा लहराने वाले वीडियो का विश्लेषण किया गया तो पता चला है कि, जहां पर इस वीडियो को फिल्माया गया है, उस जगह पर जून 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प नहीं हुई थी, बल्कि झड़प वाला इलाका दूसरा है।

झड़प से कितनी जगह दूर का है वीडियो?

झड़प से कितनी जगह दूर का है वीडियो?

इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषण में पता चला है कि, जो वीडियो चीन की तरफ से प्रचारित किया गया है, वो जगह पेट्रोल प्वाइंट 14 (पीपी 14) से 1.2 किमी से ज्यादा दूर पर स्थिति है, जहां जून 2020 में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच आमने-सामने की लड़ाई हुई थी। और दोनों देशों के बीच का ये सीमा विवाद अभी भी जारी है और इसपर दोनों ही देशों के अलग अलग दावे हैं। चीनी स्रोतों द्वारा जारी किए गए वीडियो में 'वो खास मोड़' नहीं है, जिससे आसानी से पीपी-14 की पुष्टि की जाती है, लिहाजा ये पहला संकेत है, कि जिस जगह का ये वीडियो है, वो पीपी-14 नहीं है। वीडियो के अलग अलग फ्रेम की जांच Google अर्थ से मिलान करते हुए किया जाता है, तो धीरे धीरे उस संभावित स्थान की जानकारी मिलने लगती है, जहां इस वीडियो को शूट किया गया है।

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तस्वीरों से नहीं मिलता है वीडियो

तस्वीरों से नहीं मिलता है वीडियो

इसके अलावा, चीनी पक्ष द्वारा निर्मित वीडियो में एक पुल को देखा जा सकता है जो उपलब्ध उपग्रह छवियों से भी मेल खाता है। जबकि चीनी सरकार ने वीडियो के बारे में कोई आधिकारिक दावा नहीं किया, चीनी राज्य-संबद्ध मीडिया प्रकाशनों और सोशल मीडिया हैंडल ने नए वीडियो को आक्रामक संदेश के साथ प्रसारित किया। जैसा कि पहले बताया गया है, कुछ पोस्टों का अर्थ है कि चीन ने गलवान घाटी में एक कदम पीछे नहीं लिया होगा।

गलवान में पीछे हट चुकी है सेना

भारत और चीन दोनों ने गालवान घाटी में विवादित प्वाइंट्स से अलग होने पर सहमति जता चुके हैं और दोनों पक्षों के बीच एक बफर जोन बनाया गया है। ताकि, भारत और चीन दोनों को गलवान घाटी के संघर्ष वाले जगह पर इस तरह की आगे की गतिविधियों को अंजाम देने से रोक दिया। हालांकि, अलग-अलग दावों के साथ सोशल मीडिया पर जिस तरह से दावे शुरू हुए, उसने भारत में राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया, जिसमें गलवान घाटी में सेना के हटने के बाद भारत और चीन के बीच यथास्थिति पर सवाल उठाया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्ष की ओर से इस आरोप का नेतृत्व किया और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब भी मांगा।

खुफिया सूत्रों ने क्या कहा?

इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया समुदाय के सूत्रों का मानना है कि चीन द्वारा इस तरह के प्रचार अभियान अच्छी तरह से तैयार किए गए हाइब्रिड युद्ध का हिस्सा हो सकते हैं। चीनी सोशल मीडिया हैंडल भी हाल के दिनों में एलएसी गतिरोध से संबंधित फुटेज पोस्ट करते रहे हैं। विशेषज्ञों को संदेह इस बात पर है कि, चीन में शी जिनपिंग की रणनीतिक स्थिति मजबूत करने के लिए इस तरह के वीडियो जारी किए जा रहे होंगे और ये अभियान चीन के घरेलू दर्शकों के लिए हो सकते हैं। जबकि चीन लद्दाख से सिक्किम तक कई मोर्चों पर एलएसी के साथ अपने बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रहा है, जो उसकी आक्रामक psy-ops (मनोवैज्ञानिक युद्ध) अभियानों का उद्देश्य भारत के खिलाफ हो सकता है।

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English summary
Where did the Chinese army finally unfurl its flag in the Galwan Valley, did Rahul Gandhi get caught in the mind game of China?
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