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मसूद अज़हर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के बाद अब क्या बदलेगा

संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है और इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.

By BBC News हिन्दी
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मसूद अज़हर
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मसूद अज़हर

संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है और इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये भारत की आतंकवाद के ख़िलाफ़ जंग की बड़ी जीत है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सबसे पहले 2009 में मुंबई में हुए 26/11 हमलों के बाद प्रस्ताव रखा था. लेकिन भारत को अब 10 साल बाद सफलता मिली है.

लेकिन मसूद अज़हर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित करने पर क्या बदलेगा?

इस सवाल के जवाब में रक्षा मामलों के जानकार सुशांत सरीन कहते हैं, ''इस तरह के मामले में तीन तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं. पहला तो ऐसे शख्स की संपत्ति ज़ब्त कर ली जाती है. दुनिया भर में कोई संपत्ति और आय के स्रोत पर रोक लगा दी जाती है. किसी भी तरह से हथियारों उन तक ना पहुंचे ये सरकार को सुनिश्चित करना होता है. यानी हथियारों की पहुंच पूरी तरह रोक दी जाती है.''

''ग्लोबल आतंकवादी घोषित होने के बाद शख़्स अपने इलाक़े से बाहर नहीं जा सकता. यानी उसके देश से बाहर जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी जाती है. ये तीन ऐसे प्रतिबंध हैं जिसके साथ किसी भी दहशतगर्द के लिए अपनी गतिविधियों को अंजाम देना नामुमकिन सा हो जाता है.''

मसूद अज़हर
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जब भी पाकिस्तान पर ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का दबाव बनता था तो वह कागज़ों पर ही दिखाता था पर कभी हक़ीकत में कार्रवाई नहीं की जाती थी. लेकिन अगर अब पाकिस्तान कार्रवाई नहीं करता है तो उसे अब बताना पड़ेगा कि उसने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का पालन क्यों नहीं किया.

जेएनयू के प्रोफ़ेसर स्वर्ण सिंह कहते हैं कि ओबामा प्रशासन ने 2012 में हाफ़िज़ सईद के बारे में पुख़्ता सबूत जुटाने वाले को (जिससे उन्हें सज़ा दी जा सके) एक करोड़ डॉलर का इनाम देने का वादा किया था. हाफ़िज़ सईद ना सिर्फ़ पाकिस्तान में खुले आम घूम रहे हैं, बल्कि उन्होंने वहां एक राजनीतिक पार्टी भी बना ली.

मसूद अज़हर
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लेकिन सुशांत सरीन इससे अलग राय रखते हैं. वो इन दोनों मसलों को अलग मानते हुए कहते हैं, '' एक आम धारणा है कि ये इनाम अमरीका ने हाफ़िज़ सईद का पता बताने के लिए रखा था लेकिन ऐसा नहीं है. अमरीका ने ये इनाम इसलिए रखा था जिससे वह अदालत में अपने केस को मज़बूती से पेश कर सके और पाकिस्तान पर उसकी सज़ा या प्रत्यपर्ण के लिए दबाव बना सके. ये दोनों मामले अलग हैं. इस रोक का असर मसूद अज़हर पर पड़ेगा.''

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English summary
What will change now after declaring Masood Azhar as a Global Terrorist
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