Good News: बंदरों पर कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल सफल, इंसानों के इलाज में सफलता की उम्मीद!
बीजिंग। ऐसा लग रहा है चीन कोरोना वायरस की वैक्सीन को डेवलप करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। चीनी बायोटेक की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 की एक वैक्सीन बंदर को दी गई थी और पहली बार हुआ है कि बंदर की जान कोरोना वायरस से बच सकी है। वैज्ञानिकों की तरफ से बताया गया है कि पुराने समय के फॉर्मूले पर तैयार केमिकली असिष्क्रय वर्जन पर आधारित वैक्सीन का कोई भी साइड इफेक्ट्स बंदरों पर नहीं हुआ है। इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल 15 अप्रैल से शुरू हुआ है।
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चीनी कंपनी ने बनाई वैक्सीन!
चीन की कंपनी सिनोवेक बायोटेक जो एक प्राइवेट कंपनी है, उसकी तरफ से बनाई गई वैक्सीन की दो डोज आठ बंदरों को दी गई थीं। तीन हफ्तों के बाद इसी ग्रुप ने उसी वायरस पर आधारित वैक्सीन का इंजेक्शन बंदरों को दिया गया था। बंदरों के फेफड़ों पर सांस नली के नीचे यह वैक्सीन लगाई गई थी। किसी भी बंदर में संक्रमण के कोई निशान नहीं मिले हैं। बंदरो को इस वैक्सीन की सर्वोच्च डोज दी गई थी। सात दिन के बाद उनमें वायरस पाया गया मगर रिसर्चर्स को उनके फेफड़ों में किसी भी तरह का संक्रमण नहीं मिला। हालांकि कुछ लोअर डोज वाले बंदरों में वायरल के लक्षण देखे गए थे लेकिन ऐसा लग रहा था कि वैक्सीन के बाद संक्रमण को नियंत्रित करने में कामयाबी मिली थी। सिनोविक की टीम की तरफ से 19 अप्रैल को पब्लिश हुए पेपर में इस बात की जानारी दी गई है। इससे अलग चार जानवरों में हाइ लेवल का वायरल देखा गया था और शरीर के कई हिस्सों में इसे नोट किया गया था। उन जानवरों में न्यूमोनिया के भी गंभीर लक्षण देखे गए थे। सिनोविक के सीनियर डायरेक्टर मेंग वेइनिंग की मानें तो नतीजों के बाद उन्हें काफी आत्मविश्वास मिला है। उन्हें भरोसा है कि यह वैक्सीन इंसानों पर भी असरकारक रहेगी।