क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

US Army हो गई है बेहद कमजोर, रिपोर्ट में दावा, दुनिया के संघर्षों को संभालने की अब शक्ति नहीं

अमेरिकी सेना एक ऐसे प्वाइंट पर आ गई है, जहां उसके पायलट्स को ट्रेनिंग नहीं मिलती है और ज्यादातर पायलट्स बिना प्रशिक्षण के हैं, लिहाजा अमेरिकी सेना के ज्यादातर पायलट्स ऐसे हैं, जिनके पास विमान उड़ाने की क्षमता ही नहीं है।

Google Oneindia News

US military vs Chinese Military: अमेरिकी सेना काफी कमजोर हो गई और अगर उसका चीन से मुकाबला होता है, तो उसमें उसे बुरी तरह से धोया जा सकता है, ये खुलासा एक अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि पिछले कुछ सालों में अमेरिकी सेना लगातार कमजोर होती चली गई है और युद्ध होने की स्थिति में अमेरिकी सेना पर हार जाने का काफी ज्यादा जोखिम बन गया है। अमेरिका के लिए ये चिंताजनक रिपोर्ट मंगलवार को द हेरिटेज फाउंडेशन ने प्रकाशित किया है, जो एक थिंक टैंक है जो सशस्त्र बलों की ताकत और अमेरिका के लिए संभावित खतरों का विश्लेषण करता है।

अमेरिकी सेना पर सनसनीखेज खुलासा

अमेरिकी सेना पर सनसनीखेज खुलासा

द हेरिटेज फाउंडेशन इंडेक्स की यूएस मिलिट्री स्ट्रेंथ को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि, "चीन और रूस की सेना की तुलना में अमेरिकी फोर्स काफी कमजोर हो गई है और इस बात का खतरा काफी ज्यादा हो गया है, कि अमेरिकी सेना अब अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति के लिए और रक्षा की मांगों को पूरा करने में सक्षम नहीं रह गई है और अमेरिकी सेना की इस कमजोरी को बड़े जोखिम का दर्जा दिया गया है। वॉशिंगटन स्थिति इस रेटिंग एजेंसी ने पाया है, कि 9 सालों के इतिहास में पहली बार अमेरिकी सेना की रेटिंग इतनी कमजोर हो गई है। वहीं, रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, बीजिंग ने हालिया समय में अपनी ताकत में बेतहाशा इजाफा किया है और चीन ने अपनी भूमि, समुद्र और हवाई संगठनों को काफी ज्यादा मजबूत कर लिया है, जिसकी वजह से चीन अमेरिका की 'बीमार' सेना के सामने सबसे 'व्यापक सुरक्षा चुनौती' बन गया है।

कैसे कमजोर हो रही है यूएस सेना?

कैसे कमजोर हो रही है यूएस सेना?

रिपोर्ट में पता चला है कि, अमेरिकी सेना एक ऐसे प्वाइंट पर आ गई है, जहां उसके पायलट्स को ट्रेनिंग नहीं मिलती है और ज्यादातर पायलट्स बिना प्रशिक्षण के हैं, लिहाजा अमेरिकी सेना के ज्यादातर पायलट्स ऐसे हैं, जिनके पास विमान उड़ाने की क्षमता ही नहीं है, वहीं दूसरी सबसे बड़ी खामी ये हो गई है, कि नागरिकों में से सेना के लिए भर्ती की प्रक्रिया में भी काफी खराबी आ गई है। रेटिंग एजेंसी ने अमेरिकी सेना को समग्र तौर पर 'कमजोर' कहा है और इसके अलावा अमेरिकी सेना के अलग अलग हिस्से की भी अलग अलग रेटिंग की है और उसके हिसाब के आधार पर अलग अलग ब्रांचों की कमजोरियों या मजबूती के बारे में बताया गया है। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, अमेरिका की थल सेना ने जैसे तैसे 'चलाऊ' स्कोर किया है, वहीं रेटिंग एजेंसी ने अमेरिकी वायुसेना को 'बहुत कमजोर' कहा है। हालांकि, मरीन कॉर्प्स ने 'मजबूत' रेटिंग प्राप्त करते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, जो हमेशा से अमेरिकी फोर्स की रीढ़ की हड्डी बना हुआ है।

अमेरिकी सेना में भर्ती संकट

अमेरिकी सेना में भर्ती संकट

हेरिटेज की रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्ट जारी होने के बाद पता चला है कि, अमेरिकी सेना 'एक पूर्ण विकसित भर्ती संकट का सामना कर रही है।' वहीं, बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी सेना के लिए पिछले दो बजट पास किए हैं, वो आंकड़ों के हिसाब से तो ज्यादा हैं, लेकिन महंगाई की वजह से अमेरिकी सेना की जरूरतों के मुकाबले कम हो गये हैं। यह पहली बार है, जब द हेरिटेज फाउंडेशन के यूएस मिलिट्री स्ट्रेंथ के इंडेक्स ने अमेरिकी सेना को काफी कमजोर होने का दर्जा दिया है और कहा है, कि अमेरिकी फोर्स पर जोखिम इस बात को लेकर है, कि जरूरत के समय यूएस फोर्स महत्वपूर्ण जोखिम के समय कमजोर पड़ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'अमेरिकी सेना अपनी कैपिसिटी, कैपेबिलिटी में इतनी कमजोर हो गई है, कि अपनी प्राथमिक उद्येश्यों की पूर्ती के लिए भी सेना की क्षमता खतरे में है। संगठन ने जोर देकर कहा है कि, जब वायु सेना और नौसेना की बात आती है, तो वे चिंताएं विशेष रूप से बढ़ जाती हैं।

बजट में कटौती से सीधा असर

बजट में कटौती से सीधा असर

रिपोर्ट में महंगाई और बजट की कमी की वजह से गंभीर असर पड़ने की बात कही गई है और कगा है, कि साल 2018 से 2023 के बीच अमेरिकी सेना को 59 अरब डॉलर कम मिले हैं। हालांकि, हेरिटेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, अब अमेरिकी सेना के लिए हालात 'सीमित सहायता' से भी बदतर हो गया है और अब परस्पर हितों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सेना को अपने सहयोगी ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया जैसी सेना का सहायता लेना पड़ेगा। जबकि, इसके विपरीत अमेरिका के प्रमुख विरोधियों, जैसे चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया ने हाल के वर्षों में अपनी सैन्य क्षमताओं को तेजी से एडवांस किया है और अमेरिका के सहयोगी देशों, जैसे जापान, दक्षिण कोरिया जैसे देशों को डराने की कोशिशें तेज कर दी हैं। हेरिटेज ने अपनी रिपोर्ट में यूक्रेन पर रूस के अकारण आक्रमण और चीन और उत्तर कोरिया के पड़ोसी ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया की बढ़ती धमकी का हवाला दिया है और कहा है, कि ये सभी विवाद अंततः विश्व मंच पर एक संघर्ष में परिवर्तित हो सकते हैं।

क्षेत्रीय संघर्ष को टालने में असक्षम

क्षेत्रीय संघर्ष को टालने में असक्षम

हेरिटेज ने इसके साथ ही अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा है, कि दुनियाभर में अमेरिकी बेस जहां-जहां मौजूद हैं, उनके बीच आपसी सामंजस्य में भी यूएस फोर्स काफी कमजोर हो गई है और अमेरिकी सेना अब 'एक भी प्रमुख क्षेत्रीय संघर्ष' को संभालने में सक्षम नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, '2023 हेरिटेज इंडेक्स का निष्कर्ष है, कि मौजूदा अमेरिकी सैन्य बल पर एक प्रमुख क्षेत्रीय संघर्ष की मांगों को पूरा करने में सक्षम नहीं है और अलग अलग जगहों पर मौजूदगी और आपसी जुड़ाव में शामिल होने में भी महत्वपूर्ण जोखिम शामिल हैं।" इसके साथ ही अमेरिका सेना टेक्नोलॉजी को लेकर भी अपने प्रतिद्वंदियों से पिछड़ गया है, जिसमें जिसमें लंबी दूरी की मिसाइलों के घटते स्टॉक भी शामिल हैं।

अमेरिका के पास कितने मिसाइल्स?

अमेरिका के पास कितने मिसाइल्स?

हेरिटेज की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के पास वर्तमान में केवल 300 भूमि आधारित मिसाइलें हैं, जबकि चीन के पास 14,000 से ज्यादा और रूस के पास 12,000 से ज्यादा मिसाइलें हैं। हालांकि, हेरिटेज ने ये भी कहा है, कि यूरोप, एशिया, मध्य पूर्व और यहां तक ​​कि लैटिन अमेरिका और अफ्रीका में ग्लोबल ऑपरेटिंग इनवायरोमेंट में अभी भी अमेरिका की सैन्य शक्ति उसके अनुकूल है। लेकिन, अमेरिकी सेना अब खुद पेंटागन से मिली बजट से काफी निराश बताई जा रही है और यूएस फोर्स ने कई बार कहा है, कि वो महंगाई से निपटने में नाकाम साबित हो रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी सैन्य शक्ति पर गंभीर असर पड़ा है, और ऐसे में अमेरिकी सेना के लिए बार बार कठिन परिस्थितियों में अपने आप को तैयार करना और किसी मुश्किल परिस्थिति में विरोधियों के लिए रणनीति बनाना, खासतौरह पर नौसेना और वायुसेना के लिए लगभग असंभव हो गया है।

अमेरिकी सेना के लिए बजट

अमेरिकी सेना के लिए बजट

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सेना की अलग अलग शाखाएं करीब 800 अरब डॉलर का बजट संघीय सरकार से हासिल करती है और अमेरिकी सरकार इस वक्त देश की कुल जीडीपी का 3 प्रतिशत अपनी सेना पर खर्च करती है और आपको जानकर हैरानी होगी, कि अमेरिकी सरकार इस वक्त अपनी सेना पर जितना खर्च कर रही है, वो 80 के दशक के मुकाबले में अमेरिकी सैन्य खर्च के लिए निर्धारित बजट से करीब 5 से 6 प्रतिशत कम है, जिससे पता चलता है, कि अमेरिका सेना के लिए आत्मरक्षा कितना मुश्किल हो गया है। यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने जुलाई महीने में राष्ट्र की रक्षा बजट के लिए अगले साल 800 अरब डॉलर के बजट का रास्ता खोला है।

डॉलर मजबूत होकर पूरी दुनिया को दे रहा है दर्द, अगले साल भीषण आर्थिक मंदी, कैसे बचेगा भारत?डॉलर मजबूत होकर पूरी दुनिया को दे रहा है दर्द, अगले साल भीषण आर्थिक मंदी, कैसे बचेगा भारत?

Comments
English summary
The Heritage Foundation's report claims that America's military has become very weak.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X