ईरान को संयुक्त राष्ट्र महिला निकाय से बाहर किया जाए, अमेरिका ने कहा
संयुक्त राज्य अमेरिका महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग से ईरान को हटाने का प्रयास करेगा।
अमेरिका (US) ने ईरान (Iran) को महिलाओं की स्थिति (CSW-UN Commission on the Status of Women) पर 45 सदस्ययी संयुक्त राष्ट्र आयोग से ईरान को हटाने के अपने इरादे की घोषणा की है। ईरान में कुर्द महिला महसा अमीनी की मौत के बाद हिजाब (Anti-Hijab Protest In Iran) के खिलाफ जारी प्रदर्शन के क्रम में प्रदर्शनकारियों पर ईरान सरकार की बर्बरता पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कमला हैरिस ने कहा कि अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने बुधवार को कहा कि सरकार द्वारा महिलाओं के अधिकारों से इनकार करने और विरोध प्रदर्शनों पर क्रूर कार्रवाई पर संयुक्त राज्य अमेरिका महिलाओं की स्थिति (सीएसडब्ल्यू) पर 45 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आयोग से ईरान को हटाने का प्रयास करेगा।
सीएसडब्ल्यू से ईरान को बाहर करने का अमेरिकी प्रयास
सीएसडब्ल्यू का उद्देश्य लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ईरान में इसमें शामिल है। हालांकि, महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद से ईरान सरकार के खिलाफ कई देश आगे आए हैं। महसा पर आरोप था कि उन्होंने हिजाब ठीक ढंग से नहीं पहना था। जिसकी वजह से उन्हें पुलिस कस्टडी में लिया गया था।
महसा अमीनी की मौत पर बवाल
वहीं, महसा अमीनी के साथ कस्टडी में मारपीट हुई। जिससे वह कोमा में चली गईं और तीन दिन बाद महसा की मौत हो गई। इसके बाद ईरान सरकार के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर आई। ईरानी सुरक्षा बलों ने इस दौरान प्रदर्शन को कुचलने के लिए बल का प्रयोग किया, जिसमें भारी संख्या में लोग मारे गए। अमेरिका ने पहले ही ईरान के खिलाफ प्रदर्शन में महिलाओं का साथ देने का वादा कर चुका है। बता दें कि, ईरान ने आयोग पर चार साल का कार्यकाल अभी शुरू किया है, इसका उद्देश्य लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
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ईरान सीएसडब्ल्यू में रहने लायक नहीं है!
अमेरिका को लगता है कि ईरान सीएसडब्ल्यू का सदस्य देशों में शामिल होने के लायक नहीं है। इसी कारण से अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ईरान सरकार को सीएसडब्ल्यू से हटान के लिए प्रयासरत है। बता दें कि, 22 साल की महसा अमिनी को पुलिस ने 13 सितंबर को हिजाब नहीं पहनने के आरोप में हिरासत में लिया था। बताया जाता है कि हिरासत में पुलिस ने उसके साथ मारपीट की जिससे वह कोमा में चली गई। तीन दिन बाद मेहसा की मौत हो गई। उनकी मौत के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर भी निशाना साधा। जवाबी कार्रवाई में अब तक कई लोग मारे गए।
महिलाओं के खिलाफ ईरान का काला कानून
महिलाओं के खिलाफ ईरान के काले कानून की हकीकत अब दुनिया को पता चल चुका है। महसा की मौत ने ईरान को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। देश और दुनिया में ईरान सरकार की आलोचना हो रही है। सुप्रीम लीडर को बाहर करने की बात हो रही है