पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को आतंकी कहने वाले ऑफिसर को ट्रंप ने पेंटागन में दिया बड़ा पद
वॉशिंगटन। ट्रंप प्रशासन की तरफ से रक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर बदलाव किए जा रहे हैं। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पेंटागन के असैन्य नेतृत्व में तेजी से हो रहे बदलाव ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। ट्रंप प्रशासन की तरफ से पेंटागन के सबसे सीनियर ऑफिसर्स को हटा रहे हैं और राष्ट्रपति के वफादारों को जगह दी जा रही है। इससे पहले सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने डिफेंस सेक्रेटरी (रक्षा मंत्री) मार्क एस्पर को उनके पद से हटा दिया। ट्रंप ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।
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24 घंटे बाद हटाए गए कई अधिकारी
मार्क एस्पर को हटाने के 24 बाद पेंटागन में अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई। इसके बाद से सैन्य नेतृत्व और असैन्य अधिकारियों में चिंता का माहौल है। उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि अब आने वाले दिनों में क्या हो सकता है। एस्पर के हटाए जाने के बाद से चार सीनियर असैन्य ऑफिसर्स को निकाला जा चुका है। एस्पर के साथ उनके चीफ ऑफ स्टाफ और उन टॉप ऑफिशियल्स को निकाला गया है जो पॉलिसी और इंटेलीजेंस से जुड़े मसले देख रहे थे। इनकी जगह पर ट्रंप के वफादारों को लाया गया है। यहां तक कि एक ऐसे ऑफिशियल को प्रमोट कर दिया गया है कि जिस पर आतंकियों के साथ मिलकर साजिश को अंजाम देने का आरोप लगा था। इस ऑफिशियल ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को एक आतंकी तक कह डाला था। एक सीनियर डिफेंस ऑफिशियल ने कहा, 'ऐसा लगता है कि हम अब कई लोगों का सिर कलम कर चुके हैं।' इस ऑफिसर का इशारा एस्पर समेत उन असैन्य अधिकारियों की तरफ था जिन्हें निकाला गया है। क्रिस्टोफर मिलर अब देश के नए रक्षा मंत्री हैं।
सुरक्षा के स्तर को कम करने वाला फैसला
मार्क एस्पर, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के चौथे ऐसे चीफ हैं जिन्हें चार सालों में हटाया गया है। एस्पर को 16 माह के बाद उनके कार्यकाल से निकाल दिया गया है। एस्पर को ऐसे समय में हटाया गया है जब वह पेंटागन में ब्यूरोक्रेसी में सुधार की कोशिशें कर रहे थे। वह अमेरिकी रक्षा विभाग के ढांचे में कुछ बदलाव करना चाहते थे जो कि चीन की तरफ से बढ़ते खतरे का सामना करने में सक्षम हों। एस्पर लगातार इस बात का विरोध कर रहे थे कि सामाजिक स्तर पर जो अशांति फैली हुई है उसे नियंत्रित करने में सरकारी बलों को तैनात किया जाए और ट्रंप इसी बात से नाराज हो गए थे। साथ ही मार्क एस्पर इस बात के पक्षधर भी नहीं थे कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को ऐसे समय में पूरी तरह से हटा लिया जाए जब देश में हिंसा बढ़ती जा रही हो। ट्रंप को गुस्सा था कि एस्पर इस दिशा में काफी धीमी गति से काम कर रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि एस्पर का इस तरह से निकाला जाना वाकई एक चौंकाने वाला कदम है। ट्रंप ने ऐसे समय में एस्पर को निकाला है जब उन्हें व्हाइट हाउस से जाने में बस 10 हफ्ते बचे हैं। एस्पर का निकाला जाना देश में सुरक्षा के स्तर को कम करता है।