सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने खागोशी की हत्या का आदेश दिया
नई दिल्ली। वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिका की खुफइया एजेंसी ने इस बात की पुष्टि की है कि सऊदी अरब के प्रिंस ने खोशोगी की हत्या का आदेश दिया था। अमेरिका की खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी ने कहा है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ही पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या का आदेश दिया था। सूत्रों के अनुसार वॉशिंगटन पोस्ट को इस बात की जानकारी दी गई है कि खाशोगी की हत्या के मामले में जो तथ्य सामने आए हैं उससे साफ है कि खाशोगी की हत्या प्रिंस के आदेश के बाद की गई है।
तथ्य
आए
सामने
सूत्रों
की
मानें
तो
सीआईए
ने
कहा
है
कि
जो
तथ्य
सामने
आए
हैं
उसमे
प्रिसं
के
भाई
खालिद
बिन
सलमान
और
खाशोगी
के
बीच
बातचीत
का
आडियो
भी
अहम
है।
जिसमे
अमेरिका
में
सऊदी
के
राजदूत
अपील
करते
हैं
कि
खागोशी
सऊदी
स्थित
इस्तांबुल
के
दूतावास
में
जाए
और
दस्तावेज
इकट्ठा
करें,
वह
उन्हें
सुरक्षा
का
भी
आश्वासन
देते
हैं।
सूत्रों
की
मानें
तो
खालिद
ने
यह
फोन
मोहम्मद
के
इशारे
पर
ही
किया
था।
क्राउन
प्रिंस
और
सऊदी
के
किंग
पत्रकार
के
बेटे
सलाह
खाशोगी
से
अल
यमाह
पैलेस,
रियाद
में
मुलाकात
की
थी
और
खाशोगी
की
हत्या
पर
दुख
जताया
था।
दस्तावेज
लेने
गए
थे
दूतावास
सऊदी
के
प्रिंस
के
खिलाफ
यह
संगीन
आरोप
ऐसे
समय
में
लगे
हैं
जबकि
17
सऊदी
अरब
के
लोगों
को
आरोपी
माना
है।
जमाल
खाशोगी
2
अक्टूबर
को
लापा
हो
गए
थे,
जब
वह
इस्तांबुल
दूतावास
गए
थे,
उसके
बाद
से
ही
वह
लापता
था,
वहां
वहां
अपनी
मंगेतर
हेटिस
एरगॉन
से
शादी
की
इजाजत
से
जुड़े
दस्तावेज
लेने
गए
थे।
बाद
में
सऊदी
अरब
ने
इस
बात
की
पुष्टि
की
थी
कि
खाशोगी
की
हत्या
कर
दी
गई
है।
गौर
करने
वाली
बात
है
कि
अभी
तक
खाशोगी
का
शव
बरामद
नहीं
किया
जा
सका
है।
सऊदी
ने
किया
था
इनकार
आपको
बता
दें
कि
वॉशिंगटन
पोस्ट
के
पत्रकार
जमाल
खोशोगी
की
हत्या
के
बाद
पहली
बार
सऊदी
प्रोसेक्यूटर
ने
पांच
अधिकारियों
को
मौत
की
सजा
की
मांग
की
है।
हालांकि,
प्रोसेक्यूटर
ने
कहा
कि
खशोगी
की
हत्या
में
क्राउन
प्रिंस
मोहम्मद
बिन
सलमान
की
कोई
भी
भूमिका
नहीं
थी।
फैसले
के
मुताबिक,
किंगडम
के
पांच
अधिकारियों
ने
तुर्की
में
सऊदी
के
कॉन्सुलेट
में
खशोगी
की
हत्या
की
थी।
खशोगी
की
मौत
के
बाद
सऊदी
पर
लगातार
अंतरराष्ट्रीय
दबाव
बढ़
रहा
था
और
किंगडम
को
दुनियाभर
से
आलोचनाओं
का
सामना
करना
पड़
रहा
था।
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