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शीत युद्ध में रूस के साथ हुई परमाणु संधि को खत्म करने की तैयारी में ट्रंप

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वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के साथ हुई परमाणु संधि खत्म करने की योजना बना रहे हैं, जो दोनों देशों के बीच शीत युद्ध के दौरान हुई थी। ट्रंप ने शनिवार को कहा कि वे रूस के साथ दशकों पुरानी मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि (Intermediate-Range Nuclear Forces Treaty) को छोड़ने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि रूस पिछले कई सालों से इस संधि का उल्लंघन कर रहा है। अमेरिका और सोवियत संघ (अब रूस) के बीच 1987 एक संधि पर हस्ताक्षर कर सुरक्षा को देखते हुए इन क्रूज मिसाइलों के परिक्षण पर रोक दिया था। उस वक्त अमेरिका का राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और रूस के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव ने संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

ओबामा पर बोला हमला

ओबामा पर बोला हमला


इस संधि से पूरी तरह से हटने का मन बना चुके ट्रंप ने कहा, 'मुझे नहीं पता बराक ओबामा ने इस संधि के साथ समझौता या क्यों नहीं हटे। और हम उन्हें परमाणु संधि का उल्लंघन नहीं होने देंगे। हम ही थे जो अब तक इस संधि के साथ बने हुए थे और हमने इस संधि का सम्मान किया है।' ट्रंप ने आगे कहा कि यह दुर्भाग्य है कि रूस ने इस संधि का उल्लंघन किया, इसलिए हम इस संधि से हटने जा रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि इस संधि ने अमेरिका को नए हथियार विकसित करने से रोक दिया है, लेकिन अमेरिका अब इन हथियारों तब तक बनाता रहेगा, जब तक कि रूस और चीन इन हथियार रखने या बनाना बंद न कर दे।

क्या है मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि?

क्या है मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि?

शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ और अमेरिका जैसी दो शक्तियों को मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर होना पडा। इस संधि में यह तय हुआ था कि जमीन से बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें 300 एवम् 3,400 मील की रेंज तक टेस्ट नहीं होनी चाहिए। इस संधि ने अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों को सुरक्षा का एक कवच प्रदान करने तथा शीत युद्ध के दौरान हथियारों की दौड़ के दो केंद्र को सीमित करने का प्रयास किया।

ट्रंप को संधि से क्या दिक्कत?

ट्रंप को संधि से क्या दिक्कत?

ट्रम्प प्रशासन बार-बार कहता आया है कि रूस ने संधि का उल्लंघन किया है और ओबामा प्रशासन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने मास्को को ऐसा करने के लिए नहीं रोका। अमेरिका ने रूस पर संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है, लेकिन नाटो ने अभी तक ऐसा कुछ नहीं कहा है। हालांकि, इसी महीने नाटो सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोलनबर्ग ने दुनिया के प्रति रूस की प्रतिबद्धता पर चिंता व्यक्त की थी। स्टोलनबर्ग ने कहा था कि रूस के वजब से यह संधि भी खतरे में पड़ गई है। अमेरिका का तर्क है कि इस संधि से उन्हें नुकसान हो रहा है, क्योंकि चीन जैसे देश नए हथियार विकसित करने में लगे हैं, जो उन्हें बिल्कुल भी सही नहीं लग रहा।

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English summary
Trump says US is ending decades-old nuclear arms treaty with Russia
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