रोमांच चाहते हैं तो श्रीलंका पधारे... पीएम का मजाक उड़ाने वाला वीडियो वायरल
श्रीलंका अब तक के सबसे आर्थिक मंदी की दौर से गुजर रहा है। वह दिवालिया हो चुका है। देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए पर्यटन सेक्टर एक बेहतर विकल्प हो सकता है। प्रधानमंत्री ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि
कोलंबो 21, मई : श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे का एक वीडिया इन दिनों वायरल हो रहा है। उन्होंने श्रीलंका टूरिज्म और पर्यटकों को लेकर अपनी बात अलग अंदाज में रखी है। जब श्रीलंका के प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे से कहा गया कि पर्यटन का प्रश्न गंभीर और वास्तविक है, तो उन्होंने कहा कि श्रीलंका लोगों को आने से हतोत्साहित नहीं कर रहा है।
रोमांच
की
चाहत
रखते
हैं
तो....
स्काई
न्यूज
के
साथ
अपने
साक्षात्कार
में,
श्रीलंका
के
प्रधानमंत्री
रानिल
विक्रमसिंघे
ने
कहा
कि,
जो
पर्यटक
एक
रोमांचक
समय
की
तलाश
में
हैं,
वे
श्रीलंका
की
यात्रा
कर
सकते
हैं।
उन्होंने
आगे
कहा
कि,
संघर्षों
से
ग्रसित
देश
श्रीलंका
में
अब
कई
विकल्प
हैं।
हो
सकता
है
कि
वे
तख्तियां
पकड़
सकते
हैं,
प्रदर्शनों
में
भाग
ले
सकते
हैं।
जो
श्रीलंका
के
राष्ट्रपति
को
घर
जाने
के
लिए
कहते
हैं,
या
आप
प्रधानमंत्री
को
घर
जाने
के
लिए
कहते
हुए
एक
तख्ती
पकड़
सकते
हैं।
यहां
पर्यटकों
के
लिए
सब
विकल्प
मौजूद
है।
इंटरव्यू
के
दौरान
पीएम
विक्रमसिंघे
के
चेहरे
पर
मुस्कान
थी।
पर्यटन
पर
एंकर
का
सवाल
गंभीर
था
टीवी
एंकर
ने
एक
कुछ
पल
रुककर
कहा
कि
पर्यटन
पर
उनका
गंभीर
सवाल
था।
एंकर
ने
कहा
कि,
पर्यटन
किसी
भी
उभरते
बाजार
का
एक
महत्वपूर्ण
हिस्सा
है।
आपको
हल्का,
फुल्का
देखकर
वाकई
में
अच्छा
लगा।
एंकर
ने
आगे
पीएम
से
पूछा,
आप
लोगों
को
श्रीलंका
जाने
के
लिए
प्रोत्साहित
नहीं
कर
रहे
हैं
या
कर
रहे
हैं?
यह
एक
वास्तविक
सवाल
है।
पीएम
विक्रमसिंघे
ने
कहा
कि,
वे
लोगों
को
आने
से
नहीं
रोक
रहे
हैं।
ऐसे
समय
पर्यटक
कैसे
आएंगे?
देश
में
विदेशी
मुद्रा
की
कमी
है,
प्रदर्शन
हो
रहे
हैं,
बुनियादी
चीजों
की
भारी
कमी
है।
उन्होंने
आगे
कहा
कि,
ऐसे
समय
कोई
श्रीलंका
आने
की
सोच
नहीं
सकता
है।
साक्षात्कार
का
यह
हिस्सा
सोशल
मीडिया
पर
वायरल
हो
गया
है।
सोशल
मीडिया
यूजर्स
इस
पर
टिप्पणी
कर
रहे
हैं
कि
क्या
प्रधानमंत्री
के
लिए
मजाक
उड़ाना
उचित
था।
दिवालिया
हुआ
श्रीलंका
पड़ोसी
देश
श्रीलंका
अपने
इतिहास
में
पहली
बार
दिवालिया
हो
गया
है।
ऐसी
स्थिति
में
उसे
अंतराराष्ट्रीय
बाजार
से
कर्ज
मिलना
मुश्किल
हो
जाएगा।
इससे
देश
की
प्रतिष्ठा
को
भी
दिवालिया
होने
के
कारण
काफी
नुकसान
पहुंचेगा।
श्रीलंका
को7
करोड़
80
लाख
डॉलर
का
कर्ज
चुकाने
के
लिए
30
दिनों
की
छूट
अवधि
दी
गई
थी,
जो
बुधवार
को
समाप्त
हो
गई।
इसी
के
साथ
श्रीलंका
विदेशी
कर्ज
चुकाने
से
चूक
गया
है।
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