न्यूयॉर्क टाइम्स ने उड़ाया मंगलयान का मजाक, टाइम मैगजीन ने बताया सर्वश्रेष्ठ
न्यूयार्क। सितंबर में लांच हुआ भारत का मंगलयान जिसने पूरी दुनिया में भारत का सिर गौरव से ऊंचा कर दिया था, उसे अमेरिका की टाइम मैगजीन ने वर्ष 2014 का सर्वश्रेष्ठ आविष्कार करार दिया है। खास बात है कि इसी मंगलयान का मजाक न्यूयॉर्क टाइम्स ने उड़ाया था तो उसे घोर आलोचना का शिकार होना पड़ा था।
जो किसी ने नहीं किया वह भारत ने किया
टाइम ने इस अभियान को टेक्नोलॉजी सेक्टर की एक ऐसी उपलब्धि करार दिया है जो भारत को ‘अंतरग्रहीय अभियानों' में पांव पसारने का मौका प्रदान करेगी। टाइम ने मंगलयान को ‘द सुपरमार्ट स्पेसक्राफ्ट' की संज्ञा दी है। टाइम ने लिखा है, ‘अभी तक कोई भी मंगल ग्रह पर पहली कोशिश में नहीं पहुंचा। अमेरिका, रूस और यहां तक कि यूरोपीय देश भी ऐसा नहीं कर पाये।
24 सितंबर को भारत ने ऐसा कर दिखाया। ऐसा तब हुआ तब मंगलयान लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर गया, एक ऐसी उपलब्धि जो कोई अन्य एशियाई देश हासिल नहीं कर पाया।'
25 आविष्कारों के बीच मंगलयान
टाइम मैगजीन ने मंगलयान को 2014 के 25 सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल किया है। यह वह आविष्कार हैं जो दुनिया को ‘बेहतर, सुन्दर और कुछ मामलों में आनंददायक बनाने वाले हों।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा तैयार मंगलयान पर 7.4 करोड़ डॉलर की लागत आई थी जो अकादमी पुरस्कार विजेता फिल्म ‘ग्रैविटी' पर आये खर्च से कम है। टाइम ने कहा कि मंगलयान पर जो पांच उपकरण लगाये गए हैं, उनके माध्यम से मंगल ग्रह पर मिथेन का आंकलन करने और उसकी सतह की बनावट के बारे में जानकारी जुटायी जायेगी।
टाइम के मुताबिक महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे भारत को अंतरग्रहीय अभियान में पांव पसारने में मदद मिलेगी जो देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम और विशेष तौर पर विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी बात होगी।'
इस सूची में दो भारतीयों के आविष्कार भी शामिल है जो अलग थलग रखे जाने वाले कैदियों को योग करने के लिए स्थान उपलब्ध कराने और बच्चों के लिए खिलौना टैबलेट से जुड़ा है।
वन पर्यावरणविद नलिनी नादकर्णी ने ओरेगन में स्नेक रिवर सुधार संस्थान के साथ ‘ब्लू रूम' तैयार किया जो अलग थलग रखे जाने वाले कैदियों के लिए है जिन्हें दिन में 23 घंटे दीवारों के अलावा कुछ और देखने को नहीं मिलता है।
गूगल के पूर्व इंजीनियर प्रमोद शर्मा ने ‘ओस्मो' नामक खिलौना टैबलेट तैयार किया है।