Thailand: पूर्व महिला अधिकारी को 43 साल की जेल, राजा का अपमान करने का पाया गया दोषी
Jail in Thailand For King Insult: बैंकांक। थाइलैण्ड में राजा का शासन चलता है। देश में राजा का स्थान न केवल सर्वोच्च है बल्कि किसी भी तरह की आलोचना से परे है। और इसका पालन करने के लिए सख्त नियम भी बनाए गए हैं जिसमें राजा या फिर राजतंत्र की आलोचना करना या उसे अपमानित करने पर कड़ी सज़ा दी जाती है। ऐसा ही नियम तोड़ने पर थाईलैण्ड की अदालत ने एक पूर्व महिला अधिकारी को 43 साल की सज़ा सुनाई है।
29 बार अपमान का पाया दोषी
बैंकाक की क्रिमिनल कोर्ट ने महिला को 29 बार राजा के अपमान का दोषी पाया। महिला ने अपने फेसबुक और यूट्यूब पर ऑडियो क्लिप पोस्ट की थी जिसे राजतंत्र की आलोचना करने वाला माना गया था। थाइलैण्ड में राजा के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। ये पहली बार है जब इस तरह बड़े पैमाने पर लोग सड़कों पर उतरकर राजतंत्र के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल हुए हैं।
मानवाधिकार समूह के कार्यकर्ताओं का कहना है कि कोर्ट द्वारा ये सज़ा चौंकाने वाली है। ये इस बात को बताती है कि राजा की आलोचना बिल्कुल भी स्वीकार नहीं की जाएगी बल्कि ऐसा करने वालों को गंभीर परिणाम भी भुगतने होंगे।
थाइलैण्ड के कानून के मुताबिक राजा या राजशाही का अपमान करने पर 3 से 15 साल की सज़ा का प्रावधान है। खास बात यह है कि इस कानून के तहत आप जितनी बार ये अपराध करते हैं उतनी बार अलग-अलग सजा दी जाएगी।
फेसबुक पोस्ट लाइक करने पर भी हो सकती है सजा
ये जरूरी नहीं कि आपने खुद ही आलोचना की हो। अगर आप फेसबुक या ट्विटर पर राजशाही की आलोचना वाली कोई पोस्ट को लाइक भी करते हैं तब भी आपको दोषी माना जाएगा। यही वजह है कि इस कानून को लेकर आलोचना होती रही है। इतना ही नहीं अगर राजघराने के अधिकारी भी शिकायत कर सकते हैं और फिर आरोपी को वर्षों तक अदालतों के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।
पिछले 15 साल की थाइलैण्ड की राजनीतिक अस्थिरता के दौरान इस कानून का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ खूब इस्तेमाल किया गया है। हाल के दिनों की बात छोड़ दें तो आम लोगों द्वारा राजतंत्र की आलोचना बहुत कम ही देखने को मिलती रही है। लेकिन पिछले साल लोकतांत्रित सुधारों की मांग को लेकर बड़ी संख्या में युवा इन प्रदर्शनों में शामिल हुए हैं। साथ ही राजशाही में भी सुधार की मांग की गई है। ये देश में पहले सार्वजनिक प्रदर्शन हैं जिसमें लोगों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर राजशाही में बदलाव की मांग की है।
2016 में संभाली थी गद्दी
इस सज़ा को एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। थाइलैण्ड का प्रशासन युवाओं के नेतृत्व वाले लोकतंत्र समर्थक उस प्रदर्शन से निपटने के लिए आखिरी हथियार के रूप में राजशाही कानून का इस्तेमाल कर रहे हैं जो राजशाही की शक्तियों को कम करने की मांग को लेकर सड़कों पर है।
थाइलैण्ड के राजा महा वजिरालांगकॉर्न 2016 में अपने पिता की मौत के बाद गद्दी संभाली थी। उस दौरान उन्होंने सरकार से इस कानून का इस्तेमाल न करने को कहा था लेकिन जैसे-जैसे राजशाही के खिलाफ ये प्रदर्शन तेज हुए हैं सरकार ने एक बार फिर से इसका इस्तेमाल तेज कर दिया है।
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