UNSC ने कहा अफगान महिलाओं पर लगा प्रतिबंध हटाओ, तालिबान ने किया खारिज
तालिबान ने अफगान की सभी महिला टीवी एंकर और अन्य महिलाओं को ऑन एयर होने के दौरान अपना चेहरा ढकने का आदेश दिया है। वहीं, UNSC ने अफगानिस्तान में महिला अधिकारों को लेकर चिंता प्रकट की है।
न्यूयॉर्क, 27 मार्च : तालिबान ने शुक्रवार को अफगान महिलाओं पर लगाए गए भारी प्रतिबंधों को वापस लेने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के आह्वान को खारिज कर दिया है। तालिबान का साफ तौर पर कहना है कि, यूएनएससी की चिंता का कोई आधार नहीं है। बता दें कि, UNSC ने मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया और उनकी नीतिओं की आलोचना की। तालिबान नीति के तहत अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान शासन ने महिलाओं, लड़कियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे।
अफगान महिलाओं को कैसे मिलेगा उनका अधिकार?
मीडिया में चल रहे खबरों के मुताबिक अफगानिस्तान में इस महीने की शुरुआत में महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर अपने चेहरे सहित पूरे शरीर को पारंपरिक बुर्के से ढकने का आदेश जारी किया गया था। अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज होते ही तालिबान प्रशासन ने अपने फैसले में कहा था कि, छठी कक्षा से ऊपर की कक्षाओं में पढ़ने वाली लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं होगी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अफगान कट्टरपंथियों से सभी स्कूलों को छात्राओं के लिए फिर से खोलने की भी मांग की है।
महिलाओं के लिए कड़े नियम
वहीं, तालिबान ने अफगान की सभी महिला टीवी एंकर और अन्य महिलाओं को ऑन एयर होने के दौरान अपना चेहरा ढकने का आदेश दिया है।
UNSC अफगान महिलाओं को लेकर चिंतित
वहीं, अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका की अध्यक्षता में जारी एक प्रेस वक्तव्य में 15 सदस्ययी परिषद ने अफगान महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकार एंव उनकी मौलिक स्वतंत्रता के बढ़ते हनन पर चिंता प्रकट की। यूएनएससी ने कहा कि इस तरह के प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं और अफगान लोगों के प्रति व्यक्त की गईं तालिबान की प्रतिबद्धताओं के विपरित हैं।
तालिबान ने कहा, UNSC की चिंता निराधार
इस पर अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार सुरक्षा परिषद की चिंताओं को निराधार मानती है और अफगान महिलाओं के अधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, चूंकि अफगानिस्तान के लोग मुख्य रूप से मुस्लिम हैं, इसलिए अफगान सरकार इस्लामी हिजाब के पालन को समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं के अनुरूप मानती है।
महिला अधिकारों को खत्म करना तालिबान का उद्देश्य
अफगानिस्तान में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट ने कहा कि तालिबान के प्रतिबंधों का उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक भूमिका को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि, किसी भी देश ने नई तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है और तालिबान शासन खुद को विश्व के समक्ष पेश करने में विफल रहा हैं।