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अमेरिकी सैनिकों के लिए करता था काम, तालिबान ने ईद पर दुभाषिये का सिर किया कलम

तालिबान ने अमेरिकी सेना के लिए काम करने वाले दुभाषिए का सिल कलम कर दिया।

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काबुल/वॉशिंगटन, जुलाई 23: अमेरिकी फौज हटने के साथ ही तालिबान ने उन लोगों से बदला लेना शुरू कर दिया है, जो अमेरिकन्स की मदद करते थे। अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने अमेरिकी सेना के लिए काम करने वाले दुभाषिये सोहेल पार्दिस का सिर कलम कर दिया है। सोहेल पार्दिस अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने घर से पास के खोस्त प्रांत में बकरीद के मौके पर अपनी बहन को लेने गये हुए थे।

दुभाषिए का सिर किया कलम

दुभाषिए का सिर किया कलम

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक 12 मई की ये घटना है, जब 32 साल के सोहेल पार्दिस अफगानिस्तान में अपने घर जा रहे थे, तभी एक चौकी पर तालिबान ने उनकी गाड़ी को रोक लिया। कुछ दिन पहले ही सोहेल के एक दोस्त ने कहा था कि सोहेल को तालिबान की तरफ से जान से मारने की धमकी मिल रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सोहेल ने करीब 16 महीने तक अमेरिकी सैनिकों के लिए काम किया था। सोहेन के दोस्त और सहकर्मी अब्दुलहक अयूबी ने सीएनएन को बताया कि ''तालिबान के लोग उसे अमेरिकी सेना का जासूस कहते थे, वो कहते ते कि तुम अमेरिकियों के लिए आंख का काम करते हो, लिहाजा तुम एक काफिर हो। हम तुम्हें और तुम्हारे परिवार को मार डालेंगे''

तालिबान ने छीन ली जिंदगी

तालिबान ने छीन ली जिंदगी

चश्मदीदों के मुताबिक, चेकपोस्ट पर सोहेल पार्दिस ने भागने की कोशिश की, लेकिन तालिबान के आतंकियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी और फिर उसे पकड़ लिया। ग्रामीणों ने रेड क्रिसेंट को बताया कि तालिबान के लोगों ने उन्हें गाड़ी से बाहर उतार लिया और फिर उनका सिर काट दिया गया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, सोहेल पार्दिस उन हजारों अफगान दुभाषियों में से एक थे, जिन्होंने अमेरिकी सेना के लिए काम किया था। और अब तालिबान उन्हें खोज रहे हैं और उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। जून में जारी एक बयान में तालिबान ने कहा था कि वह विदेशी ताकतों के साथ काम करने वालों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। तालिबान के एक प्रवक्ता ने सीएनएन को बताया कि वे घटना की सत्यता जांचने की कोशिश कर रहे हैं।

बदला ले रहा है तालिबान

बदला ले रहा है तालिबान

अमेरिकी सैनिकों के साथ काम करने वाले लोगों ने सीएनएन को बताया कि यूएस आर्मी के जाने के बाद अब उनकी जिंदगी खतरे में है और तालिबान के लोग बदला लेने के लिए उन्हें खोज रहे हैं। अफगानिस्तान युद्ध शुरू होने पर करीब एक लाख नाटो के सैनिक आये थे, लेकिन अब कुछ हजार सैनिक ही अफगानिस्तान में बचे हैं, जो जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, तालिबान अब मदद करने वालों को मार रहा है। सोहेल पार्दिस के दोस्त अयूबी ने कहा कि 'हम यहां सांस भी नहीं ले सकते हैं। तालिबान के पास बिल्कुल दया नहीं है'। अमेरिकी सेना के लिए काम करने वाले लगभग 18,000 अफगानों ने एक विशेष अप्रवासी वीजा कार्यक्रम के लिए आवेदन किया है, जो उन्हें संयुक्त राज्य जाने की अनुमति देगा। रिपोर्ट के मुताबिक, सैनिकों की मदद करने वाले अफगानों को अमेरिका अपने देश ले जाएगा।

अमेरिका ने धोखा दिया ?

अमेरिका ने धोखा दिया ?

अमेरिकी सैनिकों के लिए काम करने वाले ट्रांसलेटर्स को लगता है कि काम हो जाने के बाद अमेरिकी सैनिकों ने उन्हें धोखा दिया है और अफगानिस्तान में किस्मत के भरोसे उन्हें छोड़ दिया गया है। वहीं, सीएनएन से बात करते हुए अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी ने कहा कि ''हम उनकी मदद के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं और हम सुनिश्चित कर रहे हैं, कि उन्हें कोई खतरा नहीं हो''। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि, "हमने लंबे समय से कहा है कि हम उन लोगों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिन्होंने अमेरिकी सेना और अन्य सरकारी कर्मियों को अपने कर्तव्यों का पालन करने में मदद की है, उनकी जान जोखिम में है, और हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे। उनकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है''।

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English summary
Taliban Beheaded interpreter Sohail Pardis working for US military.
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