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Coronavirus: महल की आलीशान जिंदगी छोड़कर डॉक्‍टरों के साथ सेवा में जुटी है इस देश की राजकुमारी

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स्‍कॉटहोम। राजकुमारी अगर किसी के नाम के आगे यह लगा हो तो आलिशान जिंदगी की अपने आप किसी तोहफे सरीखी लगने लगती है। मगर एक राजकुमारी इस समय ऐसी हैं जो इस आलिशान जिंदगी को किनारे करके समाज के उस तबके की सेवा में लगी हैं, जो कोरोना वायरस से जूझ रहा है। स्‍वीडन की राजकुमारी सोफिया जिन्‍होंने हाल ही में हेल्‍थ ट्रेनिंग पूरी की है महामारी के दौरान देश के हेल्‍थ केयर स्‍टाफ के साथ मिलकर मरीजों के इलाज में कंधे से कंधे मिलाकर काम कर रही हैं।

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जताई थी लोगों की सेवा की इच्‍छा

जताई थी लोगों की सेवा की इच्‍छा

प्रिंसेज सोफिया की शादी प्रिंस कार्ल फीलिप के साथ हुई हैं। उन्‍होंने स्‍टॉकहोम स्थित सोफियामेट यूनिवर्सिटी से तीन दिनों का मेडिकल कोर्स पूरा किया है। इस यूनिवर्सिटी में वह मानद सदस्‍य के तौर पर नियुक्‍त हैं। कोर्स पूरा होने के बाद सोफिया ने महामारी के दौरान हेल्‍थकेयर स्‍टाफ की सहायता करने का फैसला किया। यूनिवर्सिटी ने एक हफ्ते में 80 लोगों को ट्रेनिंग देने के मकसद से खास कोर्स शुरू किया है। इसके जरिए देश के स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों पर अचानक आए काम के बोझ को कम करने की कोशिश की जा रही है। रॉयल कोर्ट मारगरेथा थोरग्रेन की तरफ से बताया गया है कि राजकुमारी की इच्‍छा थी कि वह संकट के इस समय में स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में थोड़ा योगदान करें।

साल 2015 में बनीं स्‍वीडन की राजकुमारी

साल 2015 में बनीं स्‍वीडन की राजकुमारी

साल 2015 में प्रिंसेज सोफिया की शादी प्रिंस फिलिप के साथ हुई थी और इसके साथ ही वह स्‍वीडन के शाही कोर्ट की सदस्‍य बनी थीं। इस शाही कपल के दो बच्‍चे हैं-प्रिंस एलेक्‍जेंडर और प्रिंस गैबरियल। स्‍वीडन में 15 अप्रैल को कोरोना वायरस की वजह से 170 लोगों की मौत हो गई है। देश में सिर्फ 48 घंटो के अंदर मृतकों का आंकड़ा 1033 से बढ़कर 1203 पर पहुंच गया है मगर इसके बाद भी अथॉरिटीज लॉकडाउन पर राजी नहीं हैं।

आयरलैंड के पीएम ने भी पेश की मिसाल

आयरलैंड के पीएम ने भी पेश की मिसाल

इस महामारी में ऐसी कई खबरें सामने आ रही हैं जहां पर लोग आलिशान जिंदगी और अपने रुतबे को पीछे छोड़ते हुए सेवा के लिए आगे आ रहे हैं। आयरलैंड के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने कोरोना वायरस महामारी के बीच ही एक ऐसी मिसाल पेश की है। पीएम वराडकर जो कि एक रजिस्‍टर्ड डॉक्‍टर हैं, फिर से अपनी ड्यूटी पर वापस लौट आए हैं। साल 2013 में वराडकर ने अपना मेडिकल रजिस्‍ट्रेशन हटा लिया था और राजनीति में सक्रिय हो गए थे। पीएम वराडकर ने देश की हेल्‍थ सर्विस एग्जिक्‍यूटिव (एचएसइई) को अपनी सेवाओं की पेशकश की

मिस इंग्‍लैंड ने भी उतारा ताज

मिस इंग्‍लैंड ने भी उतारा ताज

वराडकर की ही तरह मिस इंग्‍लैंड भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी ने भी ऐसी ही मिसाल पेश की है। साल 2019 की मिस इंग्‍लैंड भाषा मुखर्जी को जब पता लगा कि जिस देश में पली बढ़ी हैं तो वह खुद को रोक नहीं पाईं और ड्यूटी पर वापस आ गईं। ताज जीतने के बाद वह मिस इंग्‍लैंड के तौर पर अपनी ड्यूटीज को पूरा कर रही थीं। उन्‍हें अहसास हुआ कि इस समय उनके देश यूके को उनकी जरूरत है। भाषा ने सीएनएन के साथ बातचीत में कहा, 'मैं अपने घर वापस आना चाहती थी। मै घर आकर सीधा अस्‍पताल जाना चाहती थीं।' उन्‍हें उनके पूर्व सहकर्मियों की तरफ से मैसेज मिला था जो उनके साथ बोस्‍टन के पिलग्रिम अस्‍पताल में काम करते थे। यह अस्‍पताल ईस्‍टर्न इंग्‍लैंड में है।

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English summary
Swedish Princess Sofia is working with healthcare staff during Coronavirus crisis.
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