स्वीडन में गहराया राजनीतिक संकट, प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने संसद में खोया विश्वास मत
स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन सोमवार को स्वीडिश संसद में विश्वास मत हार गए। इसी के साथ वह विपक्षी सांसदों द्वारा अपदस्थ किए जाने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए।
स्टॉकहोम, 21 जून। स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन सोमवार को स्वीडिश संसद में विश्वास मत हार गए। इसी के साथ वह विपक्षी सांसदों द्वारा अपदस्थ किए जाने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के लोफवेन 2014 से देश के प्रधानमंत्री हैं। उनके विश्वास मत हारने के साथ कोरोना महामारी के बीच देश में एक राजनीतिक संकट पैदा हो गया है।
बता दें कि नए अपार्टमेंटों के लिए किराए पर नियंत्रण को आसान बनाने की विवादास्पद योजना के मुद्दे पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि स्वीडन में किराए पर कड़ा नियंत्रण है जिसका उद्देश्य बड़े शहरों में किराये की सस्ती दरें बनाए रखना है। वोट के बाद, लोफवेन ने कहा कि वह अन्य दलों के साथ चर्चा करेंगे और फैसला करेंगे कि इस्तीफा देना है या एक सप्ताह के भीतर मध्यावधि चुनाव बुलाना है।
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इस
वजह
से
अपने
ही
युद्धपोत
के
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भूकंप
बता
दें
कि
स्वीडन
के
हाउसिंग
मार्केट
को
नियंत्रण
मुक्त
करने
की
विवादास्पद
योजना
पर
लेबर
पार्टी
ने
केंद्र-वाम
सरकार
से
समर्थन
वापस
ले
लिया।
इस
पूरे
मामले
के
बाद
स्वीडन
के
डेमोक्रेट
नेता
जिमी
एक्सन
ने
संसद
को
बताया
कि
सरकार
हानिकारक
और
ऐतिहासिक
रूप
से
कमजोर
थी,
उन्होंने
कहा,
इसे
कभी
सत्ता
में
नहीं
आना
चाहिए
था।
अविश्वास
प्रस्ताव,
जिसे
पारित
करने
के
लिए
349
सीटों
वाली
संसद
में
175
मतों
की
आवश्यकता
थी,
को
181
सांसदों
ने
समर्थन
दिया।
वामपंथी
दल
ने
इस
संकट
को
जन्म
देने
के
लिए
लोफवेन
को
दोषी
ठहराया।
लेफ्ट पार्टी की नेता नूशी डडगोस्टार ने कहा, 'यह लेफ्ट पार्टी नहीं है जिसने सोशल डेमोक्रेट सरकार को छोड़ दिया है, बल्कि यह सोशल डेमोक्रेट सरकार है जिसने लेफ्ट पार्टी और स्वीडिश लोगों को छोड़ दिया है।' स्वीडन में अगले साल सितंबर माह में संसदीय चुनाव होने हैं। तब तक के लिए या तो नई सरकार चुनी जाएगी या फिर कार्यवाहक प्रशासन चुना जाएगा।