श्रीलंका के लिए संकट का साथी बना भारत, मदद पाकर राष्ट्रीय अस्पताल के डायरेक्टर ने भेजा भावुक संदेश
पिछले महीने के आखिरी हफ्ते में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका का दौरा किया था और इस दौरान श्रीलंका के कई लोगों ने ट्वीट कर भारतीय विदेश मंत्री से श्रीलंका में दवाएं भेजने के लिए मदद मांगी थी...
कोलंबो, अप्रैल 06: अभूतपूर्व आर्थिक और राजनीतिक संकट में फंसे श्रीलंका की स्थिति काफी खराब है और एक जिम्मेदार पड़ोसी देश होने के नाते भारत लगातार श्रीलंका की हरसंभव मदद कर रहा है। श्रीलंका में सबसे बड़ा संकट जान बचाने वाली दवाओं की किल्लत है, जिसकी वजह से अब मरीजों की जिंदगी पर खतरा पैदा हो रहा है। वहीं, भारत ने श्रीलंका को दवाओं का एक जखीरा भेजा है, ताकि श्रीलंकन मरीजों की जान पर खतरा ना आए।
श्रीलंका ने कहा- थैंक्यू इंडिया
द्वीप राष्ट्र में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच, आवश्यक वस्तुओं की कमी के कारण, श्रीलंका के राष्ट्रीय नेत्र अस्पताल के डायरेक्टर ने भारत को दवाएं उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद कहा है। उन्होने कहा कि, भारतीय मदद समय पर मिली है, जिससे हमें स्वास्थ्य सुविधाओं को सामान्य रखने में मदद मिली है। आपको बता दें कि, द्वीप राष्ट्र एक अभूतपूर्व दवाओं की आपूर्ति की कमी का सामना कर रहा है, जबकि लोग चल रहे आर्थिक संकट के विरोध में सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। शनल आई हॉस्पिटल कोलंबो के निदेशक डॉ दममिका ने कहा कि, "हमारी अधिकांश दवाएं भारतीय क्रेडिट लाइन के तहत भारत से आ रही हैं, और निकट भविष्य में और अधिक आपूर्ति हमारे पास आएगी। यह हमारे लिए एक बड़ी मदद है। मैं समर्थन के लिए भारत को धन्यवाद देता हूं।"
भारत भेज रहा है दवाइयां
पिछले महीने के आखिरी हफ्ते में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका का दौरा किया था और इस दौरान श्रीलंका के कई लोगों ने ट्वीट कर भारतीय विदेश मंत्री से श्रीलंका में दवाएं भेजने के लिए मदद मांगी थी, जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्री मे श्रीलंका के अस्पतालों का दौरा किया था और फौरन भारतीय दवा कंपनियों को श्रीलंका में तमाम जरूरी दवाओं की आपूर्ति करने के लिए कहा था। जिसके बाद भारत की तरफ से लगातार श्रीलंका में दवाएं भेजी जा रही हैं। भारत ने श्रीलंका को 500 मिलियन डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट दे रखा है, जिसके तहत श्रीलंका की सरकार भारत से तेल भी मंगवा रही है।
कई अस्पतालों में अभी भी दिक्कत
शनल आई हॉस्पिटल कोलंबो के निदेशक डॉ दममिका ने कहा कि, "हमारे पास इस महीने के लिए हमारे अस्पतालों में मेडिकल स्टॉक है और हमें स्वास्थ्य मंत्रालय से आपूर्ति मिल रही है, जबकि कुछ अस्पताल दवाओं की कमी का सामना कर रहे हैं।" श्रीलंका वर्तमान में विदेशी मुद्रा की कमी का सामना कर रहा है जिसके कारण भोजन, ईंधन, बिजली और गैस की कमी हो गई है और आर्थिक सहायता के लिए मित्र देशों की सहायता मांगी है। वहीं, राजधानी कोलंबो समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जिससे राजधानी को काफी नुकसान पहुंचा है। इस बीच, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने "सार्वजनिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव" को सुनिश्चित करने के लिए देश में लगाए गए आपातकाल को रद्द कर दिया है।
पीएम मोदी रख रहे हैं नजर
पिछले महीने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें "दोनों देशों द्वारा द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए की जा रही पहलों के बारे में जानकारी दी थी, और श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के लिए भारत द्वारा दिए गए समर्थन के लिए अपना धन्यवाद व्यक्त किया।" प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है, जिन्होंने हाल के महीनों में दो बार भारत का दौरा किया है। पीएम मोदी ने उन्हें कहा कि, भारत की नीति 'पड़ोसी पहले' की है और भारत श्रीलंका को किसी भी हाल में अकेला नहीं छोड़ेगा। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए भी कहा था कि, 'श्रीलका के वित्त मंत्री के साथ अच्छी बैठक बुई है और हमारी आर्थिक साझेदारी मजबूत करते हुए भारतीय निवेश बढ़ाने पर खुशी हुई'।
श्रीलंका की मदद करता भारत
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल फरवरी में, नई दिल्ली ने श्रीलंका सरकार की ओर से ऊर्जा मंत्रालय और सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के माध्यम से पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए कोलंबो को 500 मिलियन अमरीकी डालर का अल्पकालिक ऋण प्रदान किया है। नवंबर 2021 में भारत ने श्रीलंका को 100 टन नैनो नाइट्रोजन तरल उर्वरक दिए थे क्योंकि उनकी सरकार ने रासायनिक उर्वरकों के आयात को रोक दिया था। वहीं, श्रीलंका में भारत के हाई कमिश्नर गोपाल बाग्ले ने बताया कि हमने श्रीलंका की आपात अपील पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जनवरी माह से ही उनकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत की ओर से श्रीलंका को 2.5 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद दी गई है। 3 फरवरी को 500 मिलियन डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट भी साइन किया गया है, 1.5 टन जेट एविएशन फ्यूल, डीजल और पेट्रोल भी श्रीलंका पहुंचा है। मई माह तक 5 और खेप पहुंचेगी। इसके साथ ही एक बिलियन डॉलर की खाद्य सामग्री, दवाएं, जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है।
खाद्य सामग्री भी भेज रहा भारत
गोपाल बाग्ले ने बताया कि चावल की पहली खेप ज्द ही श्रीलंका पहुंचने वाली है। महज एक हफ्ते के भीतर इन सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए आपसी समझौता किया गया जोकि श्रीलंका के लोगों के लिए जीवनदायी साबित हुई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने श्रीलंका के साथ 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा के स्वैप की मदद मुहैया कराई है। साथ ही सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका पर सैकड़ो मिलियन डॉलर के बकाया राशि को भी आरबीआई ने फिलहाल के लिए अस्थगित कर दिया है। बाग्ले ने बताया कि संकट के इस समय जिस तरह से भारत ने त्वरित मदद का हाथ बढ़ाया है उसकी श्रीलंका में समाज के हर वर्ग के लोग तारीफ कर रहे हैं।