दक्षिण चीन सागर में चीन ने बनाई 10 हजार फुट में हवाईपट्टी, अमेरिका ने जताया विरोध
नई दिल्लीः दुनिया का ध्यान इस वक्त उत्तर कोरिया की ओर है वहीं इस बीच चीन तेजी से दक्षिण चीन सागर (SCS) में पैरासेल द्वीपों को पर अपनी वायुसेना और नौसेना के लिए बेस तैयार कर रहा है। विवादित द्विपों पर भी चीन अपना कार्य धडल्ले से कर रहा है। इन सब बातों का खुलासा हुआ है अमेरिका द्वारा ली गई सैटलाइट की तस्वीरों से। सैटलाइट की तस्वीरों से पता चला है कि साल 2017 में स्प्रैटली और पैरासेल द्वीपों पर 72 एकड़ के क्षेत्र में इन्फ्रस्ट्रक्चर का निर्माण कर चुका है।
चीन कर रहा है निर्माण
अमेरिका के वॉशिंटगटन में स्थित एशिया मैरिटाइम ट्रांसपेरेंसी इनिशिएटिव ने बारीकी से चीन की गतिविधियों का अध्ययन किया है। अध्ययन के बाद सामने आया है कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में द्वीपों पर विमानों को रखने की जगह के साथ-साथ अंडरग्राउंड स्टोरेज, रेडार और कई आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया है।
अमेरिका ने लगाए आरोप
अमेरिका से साथ-साथ कई देशों ने चीन पर दक्षिण चीन सागर में सैन्यीकरण गतिविधियां बढ़ाने का आरोप लगाया वहीं चीन ने कहा है कि वो स्प्रैटली में मानवनिर्मित द्वीपसमूह का निर्माण मुख्य रूप से मछली पकड़ने और मैरिटाइम ट्रेड को सुरक्षा देने के लिए कर रहा है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
बना दी 10 हजार फुट में हवाईपट्टी
इस वक्त दक्षिण चीन सागर में कई देशों ने 'कोड ऑफ कंडक्ट' पर सहमति बनाने के लिए बातचीत की कोशिश की जा रही है। इस मुद्दे पर अमेरिका और चीन में कई बार तनाव देखा जा चुका है। बताया जाता है कि इस क्षेत्र में 10 हजार फुट में हवाईपट्टी बनी हुई है। वहीं इसके नीचे युद्द सामग्री भी हो सकती है।
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