श्रीलंका की राह चला नेपाल, महंगाई के विरोध में सड़क पर उतरे छात्र, पुलिस संग हिंसक झड़प
ईंधन की बढती कीमतों के खिलाफ नेपाल में लगभग 100 से अधिक छात्रों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया।
काठमांडू, 21 जूनः ईंधन की बढती कीमतों के खिलाफ नेपाल में लगभग 100 से अधिक छात्रों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। काठमांडू में पुलिस ने राज्य के स्वामित्व वाले नेपाल ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा ईंधन की कीमतें बढ़ाने के बाद भड़के विरोध को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भी बरसाईं, जिसमें कई छात्र घायल हो गए।
ANNFSU से जुड़े हैं छात्र
ये प्रदर्शनकारी ऑल नेपाल नेशनल फ्री स्टूडेंट यूनियन (ANNFSU) से जुड़े बताए जा रहे हैं। ANNFSU मुख्य विपक्षी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की छात्र शाखा है। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को तोड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस ने कई प्रदर्शकारियों को हिरासत में लिया था। हालांकि, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
मंत्रालय ने किया समर्थन
देश के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्रालय ने इसे जायज बताते हुए कहा कि वैश्विक तेल की मतों में वृद्धि के कारण दाम बढ़ाया जाना जरूरी था। ईंधन की कीमतों में वृद्धि के बाद सार्वजनिक परिवहन के किराए में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश की बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच नेपाल के 29 मिलियन निवासी भी उच्च खाद्य और ऊर्जा की कीमतों का सामना कर रहे हैं।
दो वक्त का खाना जुटाना मुश्किल
बतादें कि भारत के पड़ोसी राज्यों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है। श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह नेपाल में भी पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर लगातार आवाज उठ रही है। लोगों का कहना है कि देश में आवश्यक चीजों की कीमत में लगातार बढोतरी होने से दो वक्त का भोजन जुटाना मुश्किल साबित हो रहा है।
नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन ने बढाई कीमत
राज्य के स्वामित्व वाली एकाधिकार नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन ने सोमवार को एक लीटर पेट्रोल और डीजल की कीमत में क्रमशः 12% और 16% की बढ़ोतरी की। इससे नाराज होकर लोग सड़कों पर उतर आए। लोगों ने सरकार से सस्ते ईंधन और खाद्य मूल्य नियंत्रण की मांग की।
रूस-यूक्रेन संकट से बढ़ीं कच्चे तेल की कीमतें
बता
दें
कि
रूस
द्वारा
यूक्रेन
पर
आक्रमण
के
बाद
से
वैश्विक
स्तर
पर
पेट्रोल,
डीजल
और
रसोई
गैस
की
कीमतों
में
वृद्धि
हुई
है।
नई
कीमत
के
लागू
होने
से
अब
पेट्रोल
की
कीमत
199
रुपये
प्रति
लीटर
और
डीजल
और
केरोसिन
की
कीमत
192
रुपये
प्रति
लीटर
हो
चुकी
है।
वहीं,
घरेलू
स्तर
पर,
आवश्यक
वस्तुओं
के
दाम
काफी
तेज़ी
से
बढ़
गए
हैं
और
बैंक
आदि
भी
व्यवसाय
आदि
के
लिए
जरुरी
कर्ज
दे
पाने
में
भी
असफल
हो
रहे
हैं।
भारत ने पूरी दुनिया के चावल बाजारों में दबदबा कैसे कायम किया है?