सनोफी और GSK जल्द लॉन्च करने जा रही हैं प्रोटीन बेस्ड कोरोना वैक्सीन, ट्रायल शुरू
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर दुनियाभर के देश लगातार काम कर रहे हैं। रूस पहले ही कोरोना की वैक्सीन को तैयार करने का दावा कर चुका है, जबकि अमेरिका का दावा है कि वह अगले कुछ दिनों में ही लोगों को कोरोना वायरस का टीका मुहैया करा देगा। इस बीच फ्रांस की दवा बनाने वाली कंपनी सनोफी और इसकी ब्रिटिश सहकर्मी जीएसके ने प्रोटीन बेस्ड कोरोना वैक्सीन को तैयार करने में जुटी है। सनोफी और जीएसकी की ओर से गुरुवार को कहा गया है कि उन्होंने वैक्सीन का दूसरे चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनी को उम्मीद है कि जल्द ही वह इस वैक्सीन को दुनिया के लिए उपलब्ध करा सकते हैं।
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पहले के फॉर्मूले पर टेस्ट
बता दें कि यह वैक्सीन प्रोटीन आधारित तकनीक पर आधारित है। सनोफी और जीएसके पहले से ही सर्दी-जुकाम जैसे इन्फ्लुएंजा के लिए टीके में इस फॉर्मूले का इस्तेमाल कर रही है। इसी फॉर्मूले के आधार पर कंपनी कोरोना की वैक्सीन को विकसित कर रही है। बता दें कि दुनिया के तमाम देश और दवा बनाने वाली कंपनियां कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटी हैं। कोरोना वायरस ने दुनियाभर में अबतक 8.61 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली है, जबकि करोड़ों लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं।
टीम लगातार कर रही काम
सनोफी के एग्जेक्युटिव वाइस प्रेसिडेंट थॉमस ट्रॉयंफ का कहना है कि हमारी समर्पित टीम और सहयोगी लगातार इस वैक्सीन पर काम कर रहे हैं ताकि दिसंबर तक इसके पहले नतीजे लोगों के सामने हो। सकारात्मक नतीजे आने के बाद तीसरे चरण का ट्रायल इसी वर्ष शुरू किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले सनोफी ने कहा था कि उसकी आर्थराइटिस की दवा कोरोना का इलाज करने में विफल रही है, लेकिन कंपनी इस वैक्सीन को लेकर आशावान है।
अमेरिका-भारत की टीमें करेंगी स्काउटिंग
गौरतलब है कि Coronavirus के लगातार बढ़ते मामलों के बीच अब अमेरिका और भारत के वैज्ञानिकों की 11 टीमें कोरोना इलाज, कोरोना के लिए इस्तेमाल की जा रही मौजूदा दवाओं, वेटिलेटर शोध औरक सेंसर आधार कोविड 19 की स्काउटिंग करेगी। बुधवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इस बारे में जानकारी दे गई है। जिसके मुताबिक भारतीय और अमेरिकी वैज्ञानिकों की 11 टीमें जल्द ही ज्वाइंट रूप से कोरोनावायरस को लेकर स्काउटिंग करेगी।
जल्द होगा टीम का चयन
अमेरिका और भारत के वैज्ञानिकों की 11 टीमें कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल हो रही किट, इलाज में इस्तेमाल किए जा रहे मौजूदा दवाओं के कारगर उपयोग, वेंटिलेटर शोध और सेंसर आधारित कोविड-19 लक्षण पहचानने के तकनीक विकसित करने पर काम करेंगी। इन टीमों का चयन अमेरिका-भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रतिभा कोष के द्वारा किया जाएगा।