Research: परिवर्तित होने के बाद लगभग 200 नए प्रकार के कोरोनावायरस फैल सकते हैं, जो अधिक "आक्रामक" होंगे
लंदन। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया कि कोरोनावायरस पिछले साल अक्टूबर के दिसंबर के बीच में चीन से इसकी शुरुआत हुई। वैज्ञानिकों ने बताया कि कोरोनावायरस ने जब मनुष्य को अपना शिकार बनाया तबसे उसमें कई उत्परिवर्तित रुप लिया। उन्होंने कहा कि "सभी वायरस स्वाभाविक रूप से उत्परिवर्तित होते हैं वैसे ही इसमें के कई परिवर्तित रुप आए। उन्होंने अपने हाल में किए नए शोध में पाया कि कि कोरोनावायरस के म्यूटेशन होने के बाद लभगग 200 नए प्रकार के कोरोनावारस फैलने का खतरा हैं जो कि पहले की अपेक्षा और आक्रामक होंगे।

बता दें अभी तक माना जा रहा था कि इसकी शुरुआत दिसंबर में चीन के वुहान से हुई लेकिन इस शोध में ये भी बताया गया है कि इसकी शुरुआत अक्टूबर में ही चुकी हैं। पिछले साल अक्टूबर और दिसंबर के बीच चीन में उभरने के बाद दुनिया भर में नए कोरोनोवायरस जल्दी फैल गया। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने नए कोरोनावायरस - के लगभग 200 आवर्तक आनुवंशिक उत्परिवर्तन पाए - जिसे यूसीएल शोधकर्ताओं ने कहा कि यह ये मनुष्यो में कैसे और क्यों फैलता हैं।
फ्रेंकोइस बल्लौक्स के सह-शोधकर्ता रिसर्च टीम ने जर्नल इंफेक्शन, जेनेटिक्स एंड इवोल्यूशन में प्रकाशित एक अध्ययन में लिखा है कि फेलोजेनेटिक अनुमान इस बात का समर्थन करता है कि COVID-2 महामारी कुछ समय पहले 6 अक्टूबर, 2019 से 11 दिसंबर, 2019 के बीच शुरू हुई थी बल्लूक्स ने कहा कि विश्लेषण में यह भी पाया गया कि वायरस था और उत्परिवर्तित होता है, जैसा कि आम तौर पर वायरस के साथ होता है, और यह कि वायरस के वैश्विक आनुवंशिक विविधता का एक बड़ा हिस्सा COVID-19 है, जो सभी कई देशों में पाया गया था। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में जल्दी से दुनिया भर में बड़े पैमाने पर फैलाव हो गया।

उन्होंने कहा कि "सभी वायरस स्वाभाविक रूप से उत्परिवर्तित होते हैं। अपने आप में उत्परिवर्तन एक बुरी चीज नहीं है और कोरोना का सुझाव देने के लिए कुछ भी नहीं है, जो उम्मीद से तेज या धीमी गति से उत्परिवर्तन कर रहा है,। "अब तक, हम यह नहीं कह सकते हैं कि कोरोना कमज़ोर और संक्रामक हो रहा है या नहीं। बता दें मार्च में चीनी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक प्रारंभिक अध्ययन ने सुझाव दिया था कि नए कोरोनावायरस के दो उपभेद हो सकते हैं जिससे वहां संक्रमण हो सकता है, उनमें से अन्य की तुलना में अधिक "आक्रामक" हैं। लेकिन, जर्नल वायरस इवोल्यूशन में अपने विश्लेषण को प्रकाशित करते हुए, ग्लासगो टीम ने कहा कि केवल एक प्रकार का वायरस घूम रहा था।