जानिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 93 साल की मां की शिन के बारे में
बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को करीब से जानने वाले लोग कहते हैं कि वह एक फैमिली मैन हैं। जिनपिंग की मां ने उन्हें बताया था कि परिवार ही किसी की पहली पाठशाला है और माता-पिता बच्चों के पहले टीचर हैं। रविवार 11 मई को मदर्स डे था और ऐसे में चीन की मीडिया ने जिनपिंग की मां के बारे में हर वह जानकारी दी जिसके बारे में लोग जानना चाहते हैं। जिनपिंग आज भी अपनी मां की कई बातों का पालन करने की कोशिश करते हैं। मां की शिन की उम्र इस समय 93 वर्ष है और कहा जाता है कि राष्ट्रपति की जिंदगी में उनका सबसे ज्यादा प्रभाव है।
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मदर्स डे पर चीनी मीडिया में छाई रहीं
मदर्स डे के मौके पर चीन के सरकारी चैनल चाइना सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) की तरफ से जिनपिंग की मां पर एक डॉक्यूमेंट्री की गई थी। इसमें राष्ट्रपति के बचपन के अलावा यह भी दिखाया गया था कैसै मां ने जिनपिंग को जिंदगी जीने के तरीकों के बारे में बताया। की ने एक बार बेटे को बताया था, 'माता-पिता और बड़ों की तरफ से बच्चों को अच्छे संस्कार उस समय दिए जाने चाहिए जब वह काफी छोटे होते हैं। इसके साथ ही उनमें एक अच्छी भावना का विकास करना चाहिए ताकि जब वह बड़े हों तो देश के विकास में अपना कुछ योगदान दे सकें।

17 साल की उम्र में बनी सीपीसी का हिस्सा
की का जन्म सन् 1926 में हुआ था और साल 1943 में जब उनकी उम्र 17 साल थी तो वह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) में शामिल हो गईं। वह पार्टी की कट्टर समर्थक बनीं और उसके नियमों को किसी भी हद तक पालन करने में यकीन करने लगीं। शी को आज भी याद है कि जब उनकी उम्र पांच या छह साल रही होगी तो उनकी मां ने पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ उन्हें देश की सेवा करना सीखाया था। मां की शिन, जिनपिंग को अपनी पीठ पर लादकर बुक स्टोर ले जाती और उनके लिए यूए फेई की किताब खरीदती जो चीन के जनरल रहे हैं।

मां ने बताया एक जनरल के बारे में जिनपिंग को
जब दोनों घर लौटकर आते तो उनकी मां उन्हें बताती कि कैसे यूए फेई की मां ने चार चीनी चरित्रों के चित्र बनाए थे जिसका मतलब था 'देश की सेवा पूरी ईमानदारी के साथ।' ये टैटू की तरह फेई की पीठ पर बने थे। जब जिनपिंग उनसे कहते कि इसे बनवाने में काफी दर्द हुआ होगा तो मां जवाब देती कि हां, दर्द तो हुआ था लेकिन उन्होंने दिल में अपनी मां की कही हुई बातों को बसा लिया था। कहते हैं कि राष्ट्रपति जिनपिंग ने तब से ही इन शब्दों को अपनी जिंदगी का लक्ष्य बना लिया था।

मां ने राष्ट्रपति को बताया ईमानदारी के बारे में
की शिन की जिंदगी काफी साधारण थी। उनकी मां के लिए परिवार की देखभाल करना और काम करना काफी मुश्किल था लेकिन उन्होंने कभी अपने काम के साथ कोई समझौता नहीं किया था। उनके जीवन जीने के ढंग और परिवार के माहौल ने जिनपिंग को नेतृत्व की कलाएं सीखाईं। उनकी मां ने उन्हें ईमानदारी और आत्म अनुशासन के बारे में बताया। उन्हें एक चिट्ठी लिखकर यह बात याद दिलाई कि सत्ता, दर्जा और इंसान के शौक को सही दिशा में होना चाहिए। कहते हैं कि जिनपिंग ने अपनी मां से ही अपने परिवार का ध्यान रखना सीखा है लेकिन वह छुट्टियों के समय बहुत मुश्किल से अपने घर जा पाते हैं।