10 सेकंड में फिनलैंड, 200 सेकंड में ब्रिटेन ध्वस्त, जानिए रूस ने अमेरिका को किन-किन शब्दों में धमकाया
यूक्रेन युद्ध के 80वें दिन एक भाषण के दौरान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि, 'पश्चिम देशों ने सामूहिक तौर पर हमारे खिलाफ हाइब्रिड युद्ध की घोषणा की है’।
मॉस्को, मई 15: यूक्रेन के बाद फिनलैंड को लेकर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और ऐसा लग रहा है, कि, तमाम वैश्विक शक्तियां इस तनाव को बढ़ाने के बजाए, भड़काने में लगी हैं। फिनलैंड के प्रधानमंत्री ने आज सुबह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया है और कहा है, कि फिनलैंड नाटो में शामिल होकर रहेगा। जिसपर रूसी राष्ट्रपति ने फिनलैंड के राष्ट्रपति से कहा, कि वो नाटो में शामिल होकर 'गलती' कर रहे हैं, क्योंकि उनकी सुरक्षा को 'कोई खतरा नहीं' है। वहीं, पुतिन के करीबी सांसद ने दो टूक कहा है, कि रूस 10 सेकंड में फिनलैंड को और 200 सेकंड में ब्रिटेन को तबाह कर देगा।
रूस की आखिरी धमकी
यूक्रेन युद्ध के 80वें दिन एक भाषण के दौरान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि, 'पश्चिम देशों ने सामूहिक तौर पर हमारे खिलाफ हाइब्रिड युद्ध की घोषणा की है'। उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि, 'यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि यह सब कब तक चलेगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसके परिणाम बिना किसी अपवाद के सभी को महसूस होंगे।' वहीं, नाटो में शामिल होने की फिनलैंड और स्वीडन की कोशिश को उस वक्त बड़ा झटका लगा है, जब तुर्की के राष्ट्रपति ने अर्दोआन ने कहा कि, वह नॉर्डिक देशों में सक्रिय कुर्द आतंकवादी संगठनों के कारण वो नाटो में फिनलैंड और स्वीडन के शामिल होने का समर्थन नहीं करेगें। आपको बता दें कि, नाटो में किसी देश के शामिल होने या ना होने पर वोटिंग होती है और उसमें सभी 30 सदस्य देशों का हस्ताक्षर करना जरूरती होता है। हालांकि, बाद में तुर्की के राष्ट्रपति के सलाहकार ने स्पष्ट करते हुए कहा कि, तुर्की की कोशिश फिनलैंड और स्वीडन के लिए नाटो का दरवाजा बंद करने की नहीं है। इब्राहिम कलिन ने कहा कि, 'हम दरवाजा बंद नहीं कर रहे हैं। लेकिन हम मूल रूप से इस मुद्दे को तुर्की के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले के रूप में उठा रहे हैं।'
रूस ने क्या कहा?
रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि, 'हमने सीधे टकराव से बचने के लिए सब कुछ किया है लेकिन हमारे सामने चुनौतियां रखी गई हैं और हम इसे स्वीकार करते हैं। रूस के खिलाफ, जो कुछ भी हमारे खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है, उसके खिलाफ हम खड़े हैं। हम विदेशों में अपने नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। यूक्रेन रूस के शांतिपूर्ण विकास को रोकने के लिए एक उपकरण, एक उपकरण है।" आपको बता दें कि, इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फिनलैंड के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से बात की थी और नाटो में शामिल होने के उनके फैसले का समर्थन किया था। जिसके बाद रूस की तरफ से काफी सख्त विरोध किया गया और धमकी दी गई कि, अगर अमेरिका रूसी राज्य को 'धमकी' देता है तो अमेरिका को 'परमाणु राख' का सामना करना पड़ेगा।
200 सेकंड में ब्रिटेन तबाह
वहीं, फिनलैंड को लेकर काफी बढ़ चुके तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति पुतिन के एक वरिष्ठ सहयोगी ने ब्रिटेन पर परमाणु हथियार दागने की धमकी देते हुए दावा किया है, कि इसमें सिर्फ तीन मिनट लगेंगे। फ़िनलैंड, जिसके राष्ट्रपति ने आज पुतिन को टेलीफोन किया है और उनसे सीधे कहा है, कि वो नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन कर रहे हैं, उसके जवाब में पुतिन के करीबी सांसद और रूस के ड्यूमा रक्षा समिति के उपाध्यक्ष अलेक्सी ज़ुरावलेव ने कहा कि, हम सिर्फ 10 सेकंड में फिनलैंड को तबाह कर देंगे। और हमें ब्रिटेन को तबाह करने में सिर्फ 200 सेकंड का वक्त लगेगा। जिसके बाद माना जा रहा है कि, फिनलैंड को लेकर तनाव काफी बढ़ चुका है और कभी भी फिनलैंड को लेकर युद्ध शुरू हो सकता है, लेकिन, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश लगातार फिनलैंड को नाटो में शामिल होने के लिए उकसा रहे हैं।
फिनलैंड के राष्ट्रपति ने किया पुतिन को फोन
फिनलैंड राष्ट्रपति ऑफिस की तरफ से जारी किए गये एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि, आज सुबह फिनलैंड के राष्ट्रपति निनिस्टो ने रूसी राष्ट्रपति को डायरेक्ट फोन किया था और उनसे कहा कि, यूक्रेन हमले के बाद फिनलैंड की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है, लिहाजा फिनलैंड नाटो गठबंधन में शामिल होने के लिए आवेदन करेगा। फिनलैंड के राष्ट्रपति ने कहा है, फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमल बाद फिनलैंड के लिए सुरक्षा वातावण बदल गया है। फिनलैंड के राष्ट्रपति ने कहा कि, हमने साल 2012 में हुई अपनी पहली बैठक के दौरान ही राष्ट्रपति पुतिन को बता दिया था, कि प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को अधिकतम करने का अधिकार है और फिनलैंड वही कर रहा है।
‘अस्तित्व पर खतरा पैदा कर रहा फिनलैंड’
वहीं, रूस ने फिनलैंड को परिणाम भुगतने की धमकी देते हुए उसकी बिजली सप्लाई बंद कर दी है। हालांकि, फिनलैंड ने कहा है कि, वो रूस से सिर्फ 10 प्रतिशत ही बिजली खरीदता है, तो उसे बिजली सप्लाई बंद करने से फर्क नहीं करेगा। लेकिन, पुतिन के करीबी माने जाने वाले रूसी सांसद जुरावलेव ने रूस की सरकारी मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'अगर फ़िनलैंड इस ब्लॉक में शामिल होना चाहता है, तो हमारा लक्ष्य बिल्कुल वैध है और फिनलैंड अपने ही अस्तित्व पर सवाल उठा रहा है'। इसके साथ ही रूसी सांसद ने रूस के सरकारी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि, 'अगर संयुक्त राज्य अमेरिका हमारे राज्य को धमकी देता है, तो यह अच्छा है, यहां आपके लिए सरमत (Satan-2 मिसाइल) रखा है, और अगर आपको लगता है कि रूस का अस्तित्व नहीं होना चाहिए, तो आपको भी राख में मिला दिया जाएगा'।
फिनलैंड पर कैसे हमला करेगा रूस?
रूस काफी आक्रामक हो चुका है और पूरी दुनिया को रूसी धमकी को गंभीरता से लेने की जरूरत है, क्योंकि रूस नाटो को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है और यूक्रेन युद्ध के पहले ही दिन पुतिन ने साफ कर दिया था, कि अगर रूस का अस्तित्व नहीं रहेगा, तो पृथ्वी का ही अस्तित्व नहीं रहेगा। वहीं, पुतिन के करीबी सांसद से पूछा गया, कि क्या वो अब फिनलैंड के साथ लगती अपनी सीमा पर परमाणु हथियारों को तैनात करेंगे, तो ज़ुरावलेव ने कहा कि, 'किस लिए? हम ऐसा नहीं करेंगे'। लेकिन आगे उन्होंने कहा कि, 'हम साइबेरिया से सरमत मार सकते हैं और यहां तक कि ब्रिटेन को भी ध्वस्त कर सकते हैं, और अगर हम कैलिनिनग्राद से हमला करते हैं, तो हम सिर्फ 200 सेकंड में अपने हाइपरसोनिक मिसाइल से ब्रिटेन को बर्बाद कर सकते हैं'। उन्होंने कहा कि, 'फिनिश सीमा पर हमारे पास रणनीतिक हथियार नहीं होंगे, लेकिन किंजल-क्लास होगा, जो 20 सेकंड या 10 सेकंड में फिनलैंड पहुंच जाएगा।'
‘फिनलैंड को उकसा रहा अमेरिका-ब्रिटेन’
पुतिन के करीबी सांसद और रूस की सुरक्षा परिषद के दूसरे सबसे बड़े अधिकारी ने दावा किया कि, अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा फिनलैंड को नाटो में शामिल होने के लिए उकसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, 'फिन्स के पास हमारे साथ साझा करने के लिए कुछ भी नहीं है। वे हमसे 90 प्रतिशत से अधिक गैस, लकड़ी और बहुत कुछ प्राप्त करते हैं। सबसे पहले लड़ने की जरूरत किसे है? फिन्स? उन्हें इस बात का डर नहीं है कि रूस उन पर हमला कर सकता है। बेशक, देर-सबेर अमेरिकी उन्हें ऐसा सोचने के लिए मजबूर करेंगे और उन्हें उकसाने की कोशिश कर रहे हैं, कि रूस फिनलैंड पर हमला कर सकता है'। उन्होंने कहा कि, 'जिस तरह उन्होंने यूक्रेन को ऐसा करने के लिए मजबूर किया, वे पोलैंड और रोमानिया को मजबूर करने की कोशिश कर रहे हैं। और, जैसा कि दिख रहा है, वे देशों को उकसाने में सफल भी हो रहे हैं'। उन्होंने कहा कि, 'यह कहना असंभव है कि फिनलैंड नाटो में शामिल हो जाएगा और हमारे प्रति पहले जैसा व्यवहार करेगा, ऐसा नहीं होगा। अमेरिकी उन्हें अभी और उकसाएंगे। लेकिन, हम लंबे समय तक ये सब सह सहते हैं। लेकिन यह हमेशा के लिए नहीं चल सकता।'