'स्पेशल, स्ट्रैटिजिक और ग्लोबल'... पीएम मोदी ने भारत-जापान संबंध पर लिखा स्पेशल नोट
ओपिनियन पीस में लिखे गये अपने लेख में प्रधानमंत्री मोदी ने उन दिनों का जिक्र किया, जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे।
टोक्यो, मई 23: जापान दौरे पर टोक्यो पहुंचे पीएम मोदी ने यह रेखांकित करते हुए, कि भारत-जापान सांस्कृतिक संबंध कई सदियों पुराने हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि गहरे संबंधों ने दोनों देशों के बीच एक आधुनिक साझेदारी के लिए एक मजबूत नींव रखने में मदद की है। ऐसे समय में जब नई दिल्ली और टोक्यो स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, दोनों देशों के राजनयिक संबंधों को मजबूती मिली है।
जापानी अखबार में पीएम का नोट
जापानी अखबार में लिखे गये एक लेख में पीएम मोदी ने कहा कि, भारत और जापान विशेष मित्रता से बंधे हैं। पीएम ने भारत-जापान साझेदारी का वर्णन करने के लिए तीन शब्दों ‘विशेष, रणनीतिक, वैश्विक' का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि, जब बात द्विपक्षीय संबंधों की वास्तविक क्षमता की बात आती है, तो असल में ये तीनों शब्द भी कम कर पड़ जाते है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, "जैसा कि हम 70 साल के राजनयिक संबंधों को स्पेशल मार्क कर रहे हैं, हम अपने क्षेत्र में एक स्पेशल साझेदारी का भी निर्माण कर रहे है और मुझे विश्वास है कि, पीएम किशिदा के साथ मेरी बैठक से इस महत्वाकांक्षी एजेंडे को साकार करने की दिशा में ठोस प्रगति की तरफ ले जाएगी।"
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भारत-जापान में ऐतिहासिक संबंध
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने नोट में भारत और जापान के संबंध को ऐतिहासिक बताया है और उन्होंने लिखा है कि, भारत और जापान ‘लोकतंत्र, स्वतंत्रता और एक नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाने के मूल्यों में साझा विश्वास, साक्षा दृष्टिकोण रखते हैं और दोनों देशों के संबंध का आधार भी यही हैं।' पीएम मोदी ने लिखा कि, भारत और जापान विश्वसनीय और स्वाभाविक साझेदार के रूप में उभरे हैं। उन्होंने लिखा कि, ‘इन गहरे संबंधों ने एक आधुनिक भारत-जापान साझेदारी के लिए एक मजबूत नींव रखी है, जो दोनों देशों के बीच शुरू हुए औपचारिक राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ मनाने के बीच और भी फल-फूल रही है'।
जापानी व्यवसाय में दीर्घकालिक प्रतिबद्धता
ओपिनियन पीस में लिखे गये अपने लेख में प्रधानमंत्री मोदी ने उन दिनों का जिक्र किया, जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उन्होंने लिखा कि, ‘जापान के प्रति मेरा दृढ़ विश्वास उस वक्त बना, जब के गुजरात प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाते मेरे शुरूआती दिन थे।' उन्होंने लिखा कि, ‘ये सिर्फ जापानी टेक्नोलॉजी और स्किल्स का ही बेहतरीन होना नहीं था, बल्कि ये जापानी नेतृत्व और व्यवसायों की गंभीरता और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता भी थी, जिसने जापान को गुजरात का पसंदीदा औद्योगिक भागीदार बनाया और इसकी स्थापना के बाद से वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में सबसे प्रमुख उपस्थिति दर्ज की'।
भारत का अमूल्य साझेदार बना जापान
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि विकास और आधुनिकीकरण के पथ पर भारत की यात्रा में जापान भी एक अमूल्य भागीदार साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि, "ऑटोमोबाइल क्षेत्र से औद्योगिक गलियारों तक, जापानी निवेश और विकास सहायता का वास्तव में पूरे भारत पर भारतीय पदचिह्न हैं। प्रतिष्ठित मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना एक नए भारत के निर्माण के लिए कुछ सबसे महत्वपूर्ण प्रयासों में जापान के व्यापक सहयोग का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि, ‘हमने 1952 में राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद से एक लंबी दूरी तय की है। मेरे विचार में, हालांकि, सबसे अच्छा दौर आना अभी भी बाकी है। और भारत और जापान दोनों ही कोविड के बाद के युग में अपनी अर्थव्यवस्थाओं को फिर से मजबूत और नया रूप देना चाहते हैं। व्यापार और निवेश से लेकर रक्षा और सुरक्षा तक पूरे स्पेक्ट्रम में हमारे जुड़ाव को गहरा करने की बहुत गुंजाइश है।"
भारत का अनिवार्य भागीदार बना जापान
पीएम मोदी ने अपने नोट में लिखा है कि, पिछले कुछ सालों में भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, डिजिटल टेक्नोलॉजी, सर्विस सेक्टर, एग्रीकल्चर के क्षेत्र में एक मजबूत नींव रखने में जापान की काफी अहम भूमिका रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भारत के निरंतर परिवर्तन में जापान को एक अनिवार्य भागीदार के रूप में देखते हैं। पीएम ने अपने नोट में लिखा है कि, ‘जापान के लिए, भारत की गति और पैमाने व्यापार करने में आसानी, आकर्षक प्रोत्साहन, साहसिक सुधार और बेजोड़ अवसर पैदा करने की महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ गठबंधन करते हैं। हमने भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ एक गतिशील स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को भी बढ़ावा दिया है। जापान पहले से ही है इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। और भी बहुत कुछ करने की संभावना है।"