IMF के दरवाजे पर कटोरा लेकर कर्ज लेने खड़े इमरान खान ने अवाम को दिया बिजली का तेज झटका
इमरान सरकार ने IMF की शर्तों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान में बिजली बिलों में 6 रुपये इजाफा करने का फैसला लिया है।
इस्लामाबाद: कंगाल पाकिस्तान में नागरिकों का एक एक दिन बिताना बेहद कठिन होता जा रहा है। पाकिस्तान में आटा-दाल की कीमत आसमान पर है तो पाकिस्तान सरकार कर्ज पर कर्ज लिए जा रही है। पाकिस्तान सरकार फिर से इंटरनेशनल मॉनिट्री फंड यानि आईएमएफ से कर्ज लेने जा रही है लेकिन आईएमएफ की शर्तों को पूरा करने में पाकिस्तान असमर्थ है। लिहाजा इमरान सरकार ने जनता के सिर पर महंगाई का बोझ डाल दिया है। एक बार फिर से इमरान खान पाकिस्तान में बिजली की कीमतों में बेहिसाब इजाफा करने जा रही है।
पाकिस्तान में त्राहिमाम करती जनता
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार जनता की जेब से एक एक रुपये खींच लेना चाहती है ताकि उसे आईएमएफ से कर्ज मिल सके। इस बार इमरान खान सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए पाकिस्तान में बिजली की कीमतों में 5 रुपये 36 पैसे बढ़ाने का फैसला करने वाली है। जिसको लेकर पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने इमरान खान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पाकिस्तान की दो बड़ी पार्टियों ने शनिवार को इमरान खान सरकार को जनता का लुटेरा बताया है। दरअसल, इमरान खान सरकार को अगर आईएमएफ से कर्ज चाहिए तो उसे आईएमएफ की शर्तों को मानना ही होगा लिहाजा इमरान खान ने जनता को महंगाई का करंट लगा दिया है।
विपक्ष ने खोला मोर्चा
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने इमरान सरकार को जमकर घेरना शुरू कर दिया है। नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग ने कहा है कि 'आर्मी द्वारा चुना गया प्रधानमंत्री ने अपनी जुबान गिरवी रख दी है'। विपक्ष ने कहा है कि इमरान खान ने पाकिस्तान की गरीब जनता और पाकिस्तान के सिर पर 884 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रिक बम फोड़ दिया है। विपक्ष ने कहा है कि 'इमरान खान पाकिस्तान के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जो एक अध्यादेश के जरिए देश की जनता को लूट रही है।
जनता को लूट रही है सरकार
विपक्ष ने इमरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि 'इमरान खान का अध्यादेश निहायत ही असंवेदनशील है, ये सरकार की उदासीनता, शर्म और घमंड को दर्शाता है। पाकिस्तान सरकार ने अध्यादेश लाकर बिजली बिल में करीब 6 रुपया इजाफा करने का फैसला किया है, इमरान खान ने अध्यादेश लाकर खाने की कीमत में भी इजाफा किया है, इमरान खान सरकार का ये कदम पाकिस्तान की जनता को जीते-जी मारने से कम नहीं है'। दरअसल, पाकिस्तान सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसा बचा ही नहीं है और जो पैसे आते हैं, उसे आतंकवादियों को पालने में खर्च कर देती है। लिहाजा पाकिस्तान सरकार के पास अलग अलग देशों से कर्ज लेने के अलावा कोई और विकल्प बचता ही नहीं है।
आईएमएफ के आगे बेदम पाकिस्तान
दरअसल, पाकिस्तान सरकार आईएमएफ के दरवाजे के आगे कटोरा लेकर कर्ज लेने खड़ी है। लेकिन, पाकिस्तान पहले ही करोड़ों डॉलर का कर्ज आईएमएफ से ले रखा है। ऐसे में आईएमएफ ने अब पाकिस्तान के सामने नये कर्ज देने से पहले कई शर्तें लगा दी हैं। और उन्हीं शर्तों को पूरा करने के लिए इमरान खान सरकार अध्यादेश के जरिए लगातार अलग अलग चीजों के दाम बढ़ा रही है। पाकिस्तान अभी 500 मिलियन डॉलर का कर्ज आईएमएफ से लेने वाला है और आईएमएफ की शर्तों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने पाकिस्तान से कॉरपोरेट टैक्स को हटा लिया है और उसकी जगह पर एक अध्यादेश के जरिए बिजली बिलों में करीब 6 रुपये का इजाफा करने का फैसला किया है। अगले करीब ढाई सालों तक के लिए पाकिस्तान में बिजली बिल 6 रुपये ज्यादा होगा।
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