क्या है 'One Love' विवाद, Fifa-2022 में जर्मनी के फुटबॉलर ने क्यों रखा मुंह पर हाथ?
One love armband controversy in Hindi: कतर में हो रहे वर्ल्ड कप फुटबॉल कई तरह के विवादों से घिरा हुआ है। इस अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के दौरान फ्री स्पीच को लेकर दुनिया भर में झंडा उठाने वाले कुछ देशों के विरोधाभास भी स्पष्ट नजर आ रहे हैं। दरअसल, दो महीने पहले ही यूरोप के कुछ देशों ने तय किया था कि कतर में मैच के दौरान समलैंगिक समाज के लिए आवाज उठाएंगे। क्योंकि, कतर में समलैंगिकता अपराध है। लेकिन, उसने अपनी शर्त पर यह वैश्विक टूर्नामेंट आयोजित करवाया है, जिसमें कोई दूसरा देश उस समुदाय को मौन समर्थन भी नहीं दे सकता। चाहे वहां उनके साथ कथित तौर पर ज्यादती ही क्यों नहीं की जा रही हो। जब कतर के अज्ञात दबाव में फीफा ने नियमों का हवाला देकर फुटबॉल टीमों को पाबंदियों की चेतावनी देकर डराया तो जर्मनी की टीम ने फीफा के खिलाफ अलग तरह से विरोध जताने की कोशिश की है। जानिए पूरा मामला है क्या ?
'वन लव आर्मबैंड' लगाने से पीछे हटीं यूरोपियन टीम
सात यूरोपीय देशों के फुटबॉल टीमों के कप्तान कतर वर्ल्ड कप के दौरान इंद्रधनुषी आर्मबैंड (बांह वाली पट्टी) पहनने वाले थे। उनका मकसद ऐसा करके उस देश में समलैंगिक समुदाय को समर्थन देना था, जहां समलैंगिकता गैरकानूनी है। लेकिन, इस खेल की नियामक संस्था फीफा ने उन्हें ऐसा करने से साफ मना कर दिया। इसके चलते सोमवार को इंग्लैंड समेत नीदरलैंड, स्विटजरलैंड, जर्मनी, डेनमार्क और बेल्जियम के फुटबॉल नियामक संगठनों ने फीफा के पाबंदियों के डर से 'वन लव आर्मबैंड' अभियान को ठंडे बस्ते में डालने का फैसला कर लिया, जिसकी घोषणा उन्होंने सितंबर में ही कर दी थी। इनके साझा बयान में कहा गया, 'नेशनल फेडरेशनों के रूप में हम अपने खिलाड़ियों को बुकिंग समेत खेल पाबंदियों का सामना नहीं करने दे सकते हैं, इसलिए हमने अपने कप्तानों से कहा है कि वे फीफा विश्व कप खेलों में आर्मबैंड ना पहनें।' उन्होंने यहां तक कहा कि वह जुर्माना देने को भी तैयार थे, लेकिन खिलाड़ियों को येलो कार्ड दिखाने या मैदान छोड़ने के लिए मजबूर किया जाना नहीं झेल सकते।
'वन लव आर्मबैंड' कैंपेन क्या है ?
2020 के फुटबॉल सीजन में डच फुटबॉल एसोसिएशन ने वन लव कैंपेन शुरू किया था। इसका मकसद 'सभी लोगों को जोड़ना और किसी भी तरह के भेदभाव की निंदा' करना था। सितंबर, 2022 में यह घोषणा की गई कि नॉर्वे, स्वीडन और फ्रांस समेत 9 और देश भी कतर वर्ल्ड कप और अगले साल होने वाले UEFA नेशंस लीग सहित विभिन्न मैचों में इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे। इन टीमों के कप्तान इंद्रधनुषी आर्मबैंड पहनने को राजी हुए, जिस पर 'वन लव' लिखा होता है। इसमें अंक एक दिल के अंदर लिखा होता है। हालांकि, इसमें समलैंगिक समुदाय से जुड़े मुद्दे का कोई जिक्र नहीं होता, लेकिन वैश्विक स्तर पर यह उनके अधिकारों के लिए किसी भी तरह के भेदभाव के विरोध की पहचान बन चुकी है।
कतर में 'वन लव' आर्मबैंड बांधने का मकसद क्या था ?
कतर में समलैंगिक संबंध अपराध है। ह्यूमैन राइट्स वॉच के मुताबिक पिछले सितंबर में वहां LGBTQ समुदाय के लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं और प्रशासन ने उनके साथ बहुत ज्यादतियां की हैं। इसीलिए कतर में फुटबॉल मैदान में 'वन लव' आर्मबैंड बांधकर यूरोपीय देशों के फुटबॉल खिलाड़ी इस समुदाय को मौन समर्थन देना चाह रहे थे। सोमवार से पहले तक इंग्लैंड के कप्तान हेरी केन इस बात पर अड़े हुए थे कि वह वन लव आर्मबैंड पहनना चाहते हैं। (ऊपर की तस्वीरें सौजन्य-यूट्यूब वीडियो)
'वन लव' आर्मबैंड बांधने से क्यों पीछे हट गई टीम ?
दरअसल, फीफा ने साफ चेतावनी दे दी थी कि 'फीफा के नियंत्रण वाले क्षेत्र में ऐसी कोई चीज नहीं पहनी जाए या इस्तेमाल न की जाए, जो खतरनाक, आपत्तिजनक या अशोभनीय हो, जिनमें राजनीतिक, धार्मिक, या व्यक्तिगत नारे, बयान, या चित्र शामिल हैं या जो खेल के कानूनों का पूर्ण रूप से पालन नहीं करते हैं।' फीफा के प्रेसिडेंट गियान्नी इन्फैंटिनो ने शनिवार को दोहा में कहा था, 'आर्मबैंड को लेकर हमारे पास स्पष्ट नियम हैं।.........यह हमारे लिए महत्वपूर्ण विषय है।' फीफा की चेतावनी का मतलब साफ था कि वन लव संदेश देने के चक्कर में खिलाड़ियों को बेवजह येलो कार्ड का सामना करना पड़ सकता था। खिलाड़ियों को मैच से बाहर भी भेजा जा सकता था, जिससे आखिरकार टीम पर असर पड़ सकता था।
कतर में आयोजन को लेकर पहले से ही उठ रहे थे सवाल
2010 में जब कतर को वर्ल्ड कप फुटफॉल के लिए चुना गया, तभी से उसको कई तरह के विरोध झेलने पड़ रहे थे। क्योंकि, वह ऐसा आयोजन करवाने वाला मध्यपूर्व का और मुस्लिम-बहुल पहला देश है। समलैंगिक अधिकारों और कथित तौर पर मानवाधिकारों के लिए उसपर पहले से सवाल उठते रहे थे। ऐसे में इन अधिकारों की वकालत करने वाले यूरोपीयन फुटबॉल प्रेमियों के लिए यह देश पहले से ही अलोकप्रिय था। यही वजह है कि यूरोप के कुछ देशों के खिलाड़ियों ने समलैंगिकता को समर्थन के नाम पर अपना जोश दिखाने की कोशिश की थी, लेकिन फीफा के आगे उन्हें नतमस्तक हो जाना पड़ा।
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जर्मनी ने लिया मुंह बंद करने वाला स्टैंड
जब कट्टरपंथी कतर के दबाव में फीफा झुकता नजर आया तो जर्मनी के खिलाड़ियों ने अपना संदेश देने का दूसरा तरीका आजमाया। बुधवार को जापान के साथ अपने वर्ल्ड कप मैच से पहले जर्मनी के खिलाड़ियों ने अपने मुंह पर हाथ रखकर टीम के साथ फोटों खिंचवाई। यह विरोध फीफा के धमकी के खिलाफ था कि वन लव आर्मबैंड पहनने पर खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। बाद में जर्मनी ने ट्विटर पर मुंह बंद वाली तस्वीर के साथ संदेश दिया कि 'आर्मबैंड या आर्मबैंड के बिना भी, हम अपने स्टैंड पर अडिग हैं।'