ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैद का लंबी बीमारी के बाद निधन
दोहा। ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैयद अल सैद का शुक्रवार की देर रात निधन हो गया। वो 79 साल के थे। वो 1970 से लगातार सुल्तान पद पर थे। सुल्तान के कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। उनके निधन पर रॉयल कोर्ट के दीवान ने स्वर्गीय सुल्तान का शोक संदेश जारी किया।
इस संदेश में कहा गया कि 14वें जुमादा अल उला सुल्तान काबूस बिन सैद का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। पिछले 50 सालों से एक व्यापक पुनर्जागरण की स्थापना के बाद से उन्होंने 23 जुलाई 1970 को सत्ता संभाली थी। इस पुनर्जागरण के परिणामस्वरूप एक संतुलित विदेश नीति जिसे पूरी दुनिया ने सम्मान के साथ सराहा। रॉयल कोर्ट के दीवान ने सुल्तान सैद की मृत्यु पर तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।
सुल्तान काबूस के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, सुल्तान काबूस बिन सईद के निधन के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। वह एक दूरदर्शी नेता और राजनेता थे, जिन्होंने ओमान को एक आधुनिक और समृद्ध राष्ट्र में बदल दिया। वह दुनिया के लिए शांति के प्रतीक थे। बता दें कि सुल्तान काबूस का जन्म 18 नवंबर 1940 को सलालाह में हुआ था। वह अल बू सईद वंश के वंशज थे।
बताया जाता है कि सुल्तान काबूस की पढ़ाई भारत और सैंडहर्स्ट की रॉयल मिलिट्री एकेडमी में हुई थी। सईद ने 1970 में अपने पिता सईद बिन तैमूर का तख्तापलट कर ओमान की बागडोर अपने हाथ में ली थी। पांच साल के शासन में सईद ने ओमान को गरीबी से निकालकर विकास की पटरी पर लाकर खड़ा कर दिया। सईद ने तेल के भंडारों के जरिए खाड़ी में अपना अलग मुकाम बनाया और दुनिया भर के देशों के साथ आपसी रिश्ते मजबूत किए।
कैंसर था सुल्तान को
बीते महीने बेल्जियम में चिकित्सा उपचार के बाद सुल्तान कबूस बिन सैद के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं थीं। कुछ रिपोर्टों का दावा है कि सुल्तान कबूस बिन सैद कैंसर से पीड़ित थे।
अब क्या होगा
1996 के एक कानून के तहत सत्तारूढ़ परिवार सिंहासन के खाली होने के तीन दिनों के अंदर एक उत्तराधिकारी का चयन करेगा। वहीं यदि वे असहमत होते हैं, तो सैन्य और सुरक्षा अधिकारियों की एक परिषद, सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख और दो सलाहकार विधानसभाओं के प्रमुख उस व्यक्ति को सत्ता में लाएंगे, जिसका नाम गुप्त रूप से सुल्तान ने सीलबंद पत्र में लिखा है।