'कोविड-19 से कोई सुरक्षित नहीं', अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. फाउची बोले- भारत में दूसरी लहर ने दिखा दिया
वाशिंगटन, अप्रैल 24। अमेरिका में कोविड-19 महामारी को लेकर राष्ट्रीय अभियान का नेतृत्व कर रहे विशेषज्ञ डॉक्टर एंथोनी फाउची ने भारत में फैली कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर कहा इस वैश्विक आपदा से कोई भी सुरक्षित नही है। डॉ. फाउची पहली लहर के बाद भारत के कम चपेट में आने को लेकर लगाए गए अनुमानों के संदर्भ में बोल रहे थे। कोरोना की पहली लहर में पिछली साल अमेरिका में हाहाकार मचा हुआ था। उस समय भारत और इस जैसे कई उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में अधिक असर नहीं हुआ था।
डॉक्टर फाउची ने शुक्रवार को ह्वाइट हाउस में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा शुरुआत में जब निम्न और मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में बहुत ज्यादा लोग संक्रमित नहीं हुए थे तो लोग कह रहे थे कि शायद वहां की जलवायु में कुछ खास है, या वहां के युवाओं के बारे में बात कर रहे थे।
पहली
लहर
में
भारत
तबाही
से
बच
गया
था
दरअसल
जब
पिछले
साल
कोरोना
वायरस
की
पहली
लहर
आई
थी
तो
अमेरिका
और
यूरोप
के
देशों
में
हाहाकार
मचा
हुआ
था।
अमेरिका
उस
समय
समय
सबसे
ज्यादा
प्रभावित
देश
बना
था।
अमेरिका
में
एक
दिन
में
रिकॉर्ड
3
लाख
से
ज्यादा
केस
दर्ज
हो
रहे
थे।
संक्रमण
की
संख्या
का
यह
आंकड़ा
भारत
ने
इसी
सप्ताह
तोड़ा
है।
लेकिन
उस
समय
एशिया
और
अफ्रीका
के
गरीब
और
विकासशीस
देशों
में
कोरोना
वायरस
इतना
असर
नहीं
डाल
सका
था।
जिसके
बाद
कहा
जा
रहा
था
कि
इन
देशों
की
जलवायु
और
जीवनशैली
को
इसके
लिए
जिम्मेदार
बताया
गया
था।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सुरक्षा सलाहकार डॉक्टर फाउची ने कहा "लेकिन अब अफ्रीका और भारत में इसका फैलाव हमें जो बता रहा है वह यह है कि जब आप वैश्विक आपदा का सामना कर रहे हैं तो समझ लें कि यह वैश्विक आपदा है और कोई भी देश वास्तव में इससे सुरक्षित नहीं है।"
भारत
को
वैक्सीन
की
जरूरत-
डॉ.
फाउची
डॉ.
फाउची
ने
कहा
कि
भारत
को
टीकों
की
जरूरत
है।
हालांकि
भारत
में
वायरस
के
कई
सारे
वेरिएंट
विकसित
हो
गए
हैं
और
इन
वेरिएंट
के
खिलाफ
टीकों
का
क्या
असर
होगा
इसका
अध्ययन
किया
जाना
बाकी
है।
फाउची ने कहा "वे (भारत) ऐसी स्थिति में जहां पर कई सारे वेरिएंट विकसित हो चुके हैं। हम अभी तक इन वेरिएंट और इनसे बचाव के लिए टीकों की क्षमता को लेकर पूरी तरह जानकारी नहीं जुटा सके हैं लेकिन हम स्पष्ट रूप से मान रहे हैं कि उन्हें वैक्सीन की आवश्यकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "उन्हें अपने लोगों को टीकाकरण करवाने की आवश्यकता है क्योंकि यही एकमात्र तरीका है जिससे आपदा का रुख मोड़ा जा सकता है।" डॉ. फाउची ने बताया मुख्य अमेरिकी चिकित्सा एजेंसी सीडीसी भारत के साथ परामर्श कर रही है और तकनीकी सहायता दे रही है।
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