क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

यूएई में नई वीज़ा पॉलिसी लागू, भारतीयों को नफ़ा या नुकसान?

यूएई की इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव के तहत लागू नए वीज़ा नियमों में पर्यटकों के लिए लंबी अवधि के वीज़ा, पेशेवरों के लिए लंबे वक्त तक रहने की सुविधा दी गई है.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News

संयुक्त अरब अमीरात ने अपनी वीज़ा पॉलिसी में पिछले महीने जिन बदलावों का एलान किया था, वे तीन अक्टूबर को लागू हो गए हैं.

देश की इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव के तहत लागू नए वीज़ा नियमों के तहत पर्यटकों के लिए लंबी अवधि के वीज़ा, पेशेवरों के लिए लंबे वक्त तक रहने की सुविधा दी गई है.

एंटरप्रेन्योर, निवेशक और पेशेवरों के लिए दस साल की नई गोल्डन वीज़ा स्कीम लागू की गई है.

भारत के लिए यूएई के इन बदले नियमों की काफी अहमियत हैं क्योंकि बड़ी तादाद में भारतीय पेशेवर और श्रमिक वहां काम करते हैं.

यूएई में 34 लाख से ज्यादा भारतीय हैं. इनमें सबसे ज्यादा तादाद केरल के लोगों की है,जो वहां रोजगार और बिजनेस के लिए जाते हैं. ग्रीन वीज़ा का सबसे ज्यादा फायदा इन्हीं लोगों को होगा.

हाल के वर्षों में इसे यूएई के नीतिगत फैसलों के सबसे बड़े बदलावों में से एक माना जा रहा है. यूएई सरकार के मुताबिक देश में ज्यादा निवेशकों, पर्यटकों और पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए नई नीति लाई गई है.

भारतीय पर्यटकों की भी खासी तादाद हर साल यूएई जाती है. आखिर नई वीज़ा नीति की क्या खासियतें हैं और इससे यूएई और भारतीयों को क्या फायदा होगा आइए जानते हैं.

ग्रीन वीज़ा

ग्रीना वीज़ा के आधार पर आप्रवासी वहां पांच साल तक के लिए रह सकते हैं. इसे री-न्यू भी कराया जा सकता है.

ये सेल्फ स्पॉन्सर्ड वीज़ा होगा. यानी इसके लिए यूएई के नागरिक, नियोक्ता को यहां आने वाले लोगों का वीज़ा स्पॉन्सर करने की जरूरत नहीं होगी. फ्रीलांसर, अपना रोजगार करने वाले, कुशल श्रमिक, निवेशक या उनके पार्टनर इस वीज़ा के हकदार होंगे.

ग्रीन वीज़ा होल्डर को ज्यादा फायदा मिलेगा. वे अपनी पत्नी या पति, बच्चों और नजदीकी रिश्तेदारों को वहां रहने के दौरान साथ रख सकेंगे. मां-बाप 25 साल तक के अपने बच्चों को वहां रख सकेंगे. पहले ये उम्र 18 साल तक थी. अविवाहित पुत्री या विकलांग बच्चों के केस में यह उम्र सीमा लागू नहीं है. ग्रीन कार्ड होल्डर को रेसिडेंस पीरियड खत्म होने पर छह महीने का ग्रेस पीरियड मिलेगा.

दस साल का गोल्डन वीज़ा

गोल्डन वीज़ा यूएई में निवेश करने वालों विदेशी एंटरप्रेन्योर, रिसर्चर, मेडिकल प्रोफेशनल, विज्ञान और संबंधित फील्ड में काम करने वाले विशेषज्ञों और बेहद प्रतिभाशाली छात्रों और ग्रेजुएट को दिया जाता है.

यूएई में बेहतरीन प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए 2020 में गोल्डन वीज़ा स्कीम लागू की गई थी. गोल्डन वीज़ा स्कीम के तहत मिलने वाले वीज़ा की अवधि दस साल तक होगी.

गोल्डन वीज़ा धारकों को कई सहूलियतें हासिल होंगी. इनमें उनके बिजनेस पर उनका सौ फीसदी मालिकाना हक होगा. पहले देश से छह महीने बाहर रहने वाले लोगों का वहां रहने का अधिकार खत्म कर दिया जाता था. लेकिन दस साल की गोल्डन वीज़ा स्कीम में यह प्रतिबंध खत्म कर दिया गया है. इस स्कीम के तहत आप्रवासियों के घरेलू सहायकों की संख्या पर लगी सीमा हटा दी गई है.

नई स्कीम में गोल्डन वीज़ा होल्डर अपने जीवनसाथी और किसी भी उम्र के बच्चों को स्पॉन्सर कर सकते हैं. अगर गोल्डन वीज़ा होल्डर की मौत भी हो जाती है तो वीज़ा अवधि खत्म होने तक उसके परिवार के सदस्य वहां रह सकते हैं.

गोल्डन वीज़ा के तहत साइंस-इंजीनियरिंग, मेडिसिन, आईटी, बिज़नेस, प्रशासन और शिक्षा से जुड़े कुशल पेशेवर को यूएई में रहने की इजाजत दी जाएगी.

पहले ऐसे पेशेवरों को वहां रहने के लिए हर महीने 50 हजार एईडी (दिरहम) यानी लगभग 11 लाख रुपये से ज्यादा वेतन हासिल करना होता था लेकिन अब इसे घटा कर 30 हजार एईडी यानी 6.6 लाख रुपये कर दिया गया है.

दुबई
BBC
दुबई

पर्यटकों और अन्य लोगों के लिए वीजा पॉलिसी

टूरिस्ट वीज़ा पर यूएई जाने वाले लोग वहां 60 दिन और रह सकते थे. पहले ये अवधि 30 साल थी.

इसके अलावा एक फ्लेक्सिबल मल्टी-एंट्री टूरिस्ट वीज़ा भी शुरू किया गया है, जिसमें पर्यटक 90 दिनों तक वहां रह सकता है और इस दौरान कई बार आ-जा सकता है. यूएई में बड़ी तादाद में पर्यटक आते हैं. यूएई का शहर दुबई बड़ा इंटरनेशनल शॉपिंग डेस्टिनेशन भी है.

नई वीज़ा पॉलिसी की वजह से वहां नौकरी के लिए जाने वाले लोगों के लिए स्पॉन्सर या होस्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी. वहां के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से तय पहली, दूसरी और तीसरी श्रेणी के तहत आने वाले पेशेवरों और दुनिया के 500 शीर्ष विश्वविद्यालयों के नए ग्रेजुएट जॉब वीज़ा के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

दुबई
Getty Images
दुबई

यूएई से बड़ी रकम स्वदेश भेजते हैं भारतीय

यूएई में भारत के 34 लाख लोग रहते हैं और ये वहां की सबसे बड़ा आप्रवासी समुदाय है.

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक यूएई का भारत में 1.70 -1.80 अरब डॉलर का निवेश है. इसमें से 1.16 अरब डॉलर एफडीआई के तौर पर है बाकी पोर्टफोलियो निवेश है. एफडीआई के लिहाज से भारत में निवेश करने वाला यूएई नौवां बड़ा देश है.

भारतीय कंपनियों का भी यूएई में निवेश बढ़ा है. भारतीय कंपनियों का यूएई में निवेश 85 अरब डॉलर का हो सकता है. यूएई के केंद्रीय बैंक के 2018 के आंकड़ों के मुताबिक दुबई में काम करने वाले भारतीयों ने देश को 17.56 अरब डॉलर भेजे थे.

कॉपी - दीपक मंडल

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
New visa policy implemented in UAE
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X