म्यांमार पर मिजोरम और भारत सरकार आमने सामने, मिजोरम ने शरणार्थियों को वापस भेजने से किया इनकार
आइजोल/नई दिल्ली: म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद स्थिति काफी ज्यादा खराब है। अब तक म्यांमार में 150 से ज्यादा लोगों की हत्या म्यांमार सेना कर चुकी है और स्थिति ये है कि म्यांमार से लोग पलायन कर भारत आ रहे हैं। लेकिन, भारत सरकार ने म्यांमार से शरणार्थियों के भारत आने पर रोक लगा दी है। ऐसे में म्यांमार के शरणार्थियों को भारत आने देने की अपील की गई है। इसके साथ ही मिजोरम सरकार ने म्यांमार से आये शरणार्थियों को वापस भेजने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्हें वापस भेजने से इनकार कर दिया है।

पीएम मोदी से अपील
म्यांमार की बेहद खराब हो चुकी स्थिति को लेकर मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने पीएम मोदी को चिट्टी लिखी है। जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से म्यांमार के शरणार्थियों को भारत में आने देने की अपील की है। जोरामथंगा ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि 'म्यांमार की बेहद खराब स्थिति को लेकर भारत सरकार को हस्तक्षेप करते हुए राजनीतिक शरणार्थियों और दूसरे शरणार्थियों को भारत में शरण देना चाहिए'। मिजोरण के मुख्यमंत्री ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि 'म्यांमार में लोग तबाही का मंजर देख रहे हैं, उनके साथ बर्बर व्यवहार हो रहा है और उसे हम अपनी आंखों के सामने देख रहे हैं, लिहाजा म्यांमार से भारत भागकर आने वाले शरणार्थियों के लिए भारत का दरवाजा खोलना चाहिए'

शरणार्थियों की सहायता की मांग
म्यांमार में मिलिट्री शासन के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है और पूरे देश में जमकर प्रदर्शन हो रहा है। वहीं, म्यांमार के सैकड़ों पुलिसवालों ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद वो मिलिट्री के एक्शन से डरकर भारत की तरफ भाग रहे हैं। वहीं, म्यांमार के कई नेता भी भारत में भागकर शरण लेना चाहते हैं। जिनकी सहायता की मांग मिजोरम सरकार ने की है। मिजोरम में एनडीए की सरकार है और मिजो नेशनल फ्रंड ने एनडीए को मुद्दों के आधार पर समर्थन आगे बढ़ाने का फैसला किया है। जिसमें म्यांमार के शरणार्थियों को मिजोरम में आने देने की मांग रखी गई है। यहां तक की मिजोरम सरकार म्यांमार शरणार्थियों की मदद के लिए पॉलिसी तक बनाने की तरफ सोच रही है। हालांकि, भारत सरकार ने तमाम राज्यों से सरहद पर सख्ती बरतने को कहा है और अवैध तरीके से भारत आने वाले लोगों को रोकने के लिए कहा है।

म्यांमार में मिजो समुदाय के लोग
म्यांमार में मिलिट्री हिंसा को लेकर म्यांमार मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि 'पूरे म्यांमार में उथल-पुथल मची हुई है और म्यांमार की बेबस जनता और प्रदर्शनकारियों पर सेना अत्याचार कर रही है। प्रदर्शनकारियों की हत्या की जा रही है। हर दिन म्यांमार के परेशन प्रदर्शनकारी बॉर्डर पार कर किसी भी तरह भारत भागने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उन्हें भारत में सहारा मिल सके'। म्यांमार सीएम ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि 'मिजोरम के चिन समुदाय के लोग म्यांमार-भारत के सरहदी इलाके में रहते हैं, जो मूल रूप से मिजो समुदाय के लोग हैं, जिनसे मिजोरम के स्थानीय लोग पारंपरिक तौर पर सालों से संबंध रखते हैं। भारत की आजादी से पहले से ही ये साथ चला आ रहा है, लिहाजा म्यांमार को भारत इस अवस्था में नहीं छोड़ सकता है। भारत म्यांमार के लाए गये इस अमानवीय हालात पर अपनी आंखे नहीं बंद कर सकता है और म्यांमार के लोगों की मदद से अपनी हाथ पीछे नहीं खींच सकता है'

शरणार्थियों को वापस भेजने पर कड़ी आपत्ति
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने म्यांमार से भारत भागकर आये शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि भारतीय गृहमंत्री ने एडवाइजरी जारी करते हुए म्यांमार से भारत भागकर आये शरणार्थियों को वापस भेजने को कहा है जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है। मिजोरम के सीएम ने कहा है कि 'मैं मानता हूं भारत सरकार की विदेश नीति है जिसकी वजह से ऐसा किया गया है, और भारत को सावधानी से कदम बढ़ाने की जरूरत है लेकिन हम इस मानवीय संकट को दरकिनार नहीं कर सकते हैं'
भारत-चीन
तनाव
पर
अमेरिका
का
बयान-
यूएस
को
नहीं
लगा
दोनों
देश
युद्ध
के
मुहाने
पर
खड़े
हैं