पाकिस्तान में बलूचों ने किया बड़ा विद्रोह, मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति को उड़ाया, टेंशन में इमरान खान
बलूचिस्तान में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति को बलूचि विद्रोहियों ने उड़ा दिया है।
इस्लामाबाद, सितंबर 27: अलग मुल्क बलूचिस्तान की मांग करने वाले बलूच विद्रोहियों ने इमरान खान सरकार के खिलाफ बड़े जंग का ऐलान कर दिया है और पाकिस्तान को बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति को बम से उड़ा दिया है। पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्वादर शहर में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति को बलूच विद्रोहियों ने बम से उड़ा दिया है, जिसके बाद इमरान खान सरकार टेंशन में आ गई है।
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जिन्ना की मूर्ति को उड़ाया
द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्वादर शहर में रविवार को एक बम हमले में पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना की एक मूर्ति को नष्ट कर दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन फ्रंट ने बमबारी की जिम्मेदारी ली है। जिन्ना की ये मूर्ति इस साल की शुरुआत में मरीन ड्राइव पर लगाई गई थी, जिसे सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कुछ आतंकवादियों ने प्रतिमा के नीचे एक विस्फोटक उपकरण रखा और उसे उड़ा दिया। एक अधिकारी ने डॉन को बताया कि मूर्ति को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है। हालांकि, अभी तक विस्फोट की प्रकृति का पता नहीं चल पाया है। रिपोर्ट के मुताबिक,बम निरोधक दस्ता घटना की जांच कर रहा है।
बलूचों का आंदोलन
पाकिस्तान ने आजादी के बाद बलूचिस्तान पर हमला कर दिया था और पूरे क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर लिया था, उसके बाद से बलूचिस्तान में लगातार आजादी के लिए आंदोलन चल रहा है, लेकिन पाकिस्तान की सरकारों ने बलूचिस्तान में हिंसक ऑपरेशन चलाया और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों को मौत के घाट उतार दिया। पाकिस्तान की सेना ने हजारों बलूचों को गायब कर दिया, उनकी बहन बेटियों के साथ बलात्कार किया। उधर पिछले कुछ सालों में बलूचों का हमला काफी बढ़ गया है और बलूच विद्रोही पाकिस्तान की सरकार को मुंहतोड़ जवाब दे रहे है। पिछले दिनों बलूचों ने पाकिस्तान सेना के एक फ्रंटियर कोर के एक गाड़ी पर हमला किया था, जिसमें कम से कम चार पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गये थे।
चीनी परियोजनाओं का विरोध
दरअसल, बलूचिस्तान चीन के सीपीईसी प्रोजेक्ट का बेहद अहम हिस्सा है और इस प्रोजेक्ट पर चीन ने करीब 62 अरब डॉलर का दांव खेला है और ग्वादर में ही चीन नौसेना का अड्डा बनाने की भी तैयारी कर रहा है, ताकि भारत पर प्रेशर बनाने के साथ साथ चीनी नौसेना फारस की खाड़ी में भी अपनी पकड़ को मजबूत कर सके। लेकिन, बलूचिस्तान में आजादी समर्थक क्रांतिकारियों ने पाकिस्तान सरकार के साथ साथ चीनियों के खिलाफ भी बिगूल फूंक रखा है और बलूचों पर जुल्म करने वाले पाकिस्तानी सैनिकों को करारा जवाब दिया जा रहा है। बलूचिस्तान पर अवैध कब्जा करने वाले पाकिस्तान को अब डर लग रहा है कि अगर बलूचों ने आजादी की आवाज को और भी जरा सी हवा दी गई, तो फिर चीन के निशाने पर सीधा पाकिस्तान ही होगा।
बलूचिस्तान में पाकिस्तान का दमन
बलूचिस्तान 1947 से पहले तक एक आजाद मुल्क था लेकिन 1947 में पाकिस्तान ने पूरे बलूचिस्तान पर कब्जा जमा लिया था और बलूचिस्तान के लोग लगातार आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान पर जुल्म और सितम की हर हद को पार कर दिया और हजारों बलूच नेताओं को मरवा दिया, उन्हें गायब करवा दिया। बलूचिस्तान की आजादी मांगने वाले सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पाकिस्तान की सरकार और आर्मी ले बचने के लिए देश छोड़कर भागना पड़ा। अभी भी सैकड़ों बलूच कार्यकर्ता पाकिस्तान की जेलो में बंद हैं या फिर देश छोड़कर भागे हुए हैं।
प्राकृतिक संपदा की लूट
बलूचिस्तान में प्राकृतिक गैस और खनिज का भंडार है और पाकिस्तान की सरकार इसीलिए बलूचिस्तान में लूट मचाए हुए हैं। पाकिस्तान की सरकार बलूचिस्तान से लूट मार करती है और बाकी पाकिस्तान की पेट भरती है। बलूचिस्तान के पास जो प्राकृतिक संसंधान हैं, उससे बलूचिस्तान को कोई फायदा नहीं मिलता है। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान का भी सौदा चीन के हाथों कर रखा है। बलूचिस्तान से होकर ही सीपीईसी यानि चायना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर गुजरता है, जो करीब 60 अरब डॉलर का है। बलूचिस्तान के अंदर पाकिस्तान को लेकर भारी नफरत है और पाकिस्तान की सेना दमन के जरिए नफरत को कुचलने की कोशिश करती है।
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