Modi Xi meet: जानिए वुहान में मौजूद हुबई म्यूजियम के बारे में, जहां हो रही है मोदी-जिनपिंग की 'अनौपाचारिक मुलाकात'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी के साथ हैंडशेक किया और दोनों नेताओं ने मुस्कुराहट के साथ एक-दूसरे का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। पीएम मोदी 24 घंटे में जिनपिंग के साथ छह मुलाकातें करेंगे।
वुहान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी के साथ हैंडशेक किया और दोनों नेताओं ने मुस्कुराहट के साथ एक-दूसरे का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। पीएम मोदी 24 घंटे में जिनपिंग के साथ छह मुलाकातें करेंगे। इस 'अनौपचारिक मुलाकात' के तहत पहली मीटिंग दोनों नेताओं ने वुहान में स्थित हुबई म्यूजियम में की। हुबई म्यूजियम जाएंगे जहां बड़ी संख्या में एतिहासिक व सांस्कृतिक निशानियां मौजूद हैं। इस म्यूजियम ने चीन के कई वर्षों का इतिहास और यहां की संस्कृति को खुद में समेटा हुआ है। मोदी और जिनपिंग की इस मुलाकात पर दुनियाभर की नजरें हैं। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात पर टिप्पणी करते हुए लिखा है, 'एशिया की सबसे अहम मुलाकात में किम जोंग शामिल नहीं हैं।'
1953 में हुई स्थापना
हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में स्थित हुबई म्यूजियम की स्थापना सन् 1953 में हुई थी। इस म्यूजियम में बड़े स्तर पर चीन का इतिहास और यहां की संस्कृति को देखा और समझा जा सकता है। साल 1960 में इस म्यूजियम को वुहान लाया गया था। सन् 1963 में इसे इसके वर्तमान नाम से नवाजा गया यानी हुबई प्रोविंशयल म्यूजियम। साल 199 तक इस म्यूजियमें कई और बिल्डिंग्स को जोड़ा गया। साल 2107 में इस म्यूजियम में 1,992, 512 पर्यटक पहुंचे थे। म्यूजियम में 200,000 तरह के चीजें हैं जो कई वर्षों का इतिहास समेटे हुए हैं।
हुबेई म्यूजियम में पहली मुलाकात
पीएम मोदी और जिनपिंग की पहली मुलाकात हुबेई म्यूजियम में हुई तो इनकी दूसरी मुलाकात ईस्ट लेक के किनारे स्थित गेस्ट हाउस में होगी। इसके बाद एक और मीटिंग डिनर पर होगी। सूत्रों के मुताबिक इन मीटिंग्स को आधिकारिक प्रतिनिधि स्तर की वार्ता कहना गलत होगा। अधिकारियों के मुताबिक इन मीटिंग्स में किसी खास मुद्दे पर कोई खास बात नहीं होगी चाहे वह आतंकवाद हो या फिर भारत की एनएसजी सदस्यता। यहां तक सीमा विवाद पर भी इन मीटिंग्स के दौरान कोई चर्चा नहीं होगी।
डिनर पर होगी दूसरी मीटिंग
पीएम मोदी का वुहान के ईस्ट लेक स्थित गेस्ट हाउस पर जिनपिंग ने स्वागत किया और इसके साथ ही दोनों के बीच अनौपचारिक मुलाकात शुरू हुई। डोकलाम विवाद के बाद दोनों नेता पहली बार मुलाकात कर रहे हैं। जिनपिंग ने मोदी को 'अनौपचारिक मुलाकात' का इनवाइट दिया था। इससे पहले चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि वह दोनों देशों के बीच मिलिट्री रिलेशनशिप्स को स्थिर होते देखना चाहती है। रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया था, 'चीन और भारत के बीच मिलिट्री संबंधों का स्थिर होना और सीमा पर शांति, ये दो ऐसे मसले हैं जिसकी उम्मीद दोनों देशों के लोगों को है। '
मसूद अजहर और डोकलाम पर कोई चर्चा नहीं
माना जा रहा है कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग शनिवार को वार्ता करेंगे तो उनके बीच कई मुद्दों पर चर्चा होगी लेकिन दोनों नेता डोकलाम विवाद के अलावा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर चर्चा नहीं करेंगे। जिनपिंग और मोदी गेस्ट हाउस में चहलकदमी करेंगे तो नाव की सवारी भी इस मुलाकात का हिस्सा होगी। आज मोदी के लिए जिनपिंग के लिए ईस्ट लेक गेस्ट स्थित गेस्ट हाउस पर डिनर होस्ट करेंगे। पीएम मोदी वुहान यात्रा के दौरान होटल वान्दा राइन में रुके हैं।