कनाडा में हिंदुओं के खिलाफ लगे नफरत भरे पोस्टर्स हटाने की मांग, 'खालिस्तानी' मेयर को घेरा गया
कनाडा के शहर ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन को भारत विरोधी तत्वों को 'खालिस्तान जनमत संग्रह' करने की अनुमति देने के लिए हिंदू समुदाय द्वारा एक मंदिर में तीखे विरोध का सामना करना पड़ा।
कनाडा के शहर ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन को भारत विरोधी तत्वों को 'खालिस्तान जनमत संग्रह' करने की अनुमति देने के लिए हिंदू समुदाय द्वारा एक मंदिर में तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। TAG TV की रिपोर्ट के मुताबिक पैट्रिक ब्राउन को चार संघीय सांसदों, तीन प्रांतीय सांसदों और दो नगर पार्षदों के सामने शर्मशार किया गया। हालांकि इस दौरान उनके बचाव में उदारवादी सांसद चंद्र आर्य उतरे। उन्होंने वहां उपस्थित लोगों से अतिथि का सम्मान करने की अपील की।
हिंदुफोबिया पैदा करने वाले नेता हैं पैट्रिक ब्राउन
TAG TV के अनुसार, पैट्रिक ब्राउन हिंदुफोबिया और इंडोफोबिया पैदा करने के लिए जाने जानेवाले राजनेता हैं। पैट्रिक ब्राउन तथा अन्य शहरों के मेयरों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर सरकार द्वारा वित्त पोषित सभागारों और अखाड़ों में जनमत संग्रह कराने की अनुमति दी है। लेकिन हिंदू प्रवासी हैरान हैं कि कनाडाई नगरपालिका, प्रांतीय और संघीय सरकारें कैसे अनुमति दे सकती हैं। खालिस्तानी विचारधारा को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर पोषित करने के लिए कनाडा के सबसे बड़े आतंकवाद "एयर इंडिया बॉम्बिंग" के बाद से 1983 में खालिस्तानी विचारधारा से जुड़ा था।
कनाडा की दुखती रग है क्यूबेक
हिन्दू प्रवासियों का यह भी कहना है कि कैसा हो अगर भारत में भी क्यूबेक जनमत संग्रह का आयोजन होने लगे? बतादें कि क्यूबेक कनाडा में बसा एक इलाका है जहां फ्रेंच बोलने वाले कनाडाई लोगों का वर्चस्व है। कनाडाई फ्रेंचवासी खुद को अंग्रेजी बोलने वाले कनाडाई से अलग मानते हैं और अंग्रेजी बोलने वाले कनाडाई लोगों के प्रति डर की भावना रखते हैं। कनाडा के ये लोग अपने फ्रेंच भाषा और संस्कृति को बचाने के लिए प्रयास करते रहे हैं। कनाडा में क्यूबेक आंदोलन समय-समय पर जोर पकड़ता है। इस आंदोलन में एक रेफरेंडम की भी बात की जाती है जिसमें कनाडा से अलग देश बनाने के बारे में लोगों को सीधा वोट देने की व्यवस्था होनी है। अंतिम चर्चित क्यूबेक आंदोलन 1995 में हुआ था।
घृणास्पद बैनर हटाने पर कही ये बात
TAG TV की रिपोर्ट के अनुसार, मेयर पैट्रिक ब्राउन को हिंदू प्रवासियों द्वारा पूरे शहर से हिंदुओं के खिलाफ घृणास्पद बैनर हटाने के लिए कहा गया था। इस बैनर में लिखा था कि हिंदुओं की भीड़ ने दुधमुंहे सिख बच्चे को जला दिया है। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन से जब पूछा गया कि क्या वे खालिस्तानियों द्वारा लगाए गए उन बैनरों को हटाने का प्रयास करेंगे? इस पर उनका जवाब था कि वे सभी से प्यार करते हैं। इससे पहले अक्टूबर में, कनाडा के मिसिसॉगा शहर में दिवाली समारोह के दौरान 400 से 500 लोग आपस में भिड़ गए थे।
भारत ने जनमत संग्रह को लेकर कनाडा को दी चेतावनी
हाल ही में भारत ने कनाडा को कड़ी चेतावनी दी और कहा है कि वहां रविवार 6 नवंबर को होने वाले जनमत संग्रह पर रोक लगाई जाए। कनाडा में 6 नवंबर को आंटोरियो में भारत विरोधी संगठन SFJ तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह कराने जा रहा है। जनमत संग्रह से पहले मोदी सरकार ने कनाडा को एक बार फिर कड़ी चेतावनी दी है। भारत के विदेश मंत्रालय के स्पोक पर्सन अरिंदम बागची ने गुरुवार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि ट्रूउो सरकार 6 नवंबर को होने वाले जनमत संग्रह पर रोक लगाए। भारत सरकार ने इससे पहले भी इस जनमत संग्रह के बारे में निंदा करते हुए इसे भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा बताया।
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