दुनिया की दुर्लभ आकाशगंगाओं की खूबसूरत तस्वीरें हबल टेलीस्कोप में कैद, NASA ने किया ये दावा
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के हबल स्पेस टेलीस्कोप के कैमरे में एक विचित्र तस्वीर कैद हुई है। नासा को दुनिया की दुर्लभ आकाशगांगाओं (Rarest galaxies) की खोज के दौरान यह तस्वीर मिली है। इसको लेकर नासा ने दावा किया है कि वैज्ञानिकों को इन तस्वीरों से इस बात की खोज करने में आसानी होगी कि आकाशगंगाओं की उत्पत्ति कैसे हुई?
DASH तकनीक से गैलेक्सी के पैच की स्टडी
आकाशगंगाओं (galaxies) के एक विस्तृत पैच की छवि बनाने के लिए टोरंटो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हबल के साथ एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया जिसे ड्रिफ्ट एंड शिफ्ट (DASH) के रूप में जाना जाता है। हबल द्वारा ली गई स्पेस की एक तस्वीर को वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने दुर्लभ छवि माना है।
गैलेक्सी की ड्राफ्टिंग में होगी आसानी
डैस तकनीकि से हबल की तस्वीरों का अध्ययन में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। जिनसे दुर्लभ आकाशगंगाओं के बारे में और अधिक स्पष्ट रूप से अध्ययन किया जा सकता है। माना जा रहा है कि खगोलविदों को ब्रह्मांड में गैलेक्सी के क्षेत्रों की ड्राफ्टिंग करने के साथ सबसे पुरानी व सबसे दूर की आकाशगंगाओं की उत्पत्ति के बारे में जानने में आसानी होगी।
DASH से हबल की तुलना में 8 गुना बड़ी तस्वीरें कैप्चर
DASH में हबल द्वारा ली गई तस्वीरें आठ गुना बड़ी दिखाई देती हैं। तस्वीरों के बड़े दिखने के साथ बहुत सारी आसपास की चीजें स्पष्ट दिखाई देती हैं। डीएएसएच सामान्य तकनीक की तुलना में तस्वीरों को तेजी से कैप्चर भी करता है। दरअसल, हबल स्पेस टेलीस्कोप नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से संचालित होता है। जो कि स्पेस के क्षेत्र में अध्ययन के अहम है।
गैलेक्सी की बारीकियां हाई रेज्यूल्यूशन में दिखती हैं
3D-DASH के हाई रेज्यूल्यूशन शोधकर्ताओं को अपने दशकों लंबे मिशन के दौरान हाल ही में लॉन्च किए गए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के लिए प्रयोग किया था। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि 3D-DASH प्रोग्राम हबल द्वारा ली गई तस्वीरों का आकार बढ़ा कर देता है। इससे आकाशगंगाओं के रहस्य को समझने में आसानी होती है।
वैज्ञानिकों ने फिर से खोज निकाला एक 'कुख्यात उल्कापिंड', 2029 में पृथ्वी पर ला सकता है तबाही