राष्ट्रपति बाइडेन ने अफगानिस्तान का प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा किया रद्द
जुलाई 2012 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने अफगानिस्तान को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में नामित किया था। बाइडेन ने काबुल के गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा रद्द कर दिया है।
न्यूयॉर्क, 7 जुलाई : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (American president Joe Biden) ने अफगानिस्तान को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा रद्द करने की घोषणा की। राष्ट्रपति बाइडन ने पत्र में कहा कि 1961 के विदेशी सहायता अधिनियम की धारा 517 के अनुसार, संशोधित (22 यूएससी 2321k) के अनुसार, मैं एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में अफगानिस्तान के पदनाम को रद्द करने की घोषणा करता हूं।
अफगानिस्तान
का
प्रमुख
गैर-नाटो
सहयोगी
का
दर्जा
रद्द
बता
दें
कि,
जुलाई
2012
में
संयुक्त
राज्य
अमेरिका
ने
अफगानिस्तान
को
एक
प्रमुख
गैर-नाटो
सहयोगी
के
रूप
में
नामित
किया
था।
पिछले
साल,
तालिबान
ने
लोकतांत्रिक
रूप
से
चुनी
गई
अफगान
सरकार
के
खिलाफ
एक
आक्रामक
अभियान
शुरू
किया
था
,
जब
बाइडेन
प्रशासन
ने
अफगानिस्तान
में
अपनी
सैन्य
उपस्थिति
को
समाप्त
करने
की
घोषणा
की
थी।
सत्ता
में
आने
के
बाद
से
काबुल
की
हालत
खराब
हुई
15
अगस्त,
2021
को
तालिबान
बिना
किसी
प्रतिरोध
के
काबुल
में
घुस
गया
और
उसने
अफगान
राजधानी
पर
पूर्ण
नियंत्रण
हासिल
कर
लिया
था।
बाद
में
सितंबर
में,
तालिबान
ने
अफगानिस्तान
में
पूर्ण
जीत
की
घोषणा
की
और
एक
अंतरिम
सरकार
बनाई,
जिसे
अभी
तक
किसी
भी
देश
द्वारा
आधिकारिक
रूप
से
मान्यता
नहीं
मिली
है।
महिलाओं
के
अधिकारों
को
खत्म
किया
गया
काबुल
में
सत्ता
में
आने
के
बाद
से
तालिबान
सरकार
ने
बुनियादी
अधिकारों
को
गंभीर
रूप
से
प्रतिबंधित
करने
वाली
नीतियां
लागू
कीं
।
विशेष
रूप
से
महिलाओं
और
लड़कियों
के
अधिकारों
पर
कई
तरह
के
प्रतिबंध
लगा
दिए
गए।
क्या
कहती
है
ह्यूमन
राइट्स
वॉच
ह्यूमन
राइट्स
वॉच
(HRW)
के
अनुसार,
तालिबान
ने
सभी
महिलाओं
को
सिविल
सेवा
में
नेतृत्व
के
पदों
से
बर्खास्त
कर
दिया
और
अधिकांश
प्रांतों
में
लड़कियों
को
माध्यमिक
विद्यालय
में
जाने
से
रोक
दिया।
तालिबान
का
फरमान
के
मुताबिक,
महिलाओं
को
तब
तक
यात्रा
करने
से
रोकता
है
जब
तक
कि
एक
पुरुष
रिश्तेदार
के
साथ
न
हो।
तालिबान
ने
अफगानिस्तान
में
महिलाओं
के
लिए
बुर्का
में
रहने
का
ऐलान
किया
और
साथ
ही
महिला
टीवी
एंकरों
को
काम
से
हटा
दिया
गया,
क्योंकि,
इसमें
उनका
चेहरा
नजर
आता
था।
तालिबान
ने
अफगानिस्तान
को
किया
कंगाल!
जानकारी
के
मुताबिक,
इस्लामिक
स्टेट
की
अफगान
शाखा
से
जुड़े
सशस्त्र
समूहों
ने
हज़ारों,
अफ़ग़ान
शियाओं,
सूफ़ियों
और
अन्य
को
निशाना
बनाकर
बम
विस्फोट
किए
हैं,
जिनमें
सैकड़ों
लोग
मारे
गए
और
घायल
हुए
हैं।
दूसरी
तरफ
अगस्त
2021
के
बाद
अफगान
अर्थव्यवस्था
ध्वस्त
हो
गई।
इसका
मुख्य
कारण
बड़े
पैमाने
पर
लोगों
का
बेरोजगार
होना
बताया
जा
रहा
है।
वहीं,
विश्व
बैंक
और
अन्य
दानदाताओं
ने
सेंट्रल
बैंक
ऑफ
अफगानिस्तान
से
उसकी
विदेशी
संपत्ति
और
वित्तीय
सहायता
तक
पहुंच
छीन
ली।
गंभीर
खाद्य
संकट
से
जूझ
रहा
अफगानिस्तान
तालिबान
सरकार
के
गठन
के
बाद
से
अफगानिस्तान
की
90
प्रतिशत
से
अधिक
आबादी
गंभीर
खाद्य
असुरक्षा
के
साथ-साथ
दवा
की
कमी
और
कुपोषण
से
संबंधित
बीमारी
से
जूझ
रही
है।