भारत-इजरायल और UAE, तीन दोस्त मिलकर लिखेंगे नई कहानी, दुबई के रास्ते जयशंकर जाएंगे तेल अवीव
दुबई के रास्ते भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर इजरायल की यात्रा पर जाएंगे और इस दौरान दोनों देशों के बीच दोस्ती का नया चैप्टर लिखा जाएगा।
तेल अवीव, अक्टूबर 16: इजरायल में पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का दौर खत्म हो चुका है और अब नेतन्याहू के शासनकाल में भारत और इजरायल काफी करीबी दोस्त बन चुके हैं। वहीं, पीएम नेतन्याहू के कार्यकाल के बाद अब भारत इजरायल संबंधों में दोस्ती का नया अध्याय खुल गया है। खासकर जब भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत को एक और बेहद खास सहयोगी दोस्त यूएई के दौरे के बाद इजरायल पहुंचने वाले हैं, तो विश्लेषज्ञों का मानना है कि, भारत, इजरायल और यूएई के बीच संबंधों का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है।
इजरायल जाएंगे भारतीय विदेश मंत्री
बेंजामिन नेतन्याहू के बाद के युग में राजनयिक और राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर एक अन्य रणनीतिक सहयोगी संयुक्त अरब अमीरात के रास्ते तीन दिनों के लिए इजरायल का दौरा कर रहे हैं। विदेश मंत्री जयशंकर रविवार को दुबई पहुंच रहे हैं, जहां से वो 19 से 21 अक्टूबर की तीन दिवसीय इजरायल यात्रा के लिए रवाना होंगे। संयुक्त अरब अमीरात और इजराइल दोनों के साथ सुरक्षा संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। चूंकी भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस काल में घरेलू प्रतिबद्धताओं के चलते विदेश दौरा रद्द कर रखा है, औसे में अब एस. जयशंकर और अजित डोवाल ही विदेशी कामकाज संभाल रहे हैं।
भारत की नई कूटनीति
वर्तमान में भारतीय कूटनीति का फोकस उन देशों से सीधे जुड़ने पर है, जो छोटे राष्ट्र राज्यों के अलावा मैक्सिको, ग्रीस, आर्मेनिया, किर्गिस्तान मोदी के पिछले शासनकाल में छूट गये थे। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर इजरायल में प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट, वैकल्पिक प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री यैर लैपिड से मिलने वाले हैं यात्रा का मूल उद्देश्य नई गठबंधन सरकार को शामिल करना और तेल अवीव के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और करीब लाना है। भारत के एक पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि, ''इजरायल और यूएई अमेरिका और रूस जैसे बड़े भागीदारों के अलावा जापान और सिंगापुर जैसे भारत के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक हैं और अब इजरायल में नई सरकार मजबूती से स्थापित हो गई है, लिहाजा यह समय है, जब दोनों करीबी सहयोगियों ने अफगानिस्तान, मध्य पूर्व, इंडो-पैसिफिक और आतंकवाद जैसे वैश्विक मुद्दों पर नोट्स का आदान-प्रदान करे।
भारत-इजरायल-यूएई संबंध
भारत के इज़राइल के साथ बहुत करीबी सुरक्षा संबंध हैं जो कि शीर्ष-लाइन ड्रोन, गोला-बारूद, रडार, अत्याधुनिक मिसाइल और सीमा सेंसर तक से जुड़े हैं। माना जा रहा है कि, भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर अफगानिस्तान और मध्य एशिया की स्थिति सहित क्षेत्रीय वातावरण पर चर्चा के लिए एक दिन दुबई में रुकेंगे, जहां वो यूएई सरकार के शीर्ष नेतृत्स से बातचीत करेंगे। संयुक्त अरब अमीरात लगभग चार मिलियन भारतीय प्रवासियों का घर है और उसने 13 अगस्त, 2020 को हस्ताक्षरित अब्राहम समझौते के तहत इज़राइल के साथ राजनयिक संबंध बनाए हैं। 1994 में जॉर्डन के बाद से यह किसी अरब देश और इज़राइल के बीच संबंधों का पहला सामान्यीकरण था। भारत ने तहे दिल से यूएई और इजराइल के बीच संबंधों को सामान्य बनाने का समर्थन किया था।
अफगानिस्तान संकट पर होगी बात
माना जा रहा है कि इजरायल दौरे के दौरान अफगानिस्तान में अल्पसंख्यको पर होने वाले हमले और अफगानिस्तान की अस्थिर हालत पर चर्चा करने वाले हैं। यह समझा जा रहा है, कि आने वाले महीनों में ईरान और मध्य एशिया सहित क्षेत्र में सूखे की आशंका के साथ अफगानिस्तान खाद्य संकट की ओर बढ़ रहा है, और अफगानिस्तान से भारत में आतंकवादियों के घुसने का भी खतरा है, लिहाजा इजरायल के साथ अफगानिस्तान संकट पर भारतीय विदेश मंत्री की काफी अहम बातचीत होने वाली है।
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