फिर से बुरी तरह हारा फिलीस्तीन, जानिए इजरायली हमले के बाद क्या है गाजा का हाल, क्यों किया सीजफायर?
इजरायल और 'फिलीस्तीनी इस्लामिक जिहाद' आतंकवादी समूह ने रविवार देर रात संघर्ष विराम की घोषणा कर दी है और एक साल के भीतर जिस भयंकर युद्ध के भड़कने की आशंका जताई जा रही थी, वो फिलहाल थम गई है।
तेल अवीव, अगस्त 08: इजरायल से हाथों एक बार फिर से बुरी तरह पिटने के बाद फिलीस्तीन ने सरेंडर कर दिया है और गाजा स्थित आतंकवादी संगठन 'इस्लामिक जिहाद' घुटनों पर आ गया है। 'इस्लामिक जिहाद' ने बहुत जोर- शोर से इजरायल के खिलाफ अभियान शुरू किया था, लेकिन कई कमांडर्स के मारे जाने के बाद उसने इजरायल के सामने सीजफायर की गुहार लगानी शुरू कर दी और दुनिया को अपने जख्म दिखाकर पीड़ित बनने का नाटक करने लगा।
गाजा में सीजफायर की घोषणा
इजरायल और 'फिलीस्तीनी इस्लामिक जिहाद' आतंकवादी समूह ने रविवार देर रात संघर्ष विराम की घोषणा कर दी है और एक साल के भीतर जिस भयंकर युद्ध के भड़कने की आशंका जताई जा रही थी, वो फिलहाल थम गई है। पिछले करीब तीन दिनों से इजरायली सेना लगातार फिलीस्तीन के अंदर इस आतंकवादी संगठन के ठिकानों को निशाना बना रही थी और गाजा के शहरों में रॉकेट हमले कर रही थी, लेकिन, सीजफायर का ऐलान होने के बाद रॉकेट हमलों की संख्या काफी कम हो गई है। हालांकि, इजरायल की तरफ से पुष्टि की गई है, कि इसने युद्धविराम की घोषणा के बाद भी रॉकेट दागे हैं। 'इस्लामिक जिहाद' और इजरायल, दोनों की तरफ से अलग अलग सीजफायर की घोषणा की गई है और उन्होंने युद्धविराम करवाने के लिए मिस्र को धन्यवाद दिया है। पिछले तीन दिनों के अंदर जो हालात बने थे, उसने एक प्रबल युद्ध की आशंका को भड़का दिया था, हालांकि इस बार हमास की जगह 'इस्लामिक जिहाद' ने इजरायल के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी थी, जिसे ईरान का समर्थन हासिल है, लेकिन इजरायल से बुरी तरह पिटने के बाद अब उसने युद्धविराम कर दिया है।
संघर्ष में मारे गये 44 फिलीस्तीनी
तीन दिनों तक चले इस संघर्ष को लेकर सबसे बड़ी आशंका युद्ध भड़कने की ही थी, जो फिलहाल के लिए टल गई है, लेकिन युद्धविराम होने तक गाजा के अधिकारियों ने कहा कि, 44 फिलीस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें से लगभग आधे नागरिक और बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि, 'इस्लामिक जिहाद' की तरफ से भी सैकड़ों रॉकेट इजरायली शहरों पर दागे गये, जिसने दक्षिणी इजरायल को परेशानी में डाल दिया था और तेल अवीव और अशकलोन सहित कुछ और शहरों में निवासियों को आश्रय स्थलों में भेज दिया गया था, लेकिन एक भी रॉकेट इजरायली शहर पर नहीं गिरा। जितने भी रॉकेट इजरायल की तरफ दागे गये, उन सभी रॉकेट्स को इजरायली डिफेंस सिस्टम आयरन डोम ने आकाश में ही मार गिराया।
कैसे शुरू हुआ था संघर्ष?
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने इस्लामिक जिहाद समूह के एक बड़े नेता 'बासम अल-सादी' को गिरफ्तार किया था और ऐसी आशंका थी, कि अपने नेता की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए 'इस्लामिक जिहाद' इजरायल के खिलाफ किसी ऑपरेशन को अंजाम देने वाला है, लेकिन इससे पहले की 'इस्लामिक जिहाद' इजरायल के खिलाफ कुछ कर पाता, इजरायली सेना ने 'इस्लामिक जिहाद' के ठिकानों पर रॉकट दागने शुरू कर दिए। जवाब में इस्लामिक जिहाद ने भी इजरायल पर सैकड़ों रॉकेट दागे। तेहरान में एक संवाददाता सम्मेलन में, 'इस्लामिक जिहाद' के नेता ज़ियाद अल-नखला ने कहा कि, काहिरा अल-सादी की "मुक्ति को सुरक्षित करने के लिए काम करेगा"। इजरायल और मिस्र के अधिकारियों ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया। वहीं, रविवार को भी 'इस्लामिक जिहाद'ने येरूशलम की तरफ भारी गोलाबारी करनी जारी रखी और उसे उसने अपने दक्षिणी गाजा कमांडर के मारे जाने का प्रतिशोध बताया, जिसे इजरायल ने रॉकेट हमले में मार गिराया था। इस संघर्ष में 'इस्लामिक जिहाद' के दो बड़े कमांडर मारे गये हैं, जो इसके लिए बहुत बड़ा झटका है।
इजरायल ने सैकड़ों रॉकेट आकाश में उड़ाए
इजराइल ने कहा कि, उसके आयरन डोम इंटरसेप्टर ने शहर के पश्चिम में रॉकेटों को मार गिराया। वहीं, इजरायली सेना ने ये भी कहा, कि गाजा की तरफ से जो रॉकेट दागे गये, उनमें से कुछ रॉकेट गाजा शहर पर ही गिर गये, जिसमें कई फिलीस्तीनी मारे गये, जबकि हमास ने कहा कि सभी फिलिस्तीनी मौतें इजरायल के हमलों के कारण हुईं। आपको बता दें कि, इजरायल और फिलीस्तीन के बीच हालिया समय में 2008-09, 2012, 2014 और पिछले साल भी युद् लड़ा था, जिसकी वजह से फिलीस्तीनी शहर खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। फिलीस्तीन बहुत हो-हल्ला करते हुए इजरायल से भिड़ तो जाता है, लेकिन बुरी तरह मार खाने के बाद जमीन पर औंधे मुंह गिर जाता है, जैसा इसबार हुआ है। अपने एक नेता की गिरफ्तारी से आक्रोशित हुए इस्लामिक जिहाद और और बड़े कमांडर और 44 अन्य के मारे जाने के बाद शांत हुआ है। वहीं, बर्बाद होते अपने शहर को लेकर गाजा के एक टैक्सी ड्राइवर ने कहा कि, "कौन युद्ध चाहता है? कोई नहीं। लेकिन हम भी चुप रहना पसंद नहीं करते हैं जब महिलाएं, बच्चे और नेता मारे जाते हैं।" टैक्सी ड्राइवन ने "एक आंख के लिए एक आंख" की दलील दी।
इजरायली हमले में बर्बाद होता गाजा शहर
संघर्ष विराम होने से पहले दक्षिणी गाजा पट्टी में आतंक की एक और रात गुजरी, जब इजरायली युद्धक विमानों ने फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) आंदोलन में शामिल एक वरिष्ठ कमांडर खालिद मंसूर के साथ-साथ आसपास के कई नागरिकों को मार डाला। रविवार की तड़के तक, नागरिक सुरक्षा और बचाव दल ने सीमित उपकरणों के बावजूद, शरणार्थी शिविर के मलबे के नीचे से मृतकों और घायलों के शवों को निकालना जारी रखा। अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को राफा बम विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि इजरायल के तीन दिवसीय हमले में 43 अन्य लोगों की मौत हो गई, जिनमें 15 बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं। 300 से अधिक अन्य फिलिस्तीनी घायल हो गए हैं। गाजा की संकरी गलियों ने बचाव प्रक्रिया को और अधिक कठिन बना दिया गया था, क्योंकि एस्बेस्टस की छत वाले घर काफी करीब करीब बने हुए हैं। बचाव दल को आसानी हो और विस्फोट वाली जगह से घायलों को बाहर निकाला जा सके, इसके लिए 46 साल के अल-कैशी ने कहा कि, उन्होंने अपना घर बुलडोजर से तोड़ दिया, ताकि उनके पड़ोसियों तक मदद पहुंचे।
GAZA: क्या है फिलीस्तीन का 'इस्लामिक जिहाद', इजरायल इसके कमांडर्स को चुन-चुन कर क्यों मार रहा?