इराकी सेना से लड़ने को आईएसआईएस आम नागरिकों को बना रहा ढाल
आंतकी संगठन आईएसआईएस इराक में अपने ढहते किले को बचाने के लिए आम नागरिकों का इस्तेमाल कर रहा है।
इराक। आंतकी संगठन आईएसआईएस इराक में अपने ढहते किले को बचाने के लिए आम नागरिकों का इस्तेमाल कर रहा है। इराकी फौजों को लगातार अपने गढ़ की तरफ बढ़ता देख आतंकी ऐसा कर रहे हैं।
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के कब्जे वाले मोसुल के सीमावर्ती इलाकों की तरफ इराकी और कुर्दिश फौजें लगातार बढ़ रही हैं। आतंकी संगठन की ताकत लगातार घट रही है और वो खुद को इराकी सेना का सामना करने में असफल पा रहे हैं।
मोसुल शहर के लोगों का कहना है अपनी जान बचाने के लिए आतंकी उनको मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
विदेश सचिव ने माना, पहले भी LOC के पार जाकर सेना ने किए ऑपरेशन
नागरिकों के अनुसार, इराकी फौजें शहर से महज 20-25 किमी दूर हैं। ऐसे में खतरे को देखते हुए शहरियों ने मोसुल के पूर्वी हिस्से से मध्य हिस्से की तरफ पलायन करना शुरू कर दिया है।
आईएसआईएस के आतंकी लोगों को मोसुल से बाहर जाने से रोक रहे हैं और लोगों को उन इमारतों में रहने के लिए कह रहे हैं जिनमें वे खुद अभी तक रह रहे थे।
करवा चौथ: निर्जला रहने पर भी चांद की तरह दमकती हैं स्त्रियां
शहरियों को हवाई हमले की जद में आने वाली इमारतों में रखा जा रहा
शहर की यूनिवर्सिटी के पास रहने वाले अबू माहिर ने कहा कि आईएसआईएस ने लोगों का इस्तेमाल अपने बचाव में शुरू कर दिया है। शहरियों को उन इमारतों में रहने को कहा जा रहा है, जिन पर हवाई हमला होने का खतरा है।
आजम बोले मैं पीएम बना तो हर भारतीय के खाते में जमा कराऊंगा 20 लाख
इराकी और कुर्दिश सेनाओं ने अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना के साथ सोमवार से मोसुल की तरफ बढ़ना शुरू किया है। मोसुल 2014 से आईएसआईएस के कब्जे में हैं।
मोसुल में 15 लाख लोग रहते हैं। माना जा रहा है कि आईएस के शीर्ष नेता और हजारों लड़ाके मोसुल में मौजूद हैं, जो इराकी सेना की कार्रवाई से बौखलाए हुए हैं।
अभिनेता ओमपुरी ने जन्मदिन पर शहीद नितिन यादव के घर जाकर किया प्रायश्चित, परिजनों से मांगी माफी