आईएस ने मोसुल की ऐतिहासिक मस्जिद को उड़ाया
मोसुल की अल नूरी मस्जिद से ही इस्लामिक स्टेट ने 2014 में "ख़िलाफ़त" का एलान किया था.
इराक़ी सेना का कहना है कि ख़ुद को इस्लामिक स्टेट कहने वाले गुट ने मोसुल में अल-नूरी मस्जिद को उड़ा दिया है.
ये वही मस्जिद है जहाँ से आईएस के नेता अबू बक्र अल-बग़दादी ने 2014 में "ख़िलाफ़त" का एलान किया था.
हालाँकि आईएस ने दावा किया है कि ये मस्जिद एक अमरीकी लड़ाकू विमान के हमले में नष्ट हुई.
इससे पहले मोसुल पर कब्ज़े के लिए आगे बढ़ रही इराक़ी सेना के कमांडर ने बुधवार को बीबीसी को बताया था कि वे मस्जिद से 15 मीटर दूर हैं.
इराक़ ने शुरू की मोसुल को वापस हासिल करने की कोशिशें
क्या हवाई हमले में मारा गया अबू बक़्र अल बग़दादी?
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि आईएस ने संभवतः वहाँ एक लाख लोगों को रोका हुआ है जिसे वो मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है.
मोसुल की " आज़ादी " का अभियान
इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ जारी अभियान में हज़ारों इराक़ी सुरक्षाकर्मी, कुर्द पशमर्गा लड़ाके, सुन्नी अरब क़बायली और शिया मिलिशिया लड़ रहे हैं जिन्हें अमरीका की अगुआई वाला सैन्य गठबंधन हवाई सहयोग और सैन्य परामर्श दे रहा है.
ये अभियान 17 अक्तूबर 2016 को शुरु किया गया था.
इराक़ सरकार ने जनवरी 2017 में मोसुल को पूरी तरह से "आज़ाद" करा लेने की घोषणा की थी.
मगर शहर के पश्चिमी हिस्से में लड़ाई काफ़ी कठिन साबित हो रही हैं जहाँ रास्ते काफ़ी संकरे हैं.
अल-नूरी मस्जिद के कुछ हिस्से और उसकी झुकी मीनारें वहाँ सैकड़ों वर्षों से खड़ी हैं.
इस्लामिक स्टेट ने जून 2014 में मोसुल पर कब्ज़ा किया था.
इसके एक महीने बाद जुमे को इस्लामिक स्टेट के नेता बग़दादी बहुत वर्षों बाद इस मस्जिद से नज़र आए.
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