जर्मनी में केमिकल वेपन से ‘इस्लामिक हमला’ करने वाला था ईरानी शख्स, गिरफ्तार करने में पुलिस के छूटे पसीने
जर्मनी की नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया पुलिस ने कि संदिग्ध बड़ा हमला करने के लिए साइनाइड और राइसिन के इस्तेमाल करने की साजिश रच रहा था। पुलिस ने सुरक्षासूट पहन कर उसे पकड़ा।
File Image: PTI
जर्मनी में पुलिस ने 32 साल के एक ईरानी मूल के नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। इस शख्स पर 'इस्लाम से प्रेरित होकर' देश में बड़े रासायनिक हमले की साजिश रचने का आरोप है। पुलिस ने जर्मनी के डोर्टमंड के कैस्ट्रोप रौक्सेल शहर में इस संदिग्ध को पकड़ा है। जानकारी के मुताबिक संदिग्ध को पकड़ने के लिए पुलिस को सुरक्षात्मक सूट पहना पड़ा। पुलिस ने इस मामले में ईरानी नागरिक के साथ एक और शख्स को भी हिरासत में लिया है जिसे संदिग्ध का भाई बताया जा रहा है।
शनिवार की रात हुई गिरफ्तारी
नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया पुलिस ने एक बयान में कहा, "व्यक्ति बड़ा हमला करने के लिए साइनाइड और राइसिन के इस्तेमाल करने की साजिश रच रहा था।" पुलिस और अभियोजन ने संयुक्त बयान में कहा है कि इस्लामिक कट्टरपंथ से प्रभावित होकर दोनों ने गंभीर हमला करने की साजिश रची थी। पुलिस ने व्यक्ति के उस घर पर छापा मारा जहां वह रह रहा था। छापेमारी के दौरान पुलिस ने साइनाइड और राइसिन भी बरामद किया है। पुलिस की एक प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तारी शनिवार की आधी रात से पहले की गई।
जर्मनी में इस्लाम से प्रेरित हमले बढ़े
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रासायनिक खतरे के कारण सुरक्षा अधिकारी सुरक्षात्मक सूट पहनकर छापा मारने गए थे। जर्मन दैनिक बिल्ड ने बताया कि जर्मन अधिकारियों को कई दिनों पहले एक विदेशी खुफिया सेवा द्वारा "रासायनिक बम" से हमले के जोखिम के बारे में बताया गया था। इसके बाद पुलिस ने इसकी छानबीन की और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा कि संदिग्ध को संभावित पूर्व परीक्षण हिरासत से पहले जांच न्यायाधीश के सामने आने वाले दिनों में पेश किया जाएगा। हाल के सालों में जर्मनी में कई हमले हुए हैं, जिनके पीछे इस्लाम से प्रेरित लोगों का हाथ बताया गया था।
बेहद
खतरनाक
है
राइसिन
जहर
आपको
बता
दें
कि
राइसिन
को
बेहद
जहरीला
जैविक
हथियार
माना
जाता
है।
राइसिन,
एक
तरीके
का
जहरीला
प्रोटीन
होता
है
जो
कि
अरंडी
पौधे
के
बीज
में
पाया
जाता
है।
अरंडी
का
यह
तेल
दवाइयों
में
काम
आता
है।
राइसिन
शरीर
में
जाने
के
बाद
कोशिकाओं
को
संक्रमित
कर
देता
है
और
प्रोटीन
बनने
की
प्रकिया
बंद
कर
देता
है।
इससे
शरीर
के
जरूरी
अंग
काम
करना
बंद
कर
देते
हैं
जिससे
लोगों
की
मौत
हो
जाती
है।
राइसिन
जहर
का
अभी
तक
कोई
एन्टीडोट
नहीं
बन
पाया
है।
मतलब
अगर
ये
जहर
अगर
नमक
की
मात्रा
में
भी
किसी
शरीर
तक
पहुंचा
दिया
जाए
तो
फिर
बचने
की
कोई
उम्मीद
नहीं
है।
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