ईरान ने चार लोगों को फांसी पर लटकाया, इजरायल के मोसाद के लिए जासूसी करने का लगाया आरोप
रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ये लोगों को अगवा कर उनसे सरकारी जानकारी हासिल करते थे। इसके बदले में मोसाद इन्हें क्रिप्टोकरेंसी देता था।
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ईरानी अधिकारियों ने इजराइल की मोसाद खुफिया एजेंसी के लिए काम करने के आरोप में रविवार को चार लोगों को मौत की सजा दी है। सरकारी आईआरएनए समाचार एजेंसी के मुताबिक तीन अन्य लोगों को लंबी जेल की सजा मिली है। समाचार एजेंसी के मुताबिक इन सदस्यों का पिछला आपराधिक रिकॉर्ड था और इन्होंने देश की सुरक्षा को बाधित करने की कोशिश थी।
3 लोगों मिली लंबी सजा
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी इरना के मुताबिक, जिन कथित जासूसों को फांसी दी गई है, उनमें शाहीन इमानी मोहमदाबादी, हुसैन ओरदोखानजादा, मिलाद अशरफी और मनौचेहर शाहबंदी शामिल हैं। समाचार एजेंसी के मुताबिक, समूह के तीन अन्य सदस्यों को पांच से 10 साल की जेल की सजा दी गई। इन तीन लोगों की पहचान जाहिर नहीं की गई है।
मजदूरी के रूप में क्रिप्टोकरेंसी देता था मोसाद!
रिवोल्यूशनरी गार्ड ने जासूसी के आरोप में इन्हें गिरफ्तार किया था और आरोप लगाया गया था कि इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद से जुड़े हुए थे। रिवोल्यूशनरी गार्ड के मुताबिक ये लोग अपहरण की घटना को अंजाम देते थे और उनसे पूछताछ करते थे। इसके साथ ही ये निजी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करते थे। इनके पास से हथियार भी बरामद हुए थे। ईरानी सेना का दावा था कि ये मोसाद द्वारा मजदूरी के रूप क्रिप्टोकरेंसी हासिल करते थे।
एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं इजरायल-ईरान
ईरान और इस्राइल एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं। ईरान इजरायल को मान्यता नहीं देता है और इजरायल विरोधी आतंकवादी समूहों जैसे हिजबुल्लाह और हमास का समर्थन करता है। ईरान और इस्राइल लंबे समय से एक-दूसरे पर जासूसी के आरोप लगाते रहे हैं। इजराइल ईरान को अपना सबसे बड़ा खतरा मानता है और ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए बार-बार सैन्य कार्रवाई करने की धमकी देता रहा है। ईरान ऐसे हथियारों की मांग से इनकार करता है और किसी भी इजरायली आक्रमण का कड़ा जवाब देने की कसम खाई है।