जकार्ता नहीं अब ये शहर होगा इंडोनेशिया की नई राजधानी, जानिए सरकार ने क्यों लिया यह फैसला
जकार्ता, 20 जनवरी। दक्षिण-पूर्व एशिया के अहम देश इंडोनेशिया ने अपनी राजधानी को बदलने का फैसला लिया है। इंडोनेशिया ने देश की राजधानी को बदलने के लिए बिल को पास कर दिया है। जिसके बाद इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता से बदलकर बोर्नियो आइसलैंड पर स्थित शहर नूसंतरा होगी। नूरसंतरा (IKN) बोर्नियो आइसलैंड पर स्थित ईस्ट कलिमंत प्रांत में स्थित है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने 2019 में ही इंडोनेशिया की राजधानी को जकार्ता से बदलकर नूसंतरा करने का फैसला लिया था। लेकिन अब इसका आधिकारिक बिल अब जाकर पास हो गया है। राष्ट्रपति ने 2019 में कहा था कि हमने राजधानी को बदलने का फैसला लिया है, इसके लिए हमने विस्तृत अध्ययन किया है।
2024
तक
पूरा
होगा
पहला
चरण
इंडोनेशिया
की
राजधानी
जकार्ता
से
नूसंतरा
पूरी
तरह
से
2024
तक
शिफ्ट
हो
जाएगी।
नूसंतरा
का
कुल
क्षेत्रफल
256142
हेक्टेअर
है।
राजधानी
को
शिफ्ट
करने
का
पहले
चरण
का
काम
2024
तक
पूरा
हो
जाएगा।
इसके
बाद
नूसंतरा
ही
विदेशी
संबंधों
के
लिए
देश
की
राजधानी
होगी,
यहीं
पर
अंतरराष्ट्रीय
संगठन
के
मुख्यालय
और
राजनयिकों
के
कार्यालय
स्थापित
होंगे।
राष्ट्रपति
विडोडो
ने
देश
की
राजधानी
को
बदलने
की
बड़ी
वजह
बढ़ती
वित्तीय
अनियमितता
और
पर्यावरण
से
जुड़ी
समस्याओं
को
नियंत्रित
करने
के
लिए
किया
था।
उस
वक्त
ही
इंडोनेशिया
की
सरकार
ने
इस
बिन
को
तैयार
किया
था,
जिसे
मंगलवार
को
इंडोनेशिया
की
संसद
ने
पास
कर
दिया।
शुरू
होगी
आधिकारिक
प्रक्रिया
नई
राजधानी
के
निर्माण
के
लिए
एक
स्पेशल
कमेटी
का
गठन
किया
गया
था।
इस
बिल
में
नूसंतरा
को
देश
की
नई
राजधानी
बनाने
का
प्रस्ताव
रखा
गया
था।
जिसे
देश
की
संसद
ने
पास
कर
दिया
है
और
अब
राष्ट्रपति
के
हस्ताक्षर
के
बाद
राजधानी
को
आधिकारिक
रूप
से
बदलने
की
प्रक्रिया
शुरू
हो
जाएगी।
नूसंतरा
से
जुड़ी
तमाम
जिम्मेदारियों
को
पूरा
करने
का
जिम्मा
राजधानी
के
मुखिया
के
पास
होगी।
इसके
साथ
ही
आईकेएन
की
स्पेशल
सरकार
की
तमाम
जरूरी
काम
को
पूरा
करने
की
जिम्मेदारी
दी
जाएगी।
33
बिलियन
डॉलर
का
खर्च
स्पेशल
कमेटी
के
डेप्युटी
चेयर
सान
मुस्तफा
ने
कहा
कि
नूसंतरा
के
मुखिया
मंत्री
के
समकक्ष
ही
होंगे।
नूसंतरा
को
विश्व
स्तर
के
शहर
के
तौर
पर
विकिसत
किया
जाएगा।
इसे
कुछ
इस
तरह
से
तैयार
किया
जाएगा
कि
इसे
विश्व
स्तरीय
सुविधाओं
से
लैस
किया
जाए।
बिल
में
कहा
गया
है
कि
नूसंतरा
शहर
को
इंडोनेशिया
की
अर्थव्यवस्था
को
भविष्य
में
आगे
बढ़ाने
वाला
बनाना
है।
नूसंतरा
को
स्थापित
करने,
राजधानी
को
स्थापित
करने
और
इसके
विकास
कार्य
में
होने
वाले
सभी
खर्च
को
इंडोनेशिया
के
बजट
से
आवंटित
किया
जाएगा।
हालांकि
बिल
में
बजट
को
लेकर
कुछ
भी
स्पष्ट
नहीं
कहा
गया
है
लेकिन
रिपोर्ट
की
मानें
तो
नई
राजधानी
को
स्थापित
करने
में
33
बिलियन
डॉलर
का
खर्च
आएगा
काफी
समय
से
हो
रहा
था
विचार
नई
राजधानी
के
साथ
ही
इंडोनेशिया
सरकार
के
तमाम
संस्थान
भी
नूसंतरा
में
स्थापित
किए
जाएंगे,
इसके
साथ
ही
सरकारी
दफ्तार,
अधिकारियों
के
घर,
मंत्रियों
के
घर,
राष्ट्रपति
आवास
आदि
को
भी
नई
राजधानी
में
स्थापित
किया
जाएगा।
राजधानी
को
बदलने
की
मुख्य
वजह
जकार्ता
की
बढ़ती
हुई
आबादी
थी।
पूर्व
के
कई
इंडोनेशिया
के
राष्ट्रपति
इस
समस्याका
समाधान
तलाशने
की
कोशिश
कर
रहे
थे।
2019
में
राष्ट्रपति
ने
कहा
था
कि
नूसंतरा
कूटनीतिक
तौर
पर
काफी
अहम
है,
यह
इंडोनेशिया
का
केंद्र
है
और
शहरी
क्षेत्र
के
करीब
है,
जकार्ता
पर
इस
समय
काफी
दबाव
है,
इसका
असर
सरकार,
व्यापार,
वित्त,
व्यापार,
सेवा
आदि
पर
पड़ता
है।
क्यों
बदली
गई
राजधानी
गौर
करने
वाली
बात
है
कि
जकार्ता
1949
से
इंडोनेशिया
की
राजधानी
है।
लेकिन
पिछले
कुछ
दशकों
में
यहां
की
आबादी
में
काफी
इजाफा
हो
गया
है।
जकार्ता
में
वायु
प्रदूषण
काफी
अधिक
है।
शहर
में
प्रदूषण
का
स्तर
भी
काफी
बढ़
गया
है,
यह
दुनिया
के
सबसे
प्रदूषित
शहरों
में
से
एक
है।
इसके
अलावा
जकार्ता
से
राजधानी
को
बदलने
की
वजह
है
जावा
आइलैंड
पर
बढ़ती
असमानता,
एक
तरफ
जहां
जाकार्ता
कलिमंतन
से
क्षेत्रफल
की
तुलना
में
काफी
छोटा
है
लेकिन
जकार्ता
की
आबादी
कहीं
अधिक
है।
इन
देशों
की
बदली
राजधानी
इंडोनेशिया
पहला
देश
नहीं
है
जिसने
अपने
देश
की
राजधानी
बदलने
का
फैसला
लिया
है।
इससे
पहले
भी
ई
देश
अपनी
राजधानी
को
बदल
चुके
हैं।
इसमे
ब्राजील
जैसे
देश
शामिल
हैं।
ब्राजील
की
पहले
राजधानी
रियो
डी
जेनेरियो
थी
लेकिन
बाद
में
इसे
ब्राजीलिया
कर
दिया
गया।
इसके
अलावा
नाइजीरिया
की
राजधानी
को
लागोस
से
अबुजा
कर
दिया
गया।
कजाकिस्तान
की
राजधानी
अलमाती
से
बदलकर
नूर
सुल्तान
कर
दी
गई।
वहीं
म्यांमार
की
राजधानी
को
रंगून
से
बदलकर
नैपिदा
कर
दिया
गया।